TRP फर्जीवाड़े में दर्ज कराई FIR की कॉपी आई सामने, नहीं था 'रिपब्लिक' का नाम

हाल ही में एक टेलिविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था जिसने अब एक नया मोड़ आता नजर आया है। इस मामले में दर्ज कराई FIR की एक कॉपी सामने आई है।
FIR Copy came out in TRP fraud case
FIR Copy came out in TRP fraud casePriyanka Sahu -RE

राज एक्सप्रेस। जब से बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुई है तब से कई न्यूज चैनल काफी एक्टिव दिखाई दे रहे हैं। कई सुशांत के समर्थन में थे तो कई रिया चक्रवर्ती के सपोर्ट में उनका इंटरव्यू ले रहे थे। जैसा की सभी जानते हैं कि, सभी न्यूज चैनल इतना एक्टिव टेलिविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) पाने के लिए ही करते हैं। सभी पहले से पहले न्यूज अपने दर्शकों तक पहुंचाने में लगे रहते हैं, लेकिन अब इसी एक्टिवनेस में से फर्जीवाड़े की बू सी आ रही है।

डिप्टी जनरल मैनेजर ने दर्ज की FIR :

दरअसल, हाल ही में एक टेलिविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था जिसने अब एक नया मोड़ आता नजर आया है। क्योंकि, मुंबई में TRP रेटिंग संभालने वाली कंपनी हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन देवकर द्वारा भी एक FIR दर्ज करवाई है। इस FIR की एक कॉपी सामने आई है, जिसमे न्यूज चैनल 'रिपब्लिक भारत' का नाम तो नहीं नजर आया बल्कि 'इंडिया टुडे' का नाम जरूर मेंशन हुआ पाया गया है।

पुलिस ने बताया :

TRP फर्जीवाड़े मामले में मुंबई पुलिस ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया से व्यूअरशिप के रिकॉर्ड की मांग की है। इसके अलावा मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भरांबे ने FIR की कॉपी सामने आने के बाद बताया है कि, जो आरोपी पकड़े गए हैं उसने पूछताछ के दौरान रिपब्लिक टीवी चैनल और 2 अन्य मराठी चैनलों का नाम लिया था। बाकि इंडिया टुडे का नाम FIR में जरूर था। इसके अलावा हमारी जांच अभी भी जारी ही है। अब तक की जांच में तीन चैनलों के खिलाफ हम सबूत हासिल कर चुके हैं। आगे जिस चैनल के खिलाफ सबूत मिलेंगे, जांच भी उनके आधार पर ही की जाएगी।

13 अक्टूबर तक हिरासत :

इस मामले में अब 2 टीवी चैनलों के मालिक और हंसा रिसर्च के दो लोगों की पेशी किला 37 कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान इन्हें 13 अक्टूबर तक हिरासत में रहने का फैसला सुनाया गया है। बताते चलें, फर्जी TRP मामला उजागर होने के बाद रिपब्लिक टीवी के मालिक अर्नब गोस्वामी, प्रमोटर्स और कुछ दूसरे लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। खबरों के अनुसार, इस पूछताछ के लिए उन्हें आज समन भेजा जा सकता है।

क्या है मामला :

दरअसल, गुरुवार को TRP रेटिंग फर्जीवाड़े का एक मामला सामने आया था। इस मामले के तहत कई न्यूज चैनल पैसे देकर अपने चैनल की TRP बड़ा रहे थे। जिनमें से रिपब्लिक टीवी TRP बढ़ाने के लिए हर महीने 483 रुपये और बाकि के चैनल भी पैसे की पेशकश करते थे। हालांकि, FIR सामने आने पर रिपब्लिक टीवी का नाम तो नहीं निकला, लेकिन इसी बीच ही मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोपी के बयान का हवाला देते हुए रिपब्लिक टीवी पर फेक TRP बढ़ाने के आरोप लगाए थे।

ऐसे बढ़ाते थे TRP :

मुंबई पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, जिनके यूजर्स के घर में TRP मीटर लगाए गए हैं। उन्हें पैसे दिए जाते थे और दिनभर एक ही चैनल देखने को कहा जाता था। इनमें कुछ ऐसे घर भी शामिल हैं जो बंद थे, बंद होने के बावजूद भी इन घरों के टीवी चलते थे। इन लोगों को एक न्यूज चैनल देखने के लिए चैनल या एजेंसी की तरफ से 500 रुपए तक प्रतिदिन दिया जाता था। मुंबई में मीटर लगाने का काम हंसा एजेंसी का है। जांच में हंसा एजेंसी के पूर्व कर्मचारियों द्वारा सीक्रेट डेटा शेयर करने का भी खुलासा हुआ है।

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