बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री कंगना रनौत के पाली हिल्स स्थित ऑफिस को तोड़े जाने के मामले में BMC ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है। इसमें दावा किया गया है कि, अभिनेत्री की और से दायर याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है, इसलिए याचिका खारिज कर उनपर जुर्माना भी लगाना चाहिए। इससे पहले 14 सितंबर को कंगना की और से इस मामले में जवाब दायर किया गया था। मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होनी है।
बता दें कि, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने अपने हलफनामे में बॉम्बे हाईकोर्ट से कंगना रनौत की याचिका खारिज करने और ऐसी याचिका दाखिल करने के चलते उन पर जुर्माना लगाने का अनुरोध किया। हलफनामे के मुताबिक, रिट याचिका और उसमें मांगी गई राहत कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करती हैं। याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए और इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि, 9 सितंबर को बीएमसी ने कगंना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी। रनौत के उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद उसी दिन अदालत ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 15 सितंबर को कंगना रनौत ने अपनी संशोधित याचिका में बीएमसी की कार्रवाई को लेकर मुआवजे के रूप में दो करोड़ रुपये की मांग की थी।
कंगना ने साधा महाराष्ट्र सरकार पर निशाना:
हाल ही में कंगना रनौत ने सोशल मीडिया के जरिए एक बार फिर से महाराष्ट्र की सरकार पर तीखा हमला बोला है। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर अपने टूटे ऑफिस की तस्वीर शेयर करते हुए रहा है कि, शिवसेना ने उनके मंदिर को क़ब्रिस्तान में तब्दील कर दिया।
ऑफिस के टूटने के बाद और पहले की तस्वीरें शेयर करते हुए कंगना रनौत ने लिखा, "जो कभी मंदिर था उसे क़ब्रिस्तान बना दिया, देखो मेरे सपनों को कैसे तोड़ा, यह बलात्कार नहीं?"
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