Daak Review : हॉरर और थ्रिल का कॉम्बिनेशन है फिल्म डाक
डाक(3 / 5)
स्टार कास्ट - अश्विनी कालेस्कर, अनिकेत केलकर, संजीवनी जाधव
डायरेक्टर - महेश नेने
प्रोड्यूसर - रतीश तावड़े, महेश नेने
स्टोरी
फिल्म की कहानी महाराष्ट्र स्थित एक गांव में रहने वाली सुनंदा (अश्विनी कालेस्कर) की है जो कि अपनी सास दुर्गाबाई (संजीवनी जाधव) और देवर गोपाल (सिद्धार्थ मुलये) के साथ रहती है। गोपाल मुंबई शहर में काम करता है और गांव में ही रह रही जान्हवी (वेदांगी कुलकर्णी) से भी प्यार करता है लेकिन गोपाल और जान्हवी के इस प्यार के खिलाफ गांव के सरपंच का भाई विक्रम (ओम राने) है क्योंकि वो भी जान्हवी से प्यार करता है। कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब अचानक एक दिन गोपाल आत्महत्या कर लेता है। इस केस की जांच करने के लिए मुंबई पुलिस ऑफिसर रोहित (गुरु दिवेकर) और क्राइम ब्रांच ऑफिसर सना (प्रणाली धूमल) आते हैं। अब गोपाल की मौत सच में आत्महत्या है या उसका मर्डर हुआ है या फिर इसके पीछे कोई काली शक्ति है। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन
फिल्म को डायरेक्ट महेश नेने ने किया है और उनका डायरेक्शन ठीक है। फिल्म का स्क्रीनप्ले फर्स्ट हाफ में स्लो है लेकिन सेकंड हाफ में काफी इंगेजिंग है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी ठीक है। हॉरर फिल्म होते हुए भी फिल्म कुछ ही सीन्स में आपको डराती है जो कि फिल्म का सबसे बड़ा माइनस प्वाइंट है। फिल्म की एडिटिंग और क्लाइमेक्स दोनों और भी बेहतर किया जा सकता है। हॉरर फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक के मामले में भी फिल्म फेल होती है। फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू ठीक है।
परफॉर्मेंस
परफॉर्मेंस की बात करें तो अश्विनी कालेस्कर ने काफी उम्दा अभिनय किया है। इस फिल्म के माध्यम से काफी समय बाद अश्विनी कालेस्कर मराठी सिनेमा में वापसी कर रही हैं। संजीवनी जाधव और अनिकेत केलकर ने भी सटीक परफॉर्मेंस दी है। वेदांगी कुलकर्णी और सिद्धार्थ मुलये ने भी अच्छा काम किया है। प्रणाली धूमल और गुरु दिवेकर ने भी सराहनीय काम किया है। ओम राने और कीर्ति आदरकर ने भी ठीक काम किया है। फिल्म के बाकी कलाकारों का काम भी औसत दर्जे का है।
क्यों देखें
डाक एक हॉरर थ्रिलर है और फिल्म में यह दिखाया गया है कि जब किसी व्यक्ति की अचानक से मौत हो जाती है तो उसकी मौत के बारहवें दिन उसकी आत्मा को बुलाकर उससे पूछा जाता है कि उसकी मौत कैसे हुई। फिल्म में यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि आज भी काली शक्तियों का साया है और लोग इन काली शक्तियों का दुरुपयोग करके लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं या फिर उन्हें परेशान कर रहे हैं। अगर आप हॉरर बेस्ड फिल्म में थ्रिलर का मजा लेना चाहते हैं तो यह फिल्म देखने जा सकते हैं।
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