सुशांत सिंह राजपूत की मौत को काफी समय हो गया है, लेकिन उनके मौत की गुत्थी सुलझ ही नहीं पाई है। हाल ही में इस गुत्थी को सुलझा दिया है, एम्स के डॉक्टरों के पैनल की राय है कि, सुशांत सिंह की मौत हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या ही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के एक पैनल ने सीबीआई को अपनी राय देते हुए ये बात कही है। सूत्रों के मुताबिक, पैनल ने अभिनेता के परिवार और उनके वकीलों की थ्योरी को खारिज कर दिया है कि उन्हें जहर दिया गया था और गला दबाकर मारा गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, एम्स के फरेंसिक हेड डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने बताया, "हमने अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह पूरी तरह से फांसी लगाए जाने और आत्महत्या का मामला है।" उन्होंने अपने बयान में आगे कहा, "सुशांत की बॉडी पर फांसी के अलावा कोई अन्य चोट के निशान नहीं थे। मृतक की बॉडी या कपड़ों पर भी कोई संघर्ष/हाथापाई के निशान भी नहीं पाए गए हैं।"
डॉ. सुधीर गुप्ता ने कही यह बात:
इंडिया टीवी से बातचीत में एम्स के फॉरेंसिक विभाग के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा, "यह क्लियर कट खुदकुशी का मामला है। सुशांत का मर्डर नहीं हुआ था।" हालांकि, अभी तक सीबीआई की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है। सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए 21 अगस्त को डॉ. सुधीर गुप्ता की लीडरशिप में एम्स के पांच डॉक्टर्स की टीम बनाई गई थी। इसने 28 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम को विसरा में किसी तरह का जहर नहीं मिला।
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में सुशांत की बॉडी का पोस्टमॉर्टम करने वाले मुंबई के कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को क्लीन चिट नहीं दी गई है। दरअसल, कूपर अस्पताल के डॉक्टर्स ने सुशांत की ऑटोप्सी की थी। बाद में इसके तरीके पर सवाल उठे थे। सुशांत के गले के निशान पर रिपोर्ट में कुछ भी नहीं बताया गया था। यहां तक की मौत की टाइमिंग का भी जिक्र नहीं था। इसके बाद सीबीआई ने इसकी जांच एम्स से कराने का फैसला किया था।
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