मंदिर में चोरी हुई, तुरंत फुटेज मिले लेकिन FIR करने में लगा दिए 20 दिन
मंदिर में चोरी हुई, तुरंत फुटेज मिले लेकिन FIR करने में लगा दिए 20 दिनसांकेतिक चित्र

Hoshangabad : मंदिर में चोरी हुई, तुरंत फुटेज मिले लेकिन FIR करने में लगा दिए 20 दिन

होशंगाबाद, मध्यप्रदेश : कोतवाली स्टाफ को 20 दिन बाद अज्ञात चोरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर, लग रहा है कि चोर शहर में भी अपने आप को पकड़वाने का इंतजार कर रहे होंगे।

होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। चोरी के मामलों में कोतवाली किस हद तक लापरवाही बरत रही है इसका अनदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक मंदिर में लगभग 90 हजार रुपए के सामान की चोरी हो गई और शिकायत के 20 दिन बाद कोतवाली सिर्फ अज्ञात चोरों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर सकी। हाल में कोतवाली की कार्यप्रणाली इतनी लचर हो गई है कि चोरी की एफआईआर करने में भी 20-20 दिन लगा रही है। जबकि कोतवाली में इससे पहले 24 घंटे के अंदर चोरों को मशरुका सहित पकड़ने के अलावा 24 घंटे के अंदर अंधे कत्लों तक का पर्दा फाश किया जा चुका है। कोतवाली स्टाफ को 20 दिन बाद अज्ञात चोरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर, लग रहा है कि चोर शहर में भी अपने आप को पकड़वाने का इंतजार कर रहे होंगे।

ऐसे चला चोरी का घटना क्रम :

मोरछली चौक स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में 13 से 14 नवंबर को अज्ञात चोर 90 हजार कीमत के चांदी के 3 छत्र और पूजन सामग्री चुरा ले गए थे। पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया। मंदिर से जुड़े लोगों ने कोतवाली में तुरंत चोरी की सूचना दी और सीसीटीवी फुटेज दिए। फुटेज में दो नकाबपोश चोर मंदिर का ताला तोड़ते और चोरी करते साफ नजर आए। लेकिन कोतवाली पुलिस ने मामले को गंभीरता से ना लेते हुए प्रकरण को जांच के नाम पर आगे बड़ा दिया और 2 दिसंबर को फरियादी आलोक पिता अरविंद कुमार जैन की शिकायत में अज्ञात चोरों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया।

20 दिन में चोर पहुंच चुके होंगे कोसो दूर, दे दी होगी दूसरी वारदात को अंजाम :

कोतवाली ढीली और लचर कार्यप्रणाली के चलते मंदिर में चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद पुलिस की पहुंच से कोसो दूर पहुंच चुके होंगे। इसके अलावा अब-तब ओर भी वारदात को अंजाम दे चुके होंगे। यदि कोतवाली पुलिस समय रहते मामले को गंभीरता से लेते हुए चोरों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर छानबीन करती, तो शायद चोर सलाखों पीछे होते। पूरे मामले में साफ तौर पर लापरवाही बरती गई है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि लापरवाही बरतने वाले स्टाफ के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाती है।

इनका कहना है :

मामले को लेकर एएसपी से जानकारी ली गई है, उन्होंने बताया कि मंदिर समिति के लोग एफआईआर के लिये देरी से आये है, इस वजह से एफआईआर इतने दिनों बाद की जा सकी।

दीपिका सूरी, आईजी

मामला मेरे संज्ञान था। मंदिर समिति के सदस्यों ने चोर की पहचान करने की कोशिश की थी, लेकिन चोर को नहीं पहचान सके। इसके बाद सदस्यों ने एफआईआर दर्ज कराई, इसी कारण मामला दर्ज होने में देरी हुई है। मामले की जांच की जा रही है।

डॉ. गुरकरन सिंह, एसपी

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