ट्रिपल मर्डर से पुलिस ने हटाया पर्दा
ट्रिपल मर्डर से पुलिस ने हटाया पर्दाShahid

Gwalior : भतीजे ने उतारा था मौसा, मौसी व उनकी दत्तक बेटी को मौत के घाट

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : पति, पत्नी व उनकी दत्तक पुत्री की हत्या के मामले से पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। वारदात को अंजाम मृतक के साढू के बेटे व उसके साथी ने दिया था।

हाइलाइट्स :

  • लूट के लिए अपने साथी के साथ भतीजे ने दिया था वारदात को अंजाम

  • मुरार के तिकोनियां में हुई ट्रिपल मर्डर की वारदात से पुलिस ने हटाया पर्दा

  • दोनों आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, तीन दिन के अंदर किया पर्दाफाश

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। पति, पत्नी व उनकी दत्तक पुत्री की हत्या के मामले से पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। वारदात को अंजाम मृतक के साढू के बेटे व उसके साथी ने दिया था। वारदात करने के पीछे का कारण लूट करना बताया गया है। बड़ी बात यह है कि पुलिस ने तीन- तीन लोगों की हत्या करने के मामले से महज तीन दिन के अंदर पर्दा हटा दिया और आरोपियों को दबोच लिया। साथ ही पुलिस ने लूट में गए 39 हजार रुपए, करीब ढाई किलो चांदी के जेवर व चार तोला सोने के गहने भी बरामद कर लिए हैं।

उप नगर मुरार के मुरार के अल्पना टॉकीज के पास रहने वाले जगदीश पाल 60 वर्ष, उसकी पत्नी सरोज उम्र 55 वर्ष और बेटी 11 वर्षीय कीर्ति पाल की हत्या कर दी गई थी। सोमवार की सुबह मृतकों की रिश्तेदार जब उनके घर गई थी, तब एक कमरे में उनके शव पड़े मिले थे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल में लग गई थी। पुलिस टीम द्वारा लूट, प्रोपर्टी व ब्याज के दृष्टिकोण से जांच को आगे बढ़ाया गया। इसी दौरान एएसपी राजेश दण्डोतिया को एक मुखबिर मिला, जिसने कुछ खास जानकारी वारदात के संबंध में दी। इसके बाद पुलिस ने मुखबिर द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर लूट की दिशा में पड़ताल शुरू की। पुलिस टीमों द्वारा प्रकरण में मिले साक्ष्य तथा मृतक के घर के आसपास लगे हुए सीसीटीव्ही कैमरों की फुटेज को चैक किया गया। जिसमें मृतक जगदीश पाल के साढू का बच्चा सचिन संदिग्ध अवस्था में नजर आया। इस पर पुलिस ने सचिन की तलाश शुरू कर दी।

मौसा, मौसी उनकी बेटी की हत्या कर दूसरी मौसी के घर पहुंचा था सचिन :

वारदात का मुख्य आरोपी सचिन पाल है। जो कि मृतक जगदीश पाल के साढू विजय पाल के बड़े भाई किशन पाल का बेटा है। सचिन वारदात को अंजाम देने के बाद डबरा के ग्राम घरसौंदी में रहने वाली अपनी मौसी के घर चला गया था। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

हरेन्द्र राणा गैंग का सदस्य रहा है सचिन :

सचिन पाल का घर मृतक जगदीश के घर के ठीक सामने है। पुलिस द्वारा पड़ताल में पता चला है कि सचिन का पुराना क्राइम रिकॉर्ड भी है। वह हरेन्द्र राणा गैंग का सदस्य भी रहा है। उसके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हैं। इसके अलावा वारदात का दूसरा आरोपी घोड़ा उर्फ तरुण झा जनकगंज थाना क्षेत्र में रहता है। वह जनकगंज थाना क्षेत्र का निगरानी बदमाश है।

तरुण फंसाना चाहता था मौनू :

