नियमों को ताक पर रखकर मल्टी निर्माण में बिल्डर और अफसर फंसे
नियमों को ताक पर रखकर मल्टी निर्माण में बिल्डर और अफसर फंसेसांकेतिक चित्र

Indore : नियमों को ताक पर रखकर मल्टी निर्माण में बिल्डर और अफसर फंसे

इंदौर, मध्यप्रदेश : ईओडब्ल्यू ने बिल्डर सहित आधा दर्जन से ज्यादा तात्कालीन अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। जांच में कई और रहस्य उजागर होने की संभावना है।

इंदौर, मध्यप्रदेश। खजराना में एक मल्टी के निर्माण में सूर्यशक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था के संचालक, बिल्डर ने ग्राम निवेश एवं नगर पालिका निगम के अफसरों से सांठगांठ कर अवैध तरीके से भवन अनुमति प्राप्त कर मल्टी में नियमों को ताक पर रखकर निर्माण के मामले में ईओडब्ल्यू ने बिल्डर सहित आधा दर्जन से ज्यादा तात्कालीन अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। जांच में कई और रहस्य उजागर होने की संभावना है।

ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह ने बताया कि पायोनियर रीयल इस्टेट के प्रो. राजेन्द्र कुमार पिता गिरधारी सिंह चौहान निवासी कंचनबाग, होल्डिंग्स तर्फे पार्टनर अनिल पिता तुकारामजी पंवार, मोतीबेला द्वारा सूर्यशक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इन्दौर के अध्यक्ष धरमपाल पिता गोविन्दराम टेकचन्दानी निवासी राजमहल कालोनी को ग्राम खजराना तहसील व जिला इन्दौर के खसरा नम्बर 1276 पर स्थित भू-भाग क्षेत्रफल 18830 वर्गफीट विक्रय किया गया था। उक्त भूमि पर बहुमंजिला भवन निर्माण कार्यों के विषय में सूर्यशक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इन्दौर के अध्यक्ष धरमपाल टेकचन्दानी द्वारा अटलांटा कंस्ट्रक्शन कंपनी तर्फे पार्टनर निखिल कोठारी, साउथ तुकोगंज से अनुबंध किया गया था। मेसर्स होल्डिंग्स द्वारा ग्राम खजराना स्थित भूमि पर आवासीय प्रयोजन हेतु स्थल अनुमोदन प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये थे। जिस पर संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय इन्दौर द्वारा उक्त भूमि पर आवासीय प्रयोजन हेतु स्थल अनुमोदन प्रदान किया गया था।

स्थल निरीक्षण के बाद भी दी गलत जानकारी :

एसपी शाह के मुताबिक उक्त भूखण्ड के सामने 9.0 मीटर रोड ही दर्शाया गया है। कार्यालय संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश इन्दौर द्वारा उक्त भूमि पर आवासीय प्रयोजन हेतु स्थल अनुमोदन देते समय प्रस्तुत प्रस्ताव में भूमि के उत्तर दिशा में 120 मी. मार्ग प्रस्तावित किया है, परन्तु योजना 94-सेक्टर-ई (आर-ई-आई) के स्वीकृत मानचित्र में 90 मीटर मार्ग की चौड़ाई प्रस्तावित है। जबकि वर्तमान में कार्यालय संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश इन्दौर के अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना 94 के 90 मीटर चौड़े समन्वय मार्ग से होकर मल्टी के सामने उत्तर दिशा में 70 मीटर चौडा मार्ग वर्तमान में पाया गया है। सामने का एमओएस 120 मीटर छोड़ा गया है। उक्त स्थल पर पहुंच हेतु वर्तमान 90 मीटर चौड़े मार्ग पर भवन की ऊंचाई भूमि विकास नियम- 2012 अनुसार मान्य होगी। जबकि प्रश्नाधीन स्थल के सामने 7.0 मीटर चौड़ा रोड ही स्थित है । इस प्रकार तत्कालीन संयुक्त संचालक विजय सांवलकर, भोपाल एवं तत्कालीन सहायक संचालक नीरज आनंद लिखार एवं सहायक मानचित्रकार एस टिमांडे एवं श्याम शर्मा तत्कालीन भवन निरीक्षक नगर पालिक निगम इन्दौर व्दारा स्थल निरीक्षण कर जानबूझ कर मिथ्या जानकारी प्रस्तुत की गई । प्रस्तुत जानकारी पर तत्कालीन भवन अधिकारी राकेश शर्मा द्वारा भी स्वीकृति दी गई। नगर पालिक निगम के उक्त दोनो अधिकारियों द्वारा संस्था के पदाधिकारी एवं नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ संगनमत होकर षड़यंत्रपूर्वक मिलीभगत कर दस्तावेजों की कूटरचना कर अभिन्यास स्वीकृत किया गया।

पद का दुरुपयोग कर खुद लाभ उठाया :

इस प्रकार नगर तथा ग्राम निवेश तथा नगर पालिक निगम इन्दौर के पदाधिकारियों द्वारा पद का दुरूपयोग कर स्वयं को लाभांवित कर पायोनियर रीयल इस्टेट तर्फे प्रोप्रा राजेन्द्र कुमार एवं मेसर्स होल्डिंग्स आनर प्रदीप श्रीमाल, सूर्यशक्ति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इन्दौर तर्फे अध्यक्ष धरमपाल टेकचन्दानी, अटलांटा कंस्ट्रक्शन कंपनी तर्फे पार्टनर निखिल कोठारी एवं अन्य के साथ संगनमत होकर उक्त आवासीय उपयोग की भूमि पर आवासीय प्रयोजन हेतु स्थल अनुमोदन देते समय अनुमोदन में काट-छांट कर कूटरचना कर भूमि पर भवन की ऊंचाई निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप न कर भूमि विकास नियम 2012 का उल्लंघन किया गया है। आरोपीगणों के विरुद्ध अपराध धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7(सी) एवं सहपतित 13 (1) बी, 13 (2) तहत केस दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।

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