शहडोल : न्यायालय ने दिये डीपीसी सहित चार भाइयों पर अपराध कायम करने के आदेश

शहडोल, मध्यप्रदेश : जिला सत्र् न्यायालय में मामले की सुनवाई के बाद पुलिस को चारों भाईयों के खिलाफ भादवि की धारा 182, 211 के तहत अपराध कायम कर चालान प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
न्यायालय ने दिये डीपीसी सहित चार भाइयों पर अपराध कायम करने के आदेश
न्यायालय ने दिये डीपीसी सहित चार भाइयों पर अपराध कायम करने के आदेशसांकेतिक चित्र

हाइलाइट्स :

  • पूर्व विधायक व पुत्र पर लगाये थे हत्या के प्रयास के झूठे आरोप

  • अपनी ही बिछाई बिसात में फंसे त्रिपाठी बंधु

  • 2015 में की थी झूठी शिकायत, खुद पर दर्ज होंगी वही धाराएं

शहडोल, मध्यप्रदेश। वर्ष 2015 में डीपीसी मदन त्रिपाठी सहित तीन भाईयों ने पूर्व भाजपा विधायक छोटेलाल सरावगी और उनकी पुत्र राज कुमार सरावगी के खिलाफ, हत्या का प्रयास करवाने की शिकायत थाने में दी थी। पुलिस ने जांच में इसे झूठा पाया। पूर्व विधायक ने झूठी शिकायत पर मामला कायम करने का आवेदन दिया। अंतत: न्यायालय ने बीते दिवस चारों त्रिपाठी बंधुओं के खिलाफ अपराध कायम करने के आदेश दे दिये।

पूर्व भाजपा विधायक छोटेलाल सरावगी और उनके कारोबारी पुत्र राज कुमार सरावगी के खिलाफ जिला शिक्षा केन्द्र के समन्वयक मदन त्रिपाठी, उनके भाई राजेश त्रिपाठी, राकेश त्रिपाठी व महेन्द्र त्रिपाठी ने अलग-अलग स्थानों पर हत्या करवाने की शिकायत दी थी, बुढ़ार थाने सहित धनपुरी एसडीओपी, शहडोल एसपी व रेंज के आईजी को दी गई शिकायत की जांच जब पुलिस ने की तो, मामला झूठा निकला। शतरंज की बिसात में त्रिपाठी बंधुओं द्वारा जो बिसात सरावगी परिवार के लिए बिछाई गई थी, वे उसमें खुद ही फंस गये। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने विभिन्न पक्षों से बयान लिए तथा मौका जांच की, जिसके उपरांत चारों भाईयों के द्वारा लगाये गये आरोप मित्थ्या पाये गये। त्रिपाठी बंधुओं की झूठी शिकायत उन्हीं के गले की फांस बन जायेगी, शायद उनको इसका भान तक नहीं था, इस मामले में माननीय न्यायालय ने संबंधित थाने को 9 मार्च को दिये गये अपने आदेशों में इस बात का उल्लेख किया कि चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 182 व 211 के तहत अपराध कायम कर, चालान पेश किया जाये।

यह है शिकायतों का सार :

मदन त्रिपाठी जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल के समन्वयक, डॉ. राजेश त्रिपाठी तत्कालीन संभागीय अधिकारी चाइल्ड हेल्थ, राकेश त्रिपाठी बीसीसीआई एम्पायर व प्रांतीय सह सचिव क्रीडा भारती व महेन्द्र त्रिपाठी शिक्षक बुढ़ार के द्वारा बुढ़ार थाने में वर्ष 2015 में यह शिकायत दी गई कि सभी वार्ड नंबर 1 धनपुरी के निवासी हैं, पूर्व विधायक छोटेलाल सरावगी और उनके पुत्र राज कुमार सरावगी के द्वारा जान से मारने का प्रयास किया गया है। इससे पूर्व भी 21 मार्च 2006 को डॉ. राजेश त्रिपाठी के द्वारा धनपुरी रोड पर स्थित क्लीनिक में राज कुमार सरावगी और उसके साथियों द्वारा हमला करने की शिकायत की गई। शिकायतों के क्रम में डॉ. राजेश त्रिपाठी का अपने देवहरा स्थित ससुराल से बच्चों सहित वापस आते समय, रात्रि में वाहन रोककर हमला करने का प्रयास किया गया, मदन त्रिपाठी को रात्रि में घर में सोते समय खिड़की तोड़कर हमलावरों द्वारा हत्या का प्रयास किया गया। दिनांक 15 अप्रैल 2015 को डॉ. राजेश त्रिपाठी अमरपुर के ग्राम डिगिया में निरीक्षण कर रहे थे, इसी दौरान दो लोगों ने गैती से हमला कर दिया आदि शिकायतें समय-समय पर की गई।

पुलिस जांच से खुले राज :

पूर्व विधायक छोटेलाल सरावगी के द्वारा त्रिपाठी बंधुओं द्वारा की गई शिकायतों के संदर्भ में पुलिस द्वारा की गई जांच रिपोर्ट सूचना के अधिकार से 11 सितम्बर 2015 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय शहडोल से प्राप्त की गई। जिसके बाद छोटेलाल सरावगी ने बुढ़ार थाने में 26 अक्टूबर 2015  को चारो भाईयों के खिलाफ झूठी शिकायत करने के साथ ही, पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी की छवि खराब करने का उद्देश्य बताते हुए, इनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 182 व 211 के तहत अपराध कायम करने की शिकायत प्रेषित की।

पुलिस ने झाड़ा था पल्ला :

बुढ़ार थाने में पदस्थ तत्कालीन थाना प्रभारी सहित पुलिस के आलाधिकारियों जिन्हें पूरे मामले की प्रतिलिपि पूर्व भाजपा विधायक द्वारा अपराध कायम करने के लिए दी गई थी, इसे पुलिस ने गंभीरता से न लेते हुए, अपना पल्ला झाड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में त्रिपाठी बंधुओं द्वारा की गई शिकायत की जांच तो, पूरी निष्पक्षता के साथ की, लेकिन शिकायत झूठी पाये जाने के बाद, पीडि़त पक्ष द्वारा मिली शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। जबकि झूठी शिकायत से भाजपा के पूर्व विधायक और उनके कारोबारी पुत्र के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 व 109 का मामला दर्ज हो जाता। इस संदर्भ में 26 अक्टूबर को थाना बुढ़ार और इससे पहले 18 अगस्त को एसडीओपी धनपुरी को शिकायत भी पीड़ित द्वारा दी गई थी।

माननीय न्यायालय से मिला न्याय :

पुलिस द्वारा इस मामले में प्राप्त कई शिकायतों को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया और त्रिपाठी बंधुओं के खिलाफ कोई अपराध कायम नहीं किया गया तो, छोटेलाल सरावगी और उनके पुत्र ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्लयूपी 392/16 प्रस्तुत की, जिसमें परिवादी द्वारा उपरोक्त याचिका परिवाद प्रस्तुत करने व अन्य न्योचित कार्यवाही किये जाने की स्वतंत्रता का निर्देश दिनांक 04 मार्च 2017 को प्राप्त किया। जिसके बाद जिला सत्र् न्यायालय में उक्त मामले की सुनवाई के बाद बीते दिवस पुलिस को चारो भाईयों के खिलाफ भादवि की धारा 182, 211 के तहत अपराध कायम कर चालान प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

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