मनोज बाजपेयी ने सुनाई आपबीती, कहा- आते थे आत्महत्या के ख्याल

मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री में उन जाने-माने अभिनेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर इंडस्ट्री में जगह बनाई है।
मनोज बाजपेयी ने सुनाई आपबीती
मनोज बाजपेयी ने सुनाई आपबीतीSocial Media

मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री में उन जाने-माने अभिनेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर इंडस्ट्री में जगह बनाई है। मनोज बाजपेयी ने भी अपनी जर्नी की शुरुआत एक आउटसाइडर के तौर पर की थी। कोई इनका गॉडफादर नहीं था, लेकिन अपने काम के बल पर इन्होंने इंडस्ट्री में अपना सिक्का जमाया। बॉलीवुड में सत्या, अलीगढ़, राजनीति, सत्याग्रह, गैंग्स ऑफ वासेपुर समेत कई फिल्में कीं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान मनोज ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए और बताया कि, किस तरह वह भी सुसाइड करने वाले थे।

मनोज बाजपेयी ने किया खुलासा:

आपको बता दें कि, मनोज बाजपेयी ने हाल ही में अपने संघर्ष की कहानी को 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' नाम के इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, "मैं एक किसान का बेटा हूं। बिहार के एक गांव में पला-बढ़ा हूं। मेरे पांच भाई बहन थे। हम झोपड़ी के स्कूल में जाया करते थे। बहुत सरल जीवन गुजारा लेकिन जब भी हम शहर जाते थे, तो थियेटर भी जाते। मैं बच्चन का फैन था और उनके जैसा बनना चाहता था।"

मनोज ने कहा कि, 9 साल की उम्र में मुझे एहसास हो गया था कि, एक्टिंग ही मेरी मंजिल है, लेकिन मैं सपने देखने की हिमाकत नहीं कर सकता था और मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। लेकिन मेरा दिमाग किसी और चीज पर फोकस नहीं कर पा रहा था तो 17 साल की उम्र में मै दिल्ली यूनिवर्सिटी चला गया। वहां मैंने थियेटर किया लेकिन मेरे परिवार वालों को कोई आइडिया नहीं था। आखिरकार मैंने अपने पिताजी को पत्र लिखा, वे नाराज नहीं हुए बल्कि मुझे 200 रूपए फीस के तौर पर भेज दिए।

आत्महत्या करने के काफी पहुंच गया......

उन्होंने आगे कहा, "गांव में लोग मुझे नाकारा घोषित कर चुके थे लेकिन मैंने परवाह करनी छोड़ दी थी। मैं एक आउटसाइडर था जो फिट होने की कोशिश कर रहा था तो मैंने अपने आपको सिखाना शुरू किया, इंग्लिश और हिंदी। मैंने फिर एनएसडी में अप्लाई किया लेकिन मैं तीन बार रिजेक्ट हुआ। मैं आत्महत्या करने के काफी पहुंच गया था यही कारण है कि, मेरे दोस्त मेरे पास सोते थे और मुझे अकेला नहीं छोड़ते थे। जब तक मैं स्थापित नहीं हो गया, वे मुझे मोटिवेट करते रहे।"

बड़ा पाव भी लगने लगा था महंगा:

मनोज बाजपेयी ने आगे कहा कि, "मुझे मेरे पहले शॉट के बाद 'निकल जाओ' तक कह दिया गया था, क्योकि मैं एक आइडियल हीरो फेस नहीं था। सभी ये सोचते थे कि, मैं बड़ी स्क्रीन पर दिखने के लायक नहीं क्योंकि मेरा चेहरा हीरो वाला नहीं। घर का किराया देने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे और उस समय बड़ा पाव भी महंगा लगा करता था लेकिन, मेरे अंदर सक्सेसफुल होने की एक भूख थी।"

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