महू : संपत्ति कुर्क होने के डर से राशन माफिया का पुलिस के सामने सरेंडर!

महू, मध्य प्रदेश : बड़गोंदा पुलिस ने न्यायालय में राशन माफिया अग्रवाल को पेश किया। न्यायालय ने 6 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा, पूछताछ में और होंगे खुलासे।
संपत्ति कुर्क होने के डर से राशन माफिया पुलिस के सामने सरेंडर!
संपत्ति कुर्क होने के डर से राशन माफिया पुलिस के सामने सरेंडर!Social Media

महू, मध्य प्रदेश। हर महीने लाखों रूपए कमाने वाला राशन माफिया मोहनलाल अग्रवाल आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। ये पिछले 20 सालों से राशन और घासलेट की तस्करी कर रहा था। एक दिन पूर्व राशन माफिया अग्रवाल स्वयं ही महू एएसपी अमित तोलानी के सामने पेश हो गया। अग्रवाल को यह डर था कि पुलिस उसकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में है, इसलिए उसने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। गुरूवार को राशन माफिया अग्रवाल को बड़गोंदा थाना प्रभारी अजीत बेस की मौजूदगी में महू न्यायालय में पेश किया गया, जहां पर पुलिस ने न्यायालय से अग्रवाल के 97 कंट्रोल के दस्तावेज जब्त करने के लिए रिमांड मांगा, जिस पर न्यायालय ने 28 अक्टूबर यानि 6 दिन के लिए अग्रवाल को पुलिस रिमांड पर सौंपा हैं।

पकड़ाएं जाने के बाद राशन माफिया अग्रवाल ने कबूला है कि पिछले 20 सालों से उसकी सोसायटी घासलेट का कारोबार कर रही है। नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग के अफसरों का पैसा भी तय था और उन्हें हर महीने पैसा भी बांटा जाता था। तभी वे अधिकारी अपनी जुबान नहीं खोलते थे। इधर, राशन माफिया की गिर तारी के बाद पुलिस अधिकारी आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग के अफसरों पर भी मामला दर्ज करने की तैयारी में जुट गए है। अग्रवाल जो भी जानकारी दे रहा है पुलिस उसकी पुष्ठि कर तथ्य जुटा रही है। इधर, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि रसूखदारों को मुलजिम बनाने के लिए पक्के सबूत का होना जरूरी है इसी लिए किसी के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा हैं। जबकि अग्रवाल ने सरेंडर होने के बाद रातभर हुई पूछताछ में पुलिस को कई चौकानें वाले नाम बताए हैं। जिसकी जांच में पुलिस जुट गई है।

राशन माफिया के बेटों पर भी है प्रकरण दर्ज :

जानकारी के मुताबिक, राशन माफिया मोहन लाल अग्रवाल और उसके दो बेटों के खिलाफ भी तीन थानों में प्रकरण दर्ज है। 2 माह पूर्व पुलिस ने खाद्य विभाग के साथ छापे मारकर गोदामों से माल बरामद किया था, जिसमें यह खुलासा हुआ था कि अग्रवाल ने अच्छा माल बाजार में बेच दिया, जबकि घटिया माल जनता को दे दिया। इस घोटाले में 50 करोड़ से अधिक की हेराफेरी होने के बाद कलेक्टर ने जांच बैठाई थी और अग्रवाल पर रासुका लगाकर उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया था। जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था।

करोड़ों की है संपत्ति :

मानपुर के समीप राशन माफिया अग्रवाल की पत्नी के नाम पर करोड़ों की जमीन मिली है। इसके महू में दो मकान हैं, जिसकी कुर्की के लिए पुलिस कोर्ट में आवेदन भी दे चुकी है। अग्रवाल को यह सूचना मिली चुकी थी कि उसकी संपत्ति पुलिस कुर्क करने की तैयारी में है इसलिए वह एक दिन पूर्व महू एएसपी तोलानी के सामने खुद ही पेश हो गया। गुरूवार को बड़गोंदा पुलिस ने राशन माफिया अग्रवाल को महू न्यायालय में पेश किया। जहां पर न्यायालय ने 6 दिन के रिमांड पर अग्रवाल को पुलिस को सौंपा है।

ये प्रकरण दर्ज :

राशन माफिया अग्रवाल पर अपराध क्रमांक 420/2020 धारा 467, 468, 186 आईपीसी 120 बी 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज हैं। गुरूवार को बड़गोंदा थाना प्रभारी अजीत बेस ने माननीय दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी भूपेंद्र गोयल के न्यायालय में पेश किया। जिसके बाद पुलिस रिमांड पर भेजा गया।

मीडिया ने किया है बदनाम :

न्यायालय में पेश होने के दौरान राशन माफिया अजीब हरकत करते दिखाई दिए। कहीं वे अपने बल्ले दिखा रहे थे तो कभी चिल्लाकर मीडिया को बदनाम करने का दोष दे रहे थे। हांलाकि अभी तक अग्रवाल को ही न्यायालय में पेश किया गया है। जबकि अन्य आरोपीगण पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं। जल्द ही पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करेगी।

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