हिंसा और जाति उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाली महिला की कहानी मैडम चीफ मिनिस्टर

इस हफ्ते अभिनेत्री ऋचा चड्ढा अभिनीत फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। चलिए आपको बताते हैं कैसी है फिल्म...
हिंसा और जाति उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाली महिला की कहानी मैडम चीफ मिनिस्टर
हिंसा और जाति उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाली महिला की कहानी मैडम चीफ मिनिस्टरPankaj Pandey

फिल्म - मैडम चीफ मिनिस्टर

स्टार कास्ट - ऋचा चड्ढा, सौरभ शुक्ला, मानव कौल, अक्षय ओबेरॉय

डायरेक्टर - सुभाष कपूर

प्रोड्यूसर - भूषण कुमार, नरेन कुमार, डिंपल खरबंदा

रेटिंग - 3 स्टार

स्टोरी :

फिल्म की कहानी उत्तरप्रदेश बेस्ड है और तारा रूप राम (ऋचा चड्ढा) के इर्द-गिर्द घूमती है। तारा को मनहूस कहा जाता है क्योंकि जिस दिन वो पैदा हुई उस दिन उसके पिता की मौत हो गई। तारा एक विश्व विद्यालय में असिस्टेंट लाइब्रेरियन है और वो विश्व विद्यालय के युवा छात्र नेता इंद्रमणि त्रिपाठी (अक्षय ओबेरॉय) से प्यार करती है। इसी बीच तारा प्रेगनेंट हो जाती है और वो बच्चा रखना चाहती है लेकिन इंद्रमणि को ये मंज़ूर नहीं है। इंद्रमणि अपने गुंडों को तारा को मारने के लिए भेजता है। गुंडे तारा को मार ही रहते हैं कि तभी परिवर्तन पार्टी के मुखिया मास्टर सूरजभान (सौरभ शुक्ला) वहां आकर तारा को बचा लेते हैं। तारा सूरजभान की पार्टी ज्वाइन कर लेती है और सिटिंग मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ती है। तारा चुनाव जीत जाती है और फिर पार्टी सहमति से तारा उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री भी बन जाती है लेकिन तारा का मुख्यमंत्री बनना सहयोगी विकास पार्टी के मुखिया अरविंद सिंह (शुभ्रज्योत बराट) को पसंद नहीं आता और वे तारा को मुख्यमंत्री पद से हटाने का प्रयास करने लगते हैं। कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब सूरजभान का मर्डर हो जाता है और तारा अकेली पड़ जाती है। अब आगे क्या होगा, अगर आपको यह जानना है तो आपको यह फिल्म देखनी होगी।

डायरेक्शन :

फिल्म को डायरेक्ट सुभाष कपूर ने किया है जो कि इससे पहले जॉली एलएलबी सीरीज बना चुके हैं। इस फिल्म में भी उन्होंने फिल्म को शानदार तरीके से पेश किया है। फिल्म का स्क्रीनप्ले ठीक है और फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स हैं जिनकी कोई आवश्यकता नहीं थी। इसके अलावा फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ठीक है और डायलॉग भी अच्छे हैं।

परफॉर्मेंस :

परफॉर्मेंस की बात की जाए तो ऋचा चड्ढा ने बेहतरीन काम किया है। फिल्म में उन्होंने तारा के किरदार में जान डाल दी है। सौरभ शुक्ला ने भी सराहनीय काम किया है। अक्षय ओबेरॉय ने भी ठीक काम किया है लेकिन उनसे फिल्म में और भी काम लिया जा सकता था। मानव कौल का भी काम संतोषजनक है। फिल्म के बाकी सभी किरदारों ने भी अच्छा काम किया है।

क्यों देखें :

फिल्म मैडम चीफ मिनिस्टर हिंसा और जाति उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाली एक महिला की कहानी है। फिल्म में और भी कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें सिर्फ टच किया गया है, जैसे मंदिरों में छोटे जातियों के लोगों को प्रवेश न मिलना। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि फिल्म में वो सब कुछ है जो एक अच्छी फिल्म में होना चाहिए और सबसे अच्छी बात यह है कि फिल्म आपको निराश नहीं करती इसलिए आप यह फिल्म एक बार तो देख ही सकते हैं।

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