Govinda On Nepotism: सुशांत सिंह के निधन के बाद से फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर बहस जारी है। कई बड़े एक्टर्स इस मुद्दे पर अपनी राय रख चुके हैं। अब 90 के दशक के स्टार रहे गोविंदा ने भी बताया कि, उन्हें भी इस इंडस्ट्री में काफी मेहनत करनी पड़ा। उन्होंने बताया कि, फिल्म के लिए उन्हें प्रोड्यूसर्स से मिलने के लिए घंटों-घंटों इंतजार करना पड़ता था।
गोविंदा ने किया खुलासा:
अभिनेता गोविंदा ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने करियर की शुरुआत के संघर्ष के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि, उन्हें किसी भी प्रोड्यूसर्स से मिलने के लिए पहले घंटों इंतजार करना पड़ा है और कोई भी उन्हें इंडस्ट्री में नहीं जानता था। इतना ही नहीं कई लोगों ने उन्हें यह भी कहा कि, वह इस इंडस्ट्री में अपना करियर नहीं बना पाएंगे।
उन्होंने कहा कि, कई एक्टर्स को भी अपने शुरुआती करियर में संघर्ष का सामना करना पड़ा था लेकिन उनका दृष्टिकोण इस इंडस्ट्री में गला-काट कॉम्पिटिशन को लेकर है। यहां कुछ लोग हैं, जो बिजनेस को कंट्रोल करते हैं लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि अब समय बदल रहा है।
लोगों ने कहा-इंडस्ट्री में नहीं टिक पाएंगे:
अभिनेता गोविंदा को अपने करियर में शुरुआत में ही सफलता मिल गई थी, लेकिन उन्हें कई लोगों ने कहा था कि, वह इंडस्ट्री में नहीं टिक पाएंगे। गोविंदा ने बताया, "मुझे यह बात मेरे मुंह पर बोली गई थी लेकिन मैं जानता था कि, राज कपूर जी, अमिताभ बच्चन जी, विनोद खन्ना जी और राजेश खन्ना जी भी इस तरह के दौर से गुजरे थे। इंडस्ट्री में आपके पास सही नजरिया होना बहुत जरूरी है। या तो आप कड़ी मेहनत करें, या इस पर ध्यान दें कि लोग क्या कह रहे हैं।"
बॉलीवुड कैम्प को लेकर कही यह बात:
गोविंदा ने बॉलीवुड कैम्प को लेकर कहा, "पहले जो भी टैलेंटेड होता था तो उसे काम मिल जाता था। सभी फिल्मों को थिएटर पर पूरा मौका मिलता था। लेकिन अब, चार या पांच लोग पूरे कारोबार को डिक्टेट कर रहे हैं। जो लोग उनके करीबी नहीं है उनकी फिल्मों का भाग्य यह तय करते हैं। मेरी कुछ अच्छी फिल्मों को अच्छी रिलीज नहीं मिल पाई थी, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं।"
बॉलीवुड कैम्प को लेकर कही यह बात:
गोविंदा ने बॉलीवुड कैम्प को लेकर कहा, "पहले जो भी टैलेंटेड होता था तो उसे काम मिल जाता था। सभी फिल्मों को थिएटर पर पूरा मौका मिलता था। लेकिन अब, चार या पांच लोग पूरे कारोबार को डिक्टेट कर रहे हैं। जो लोग उनके करीबी नहीं है उनकी फिल्मों का भाग्य यह तय करते हैं। मेरी कुछ अच्छी फिल्मों को अच्छी रिलीज नहीं मिल पाई थी, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं।"
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