डीआरडीओ के लैंसमैन को जासूसी कांड में उम्रकैद

ओडिशा की एक अदालत ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व संविदा लैंसमैन ईश्वर बेहरा को जासूसी मामले में दोषी ठहराते हुए गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
डीआरडीओ के लैंसमैन को जासूसी कांड में उम्रकैद
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राज एक्सप्रेस। ओडिशा की एक अदालत ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व संविदा लैंसमैन ईश्वर बेहरा को जासूसी मामले में दोषी ठहराते हुए गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। बालासोर के अपर जिला न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के बाद बेहरा(41) को यह सजा सुनायी। बेहरा चांदीपुर स्थित डीआरडीओ के मिसाइल परीक्षण इकाई के अति संवेदनशील संस्थान इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में संविदा कैमरामैन के तौर पर पदस्थापित था। मयूरभंज जिले के बैसिंगा के पास कांतिपुर गाँव के निवासी बेहरा पर आईपीसी की धारा 121 ए और 120 बी, और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 तथा 5 के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसमें राज्य के खिलाफ युद्ध छेडऩा शामिल था।

अपराध शाखा के उप निदेशक (अभियोजन) चित्तरंजन कानूनगो ने कहा कि यह साबित हो गया कि बेहरा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट के संपर्क में था और मौद्रिक लाभ के लिए उसके साथ आईटीआर मिसाइल परीक्षण गतिविधियों की गुप्त और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। जांच के दौरान फोरेन्सिक प्रयोगशाला ने बेहरा और आईएसआई एजेंट के बीच करीब 666 सेकंड की हुयी ऑडियो बातचीत की पुष्टि की। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि बेहरा के बैंक खाते में इंटरनेट बैंकिंग के जरिये काफी रुपये ट्रांसफर किये गये थे। बेहरा ने मुंबई, मेरठ, अजमेर, आंध्र प्रदेश, बिहार और पश्चिमी एशियाई देश अबू धाबी से मनीऑर्डर प्राप्त किये थे।

बेहरा की गिरफ्तारी के छह वर्षाें के बाद आज इस मामले में सजा सुनायी गयी। न्यायाधीश ने आजीवन कारावास के साथ बेहरा पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में 29 लोगों ने गवाही दी जबकि 44 दस्तावेजी सबूत तथा 36 सामग्री आधारित सबूत पेश किये गये। यहां तक कि बेहरा द्वारा प्राप्त मनीऑर्डर के मामले में मेरठ के एक पोस्टमास्टर की भी गवाही दर्ज की गयी। श्री कानूनगो ने कहा, "यह अपने आप में दुर्लभ मामलों में से एक है और एक असाधारण मामला है जैसा पहले कभी राज्य में नहीं हुआ।" बेहरा मेरठ के आसिफ अली नामक एक संदिग्ध आईएसआई एजेंट के संपर्क में था जो फिलहाल जेल में बंद है।

बेहरा आईटीआर की सीसीटीवी इकाई में वर्ष 2007 में 8,000 रुपये प्रति माह वेतन के संविदा आधार पर कैमरामैन नियुक्त किया गया था। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के खुफिया इनपुट के आधार पर राज्य में उसकी निगरानी की जा रही थी। आईबी के इनपुट के आधार पर ओडिशा पुलिस की विशेष इकाई ने कई हफ्ते तक उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखी तथा 23 जून 2015 को बेहरा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके घर से एक कम्प्यूटर, सेल फोन, हार्ड डिस्क, बैंक पासबुक, पेन ड्राइव और कई अन्य सामान भी जब्त किये थे।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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