उत्तर प्रदेश। देश में आज घोटाला और भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ रहा है कि, लोग छोटी-छोटी चीजों में भी मिलावट करने से बाज नहीं आरहे हैं। ऐसा ही मिलावट का एक मामला उत्तर प्रदेश के हाथरस से सामने आया है। जिसे सुनने के बाद आप हैरान रह जाएंगे क्योंकि, आप जो मसाले सब्जियों में डाल कर उन्हें चटकारे लेकर खाते हैं उनकी सच्चाई होश उड़ा देने वाली है।
मिलावट करने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश :
दरअसल, उत्तर प्रदेश के हाथरस के नवीपुर इलाके में स्थित मसालों की फैक्ट्री से मिलावट करने का एक मामला सामने आया है। इस मामले के तहत मसाले बनाने वाली फैक्ट्री गधे के गोबर (लीद), एसिड और भूसे में रंग को मिलाकर नकली मसाले तैयार करके उनकी बिक्री करती थी। UP पुलिस ने इस फैक्ट्री पर छापा मारकर नकली मसाले बनाने वालों का पर्दाफाश किया है। वहीं मौके पर उपस्थित फैक्ट्री के मालिक अनूप वार्ष्णेय को गिरफ्तार कर लिया गया है। खबरों की मानें तो, फैक्ट्री के मालिक अनूप वार्ष्णेय UP CM योगी के साल 2002 में बनाए गए संगठन हिंदू युवा वाहिनी का मंडल सह प्रभारी भी है।
जॉइंट मैजिस्ट्रेट ने बताया :
इस मामले की जानकारी देते हुए जॉइंट मैजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीना ने बताया है कि, इस फैक्ट्री से 300 किलो नकली मसाले बरामद किए गए हैं। इन मसालों की पैकिंग जिन पैकेट्स में की जा रही थी उसपर ऐसे ही लोकल ब्रांड का नाम लिखा था। पुलिस द्वारा छापेमारी करते समय ऐसा काफी सामान बरामद हुआ है जिनसे नकली मसाले तैयार किए जा रहे थे। इन सामानों में गधे का गोबर, एसिड, भूसा और हानिकारक रंग भी मिला है। फैक्ट्री में एसिड से भरे हुए कई ड्रम मिले हैं। यह लोग इन सब से धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, गरम मसाला बनाते हैं।
सैंपल भेजे गए जांच के लिए :
अधिकारियों दवरा प्ताप्त जानकारी के अनुसार, फैक्ट्री से मिलावट वाले जो मसाले बरामद हुए हैं। टीम द्वारा उन सबकी जब्ती करते हुए उनमे से 27 सैंपल जांच के लिए लैब भेज दिए गए थे। इन सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद फैक्ट्री संचालक के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने बताया :
पुलिस ने बताया कि, अनूप वार्ष्णेय को सीआरपीसी के 151 सेक्शन के तहत गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। पुलिस ने आगे बताया कि, अनूप वार्ष्णेय की फैक्ट्री को उस जगह फैक्ट्री चलाने की न ही अनुमति थी और न ही उनके पास फैक्ट्री का लाइसेंस था, वह लाइसेंस बनवाने की कोशिश में लगे थे, लेकिन प्रशासन ने उसे मानक पूरे न करने के चलते लाइसेंस नहीं दिया था। इसके अलावा फैक्ट्री मालिक जिस नाम से मसाले पैक करके मसाले बेच रहे थे उस ब्रांड का भी उनके पास लाइसेंस नहीं था। पुलिस फिलहाल इस बात की जानकारी जुटा रही है कि, मसालों के ब्रांड सप्लाई किन-किन शहरों में की जाती थी।
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