पचास रुपए थी शाहरुख खान की पहली सैलरी! इससे देखा 'ताजमहल'

Happy Birthday Shahrukh Khan: लंबे वक्त से बॉलिवुड पर राज कर रहे शाहरुख खान के करोड़ों चाहनेवाले हैं। उनकी फैन फॉलोइंग भारत के साथ-साथ बाहर के देशों तक फैली हुई है।
पचास रुपए थी शाहरुख खान की पहली सैलरी
पचास रुपए थी शाहरुख खान की पहली सैलरीSudha Choubey - RE

राज एक्सप्रेस। छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता शाहरुख खान आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं। आज शाहरुख खान का जन्मदिन है। शाहरुख के फैन्स भी इस दिन के लिए काफी उत्साहित हैं, इसलिए आज इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

यहां हुआ जन्म :

फिल्म इंडस्ट्री में किंग खान के नाम से मशहूर शाहरुख खान का जन्म 2 नवंबर 1965 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुए थे। शाहरुख ने अपने पिता को 1981 में कैंसर के कारण खो दिया और उनकी माता का 10 साल बाद मधुमेह की वजह से निधन हो गया। अभिनय से जुड़ने और संचार की विभिन्न विधाओं को नजदीक से समझने के लिए उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

छोटे पर्दे से करियर की शुरुआत :

वर्ष 1988 में शाहरुख ने बतौर अभिनेता छोटे पर्दे के धारावाहिक 'फौजी' से अपने करियर की शुरुआत की। 1991 में अपने सपनों को साकार करने के लिए छोटे पर्दे के मुंबई आ गए। अजीज मिर्जा ने शाहरुख की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें, अपने धारावाहिक सर्कस में काम करने का मौका दे दिया। उन्हीं दिनो हेमा मालिनी को अपनी फिल्म 'दिल आशना है' के लिए दिव्या भारती के अपोजिट नए चेहरे की तलाश थी। शाहरुख को जब इस बात का पता चला, तो वह अपने दोस्तों की मदद से इस फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने के लिए गए और चुन लिए गए। इस बीच उन्हें फिल्म ‘दीवाना’ में काम करने का अवसर मिला। उन्हें इस फिल्म के लिए फिल्म फेयर की ओर से नए अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।

ड्रीम्स अनलिमिटेड बैनर की स्थापना :

वर्ष 1999 में फिल्म शाहरुख खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और अभिनेत्री जूही चावला के साथ मिलकर 'ड्रीम्स अनलिमिटेड' बैनर की स्थापना की इस बैनर के तहत सबसे पहले शाहरुख ने ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ का निर्माण किया। अच्छी स्क्रिप्ट और अभिनय के बाद भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। बाद में इसी बैनर तले शाहरुख खान ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म ‘अशोका’ बनाई हालांकि उनके बैनर तले बनी तीसरी फिल्म 'चलते-चलते' सुपरहिट साबित हुई।

रेडचिली इंटरटेनमेंट की स्थापना :

वर्ष 2004 में शाहरुख ने 'रेडचिली इंटरटेनमेंट' कंपनी का भी निर्माण किया और उसके बैनर तले ‘मैं हूं ना’ का निर्माण किया जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। बाद में इसके बैनर तले उन्होंने पहेली, काल, ओम शांति ओम, बिल्लू बार्बर, चेन्नई एक्सप्रेस, हैप्पी न्यू इयर और दिलवाले जैसी कई फिल्मों का भी निर्माण किया। वर्ष 2007 शाहरुख के करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जब लंदन के सप्रसिद्ध यूजियम मैडम तुसाद में उनकी मोम की प्रतिमा लगाई गई।

खेल के प्रति आकर्षण :

अभिनेता को हमेशा से खेलों के प्रति आकर्षण रहा है। अपने स्कूल के दिनों में भी, SRK हॉकी और फुटबॉल में सक्रिय रूप से भाग लेता था और रिपोर्ट्स बताती थीं कि, अभिनेता अपने शुरुआती वर्षों में कंधे की चोट से पहले खेल में अपना करियर बनाना चाहते थे।

शाहरुख को नहीं आती थी हिन्दी :

शाहरुख़ के कम्युनिकेशन स्टाइल की मिसाल दी जाती है, लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि, स्कूल में शाहरुख़ की हिंदी काफ़ी कमज़ोर थी, शाहरुख के एक्टिंग के शौक को जानते हुए उनकी मां ने उनसे वादा किया था कि, अगर वो हिंदी में पास हो जाते हैं, तो वो उन्हें फिल्म दिखाने ले चलेंगी, जिसके बाद शाहरुख ने हिंदी के पेपर में 10 में से 10 नंबर हासिल किये थे और तब शाहरुख ने अपनी ज़िंदगी में सबसे पहली फिल्म देव आनंद की फिल्म 'जोशीला' देखी थी।

शाहरुख का लकी चार्म 555 :

शाहरुख खान की हर गाड़ी के नंबर में 555 नंबर ज़रूर होते हैं, 555 को शाहरुख़ अपना लकी चार्म मानते हैं। उनका मानना है कि, सही नंबर का चुनाव अच्छी किस्मत के लिए बेहद जरूरी है और 555 उनके लिए अच्छी किस्मत लेकर आता है।

अपनी पहली कमाई से देखा ताजमहल:

शाहरुख खान दुनिया के सबसे धनी सेलिब्रिटीज़ में से एक हैं। उनकी कुल जायदाद 600 मिलियन डॉलर आंकी गई है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि, उनका पहला मेहनताना महज़ 50 रुपये था जो कि, उन्हें 80 के दशक में पंकज उधास के एक कंसर्ट में काम करने के बदले मिला था और इस पैसे से शाहरुख आगरा में ताजमहल देखने गए थे।

बंगला मन्नत से है बेहद प्यार :

शाहरुख के दिल के क़रीब है जुहू में उनका बंगला मन्नत जिसे उन्होंने बड़े जतन से बनवाया है। एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा कि, अपने बुरे वक्त में वो अपना सबकुछ बेचने के लिए तैयार हैं, लेकिन मन्नत नहीं जिसमें उन्होंने खासतौर पर इबादत के लिए एक प्रेयर हॉल बनवाया है।

घोड़ों से लगता है डर :

शाहरुख खान फिल्मों में भले ही खतरनाक स्टंट चुटकियों में करते हुए दिखते हों, लेकिन असल जिंदगी में वह घोड़े की सवारी करने से डरते हैं। उन्हें आइस क्रीम खाना भी पसंद नहीं है। उन्होंने 'मन्नत' लिया था, तब उसकी कीमत लगभग 15-20 करोड़ थी, लेकिन आज उसकी कीमत लगभग 200 करोड़ हो चुकी है।

ऐसा है शाहरुख खान का घर :

शाहरुख खान का घर मन्नत काफी चर्चा में रहता है। हर कोई जानना चाहता है कि, उनका घर आखिर अंदर से दिखता कैसा है। आइए देखते हैं शाहरुख के मन्नत की तस्वीरें।

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