पेरियार पर टिप्‍पणी कर फंसे रजनीकांत, कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
पेरियार पर टिप्‍पणी कर फंसे रजनीकांत, कार्यकर्ताओं का प्रदर्शनSocial Media

पेरियार पर टिप्‍पणी कर फंसे रजनीकांत, कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

रजनीकांत ने बीते दिनों पेरियार के खिलाफ दिए अपने बयान से पीछे हटने या माफी मांगने से इनकार कर दिया है। इस मामले में उनके खिलाफ उनके घर के बाहर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

राज एक्सप्रेस। साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने बीते दिनों पेरियार के खिलाफ दिए अपने बयान से पीछे हटने या माफी मांगने से इनकार कर दिया है। रजनीकांत ने समाज सुधारक और द्रविड़ आंदोलन के जनक माने जाने वाले पेरियार के खिलाफ टिप्पणियों के लिए माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि, वह समाज सुधारक ईवी रामासामी "पेरियार" पर अपनी टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे। अब इस मामले में उनके खिलाफ उनके घर के बाहर थनथाई पेरियार द्रविड़ विदुथलाई के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

माफी मांगने से किया इंकार :

रजनीकांत का कहना है कि, उन्‍होंने जो भी कहा वह सच है और उस वक्‍त मीडिया में उन्हें लेकर कई खबरें भी छपी हैं, मैं आपको दिखा सकता हूं। इसलिए मैं माफी नहीं मागूंगा। बीते दिन एक इंटरव्‍यू के दौरान रजनीकांत ने कहा था कि, पेरियार लगातार हिंदू देवी-देवताओं के विरोध में बयानबाजी करते थे, लेकिन तब किसी ने कुछ नहीं कहा था। इस मामले को लेकर हर जगह विरोध किया जाने लगा।

माफी मांगने से किया इंकार
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द्रविड़ विदुथलाई के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन :

आज बुधवार को, द्रविड़ विदुथलाई कझगम के कार्यकर्ताओं ने इस मामले के विरोध में कैथेड्रल रोड पर रजनीकांत के खिलाफ उनके निवास से थोड़ी दूरी पर एक प्रदर्शन किया। उन्होंने उनके खिलाफ नारे लगाए और उन्हें स्वीकार करने के लिए कहा कि, वह तथ्यात्मक रूप से गलत थे। जिसके बाद रजनीकांत के निवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी।

रजनीकांत ने दिया था बयान :

आपको बता दें कि, तमिल पत्रिका 'तुगलक' की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर 14 जनवरी को संबोधित करते हुए रजनीकांत ने कहा था, "1971 में, सलेम में, पेरियार ने अंधविश्वास के खिलाफ एक रैली निकाली, जिसमें भगवान श्रीरामचंद्र और सीता की मूर्ति को बिना वस्त्र के दिखाया गया था और उस पर जूतों की माला पहनाई गई थी।" उन्होंने कहा कि, यह केवल चो (रामासामी) थे जिन्होंने पेरियार से मोर्चा लिया, जो करुणानिधि को पसंद नहीं आया। चो को करुणानिधि के गुस्से का सामना करना पड़ा। चो ने कहा कि, डीएमके के संरक्षक ने उन्हें मुफ्त में भी प्रचार दे दिया और पूरे देश में लोकप्रिय बना दिया। चो उस समय की सरकार के कट्टर विरोधी थे।

रजनीकांत के खिलाफ शिकायत दर्ज :

द्रविड़ विदुथलाई काज़गम और विदुथलाई चिरुथिगाल काची के थोल थिरुमावलवन द्वारा इस संबंध में अभिनेता के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि रजनीकांत ने पेरियार को उनकी प्रतिष्ठा खराब करने के इरादे से गलत सूचना फैलाई थी।

सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने किया रजनीकांत का समर्थन:

वहीं BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रजनीकांत का समर्थन किया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा कि, इस मसले पर मैं रजनीकांत के साथ हूं, 1971 की रैली के मामले पर राम-सीता को लेकर जो कहा गया, उस पर मैं अभिनेता के साथ हूं। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि, अगर रजनीकांत कहेंगे, तो वह इस मसले पर कोर्ट में भी उनका साथ देंगे।

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