दवा कंपनी के एरिया मैनेजर भरे बाजार अपहरण किया
दवा कंपनी के एरिया मैनेजर भरे बाजार अपहरण कियासांकेतिक चित्र

दवा कंपनी के एरिया मैनेजर भरे बाजार अपहरण किया, बंधक बनाकर धुनाई की, 1.40 लाख रुपए छीने

भोपाल, मध्यप्रदेश : हनुमानग गंज थाना इलाके में स्थित घोड़ा निक्कास की एक दवा एजेंसी के संचालक ने फार्मा कंपनी के एरिया मैनेजर को साथी के साथ मिलकर अगवा करने का मामला सामने आया है।

भोपाल, मध्यप्रदेश। हनुमानग गंज थाना इलाके में स्थित घोड़ा निक्कास की एक दवा एजेंसी के संचालक ने फार्मा कंपनी के एरिया मैनेजर को साथी के साथ मिलकर अगवा कर लिया। आरोपी उसे खाली मकान में बने गोडाउन में ले गए। वहां युवक की जमकर धुनाई की गई। पांच घंटे तक उसे बंधक बनाकर रखा गया। आरोपियों ने उसकी जेब में रखे बीस हजार रुपए ले लिए। इतना ही नहीं ऑनलाइन 1.20 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कराए। इसके बाद में जान से मारने की धमकी देकर फरियादी को छोड़ दिया। पूरा वाक्या 15 मार्च का है, पीडि़त ने शुक्रवार को थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।

टीआई महेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार राजीपिंडी विक्टा शिवा रेड्डी पुत्र बेगल रेडी (37) हैदराबाद का निवासी है। वह स्कर्स फार्मा सिटी प्रायवेट लिमिटेड कंपनी में बतौर एरिया मैनेजर काम करता है। कंपनी के कार्य से बीती 15 मार्च को भोपाल आया था। यहां कंपनी के कार्य से घोड़ा निक्कास में घूम रहा था। तभी उसे कमल मेडिकल ऐजेंसी का संचालक गौरव जैन और नितिन ने देख लिया। आरोपियों ने बाजार से ही युवक को जबरन अगवा कर लिया। एक बाइक पर बैठाकर दोनों उसे लेकर घोड़ा निक्कास के ही एक सूने आवास में बने गोडाउन में ले गए। वहां उसे बांध कर बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद में 1.40 लाख रुपए की मांग की। उक्त रकम आरोपियों को फरियादी की कंपनी से लेना है। दरअसल पूर्व में आरोपियों ने फरियादी की कंपनी से कुछ दवा आर्डर पर खरीदी थींं। किन्ही कारणों से दवा लौटा दी गई थीं। जिसके एवज में कंपनी की ओर से 1.40 लाख रुपए का रिफंड ट्रांसफर नहीं किया गया था। उक्त डील फरियादी के माध्यम से हुई थी। लंबे समय से फरियादी भोपाल नहीं आया था। 15 तारीख को उसे देखते ही आरोपियों ने अगवा कर लिया और बंधक बनाकर जमकर मारपीट की। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि उसका काम केवल आर्डर नोट करना और भिजवाने तक का है। लेन-देन सीधा कंपनी में होता है। उसने आरोपियों को बताया था कि रकम लौटाने की जि मेदारी कंपनी की है। रकम नहीं देने की हालत में वह कंपनी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई कराएं।

आरोपी बोले हम सिर्फ तुझे जानते हैं :

इसके बाद भी आरोपी नहीं माने तो और मारपीट कर रकम उन्हीं से वसूल करने की बात पर अड़े रहे। आरोपी बोल रहे थे हम कंपनी को नहीं सिर्फ तुझे जानते हैं। तब रेड्डी ने 25 हजार रुपए आरोपियों को ऑन लाइन ट्रांसफर किए और बीस हजार रुपए केश दिए। आरोपी पूरी रकम मिलने पर ही जान बक्शने की बात पर अड़े रहे। मजबूरन फरियादी ने 45 हजार रुपए पत्नी से अपने खाते में मंगवाए और एक लाख रुपए अपनी कंपनी के मालिक उदय किरण से खाते में ट्रांसफर कराए। जिसमें से 95 हजार रुपए और दो बार में आरोपियों के खाते में ट्रांसफर किए। तब करीब पांच घंटे बाद आरोपियों ने फरियादी रिहा किया। जिसके बाद में उसने 17 मार्च को मालिक के साथ में थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया। वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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