चूंकि तरुण जनकगंज इलाके का निगरानी बदमाश है, तब उसके लिए किसी भी वारदात को अंजाम देना मामूली बात है। वह कभी भी चोरी की वारदात को अंजाम देता रहा है। उसके खिलाफ चोरी के कई मामले दर्ज हैं। उक्त मामले में जब पुलिस ने सचिन व तरुण झा को पकड़ा, तब तरुण ने वारदात में एक अन्य युवक मौनू का नाम लिया। तरुण का कहना था, कि मौनू ही वारदात का मास्टर माइंड है। लेकिन जब पुलिस ने पड़ताल की तो सामने आया कि मौनू का इस मामले से कोई लेना, देना नहीं है। वह इन दिनों जेल में बंद है।

इस तरह दिया था वारदात को अंजाम :

पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह घोड़ा ने बताया कि शनिवार-रविवार दरमियानी रात चोरी के इरादे से ही घर में पीछे के रास्ते से दाखिल हुए थे। वारदात के दौरान मृतक की पत्नि ने उन्हें देख लिया था। इसलिए उन्होंने सबसे पहले सरोज की चाकू मारकर हत्या की थी।इसके बाद उन्होंने सो रहे जगदीश पाल की गला दबा घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद घोड़ा ने कीर्ती के सिर पर कट्टा अड़ाकर घर में रखेे माल के संबंध में जानकारी ले ली। इसके बाद घर में रखे सोने चांदी के जेवरात व नगदी लूट ली। इसके उपरांत ही उन्होंने तकिया से गला दबाकर कीर्ती की हत्या कर दी और लूटा हुआ माल लेकर फरार हो गए थे।

लूटे हुए माल को बेचने की फिराक में था :

पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर करी ढाई किलो चांदी व 4 तौला सोने के जेवर, 39 हजार रुपए नगद, 1 कट्टा 315 बोर 1 जिंदा राउण्ड तथा 1 चाकू बरामद किया गया है। पुलिस को पड़ताल में पता चला था, कि घोड़ा कुछ जेवरों को बेचने की फिराक में घूम रहा है। इसी से पुलिस का शक और अधिक गहरा गया था। वहीं आरोपी सचिन नगदी व जेवर को अपने घर की किचिन में रखकर अपने मौसी के घर चला गया था।

घर के आसपास घूम रहा था आरोपी :

7 सितम्बर को एएसपी राजेश दण्डोतिया को जरिए मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि ट्रिपल मर्डर की घटना दिनांक को कुछ संदिग्ध लोगों को मृतक के घर के आसपास देखा गया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त सूचना से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया। जिस पर से पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार एएसपी अपराध सत्येन्द्र सिंह तोमर से समन्वय स्थापित कर क्राईम ब्रांच की 4 टीमें बनाईं। जिसे नगर पुलिस अधीक्षक, मुरार रत्नेश सिंह तोमर ने लीड किया, थाना मुरार की दो टीमें बनाई। जिसका नेतृत्व थाना प्रभारी मुरार शैलेन्द्र भार्गव ने किया तथा दो सायबर सेल की टीम बनाई गई। इस प्रकार मामले के खुलासे के लिए पुलिस बल की कुल 8 टीमें बनाई जाकर संदेहियों की धरपकड़ के लिए लगाया गया।

सराहनीय भूमिका :

उक्त तिहरे हत्याकांड का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी मुरार निरीक्षक शैलेन्द्र भार्गव, उप पिरीक्षक केके पाराशर, उप निरीक्षक नरेन्द्र सिसोदिया, सहायक उप निरीक्षक रणवीर सिंह, प्रधान आर रामबाबू, भगवती सोलंकी, जितेन्द्र तिवारी, आरक्षक जयेन्द्र जादौन, योगेन्द्र गुर्जर, सुनील गोयल देवेश कुमार, गौरव आर्य, अरूण पवैया, रणवीर सिंह की सराहनीय भूमिका रही।

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