बिल का भुगतान करने सीएमएचओ और महिला लेखापाल ने मांगी रिश्वत, लोकायुक्त ने रंगेहाथ पकड़ा
नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का जिम्मा संभालने वाले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप मोजेश एवं स्वास्थ्य विभाग की महिला लेखापाल भावना चौहान को लोकायुक्त टीम ने सोमवार को सीएमएचओ कार्यालय में छापामार कार्यवाही करते हुए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।
बताया जाता है कि सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मोजेश एवं महिला लेखापाल भावना चौहान ने कार्यालय के क्लर्क मदनलाल वर्मा से प्रशिक्षण के बिल की 16 हजार की राशि का भुगतान करने 7 हजार की रिश्वत की मांग की थी, जिस पर शिकायत के बाद सोमवार को लोकायुक्त डीएसपी संजय शुक्ला सहित 11 सदस्यीय टीम ने दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। लगभग 4 घंटे तक चली कार्रवाई में डीएसपी संजय शुक्ला ने प्रत्येक पहलु पर जांच कर कार्रवाई की। लोकायुक्त के जाल में फंसते ही सीएमएचओ एवं लेखापाल के होश उड़ गए।
जानकारी के अनुसार कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी मदनलाल वर्मा से 16 हजार के प्रशिक्षण के बिल का भुगतान करने महिला लेखापाल भावना चौहान ने पांच हजार की रिश्वत एवं सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मोजेश द्वारा दो हजार रुपये की मांग की जा रही थी। रिश्वत की मांग से परेशान होकर क्लर्क मदनलाल वर्मा ने लोकायुक्त भोपाल को शिकायत की थी। पूरे प्रकरण को ट्रेस कराने में भी क्लर्क मदनलाल वर्मा ने सहयोग किया और सोमवार को योजनाबद्ध तरीके से छापामार कार्यवाही की। बताया जाता है कि लोकायुक्त की 11 सदस्यीय टीम सोमवार सुबह नर्मदापुरम पहुंची और जैसे ही क्लर्क मदनलाल वर्मा ने स्याही लगे नोट लेखापाल भावना चौहान और सीएमएचओ डॉ. प्रदीप मोजेश को दिये, तत्काल लोकायुक्त टीम ने दबिश दे दी और नोटों के साथ दोनों को गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त टीम ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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