15 साल की नाबालिग से गैंगरेप करने वाले 5 आरोपियों को आखरी सांस तक कारावास

भोपाल, मध्य प्रदेश : 5 आरोपियों को जिंदगी की आखरी सांस तक जेल में रहने और 3 आरोपियों को 20 साल की सजा। विशेष न्‍यायाधीश ने मामले की सुनवाई एक महीने में पूरी कर सुनाया फैसला।
पांचों आरोपी सलान्खों के पीछे
पांचों आरोपी सलान्खों के पीछेFile Copy

भोपाल, मध्य प्रदेश। 15 साल की नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप करने वाले 8 आरोपियों को विशेष न्‍यायाधीश कुमुदनी पटेल की अदालत ने दोषी ठहराते हुए जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष न्‍यायाधीश ने 5 आरोपियों भैया उर्फ कबूतर उर्फ सूफि यान, आफ ताब अली, शाहरुख, मो. फैसल खान, अरूण यादव उर्फ गांगुली को जिंदगी की आखरी सांस तक जेल में रहने और 27 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष न्‍यायाधीश ने 3 आरोपियों अंकित उर्फ चिंटू माहेश्वरी, प्रकाश कजौरिया और बच्ची से वेश्यावृत्ति कराने के आरोप में प्रियंका सिंह चौहान को 20 साल के सश्रम कारावास और 17 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक टीपी गौतम ने एवं पीड़िता की ओर से एडवोकेट मो. जुबेर ने पैरवी की।

विशेष न्‍यायाधीश ने सबूतों के अभाव में तीन आरोपियों केशव तिवारी, सनी तिवारी सुखदेव घोष दस्तीदार उर्फ अंधे अंकल को दोषमुक्त कर दिया।

अभियोजन के अनुसार पुलिस थाना टीला जमालपुरा इलाके में वर्ष 2018 में पीड़िता के साथ 17 आरोपियों ने अलग-अलग समय पर रेप किया था। 19 दिसंबर 2018 को पीड़िता की मां ने अपनी 15 साल की बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाना शाहजहांनाबाद में दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद बच्ची को दस्तयाब कर उसके बयान दर्ज किये थे। पुलिस ने बच्ची के बयान के आधार पर 17 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा - 363, 366 (क), 370 (क) 376 (घक), 376( ग) (3) 376 (2 )(एन) और पाक्सो एक्ट की धारा-16 /17 के तहत मामला दर्ज करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ जिला अदालत में चालान पेश किया था। मामले के 6 फरार आरोपियों की टीला जमालपुरा पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

अदालत सजा सुनाए जाने के बाद कटघरे में खड़ा आरोपी भैया उर्फ कबूतर उर्फ सूफि यान रोने लगा और हाथ जोड़कर बोला जज साहब मेरा छोटा बच्चा है। घर में पत्नी के अलावा और कोई नहीं है। इस पर जज ने कहा कि यह सब अपराध करने के पहले सोचना था। अदालत से 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी प्रियंका सिंह चौहान भी फूट-फूट कर रो पड़ी।

देश में कोरोना महामारी के बीच जिला अदालत में सीमित कामकाज किया जा रहा है। लेकिन एक आरोपी अंकित उर्फ चिंटू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर मुकदमे की सुनवाई में विलंब को देखते हुए उसे जमानत पर रिहा किए जाने की प्रार्थना की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जिला अदालत को निर्देश इस प्रकरण का विचारण पूर्ण कर 15 दिसम्‍बर 2020 तक सूचित करने हेतु निर्देशित किया गया था।

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