सज-धज कर 3100 गायों की टोली मनाएंगी 'जन्माष्टमी'
राज एक्सप्रेस। इस जन्माष्टमी (Janmashtami 2019) के मौके पर पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस एक स्थित गौशाला में गायों की टोली भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म उत्सव मनाएगी। कुल 3100 गायों को सजा कर इस उत्सव में लाया जाएगा और लगभग 1000 गाय इस उत्सव में अपना विशेष करतब भी दिखाएंगी। देश भर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का त्यौहार इस बार 23 और 24 अगस्त को 2 दिन मधाम से मनाई जाएगी।
गौशाला संचालक महंत बाबा मंगल दास ने बताया कि-
इस साल गौशाला में गायों को विशेष श्रृगार कर उसे तैयार किया जाएगा। सभी गाए भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव की खुशी मनाएंगी। उन्होंने बताया कि यहां जन्माष्टमी सबसे अलग ढंग से मनाया जाता है। सजी-धजी गायों की सुंदरता के कारण यहां की मनमोहक उत्सव देखने दूर दूर से लोग आते है। उन्होंने बताया कि, इस अवसर पर भजन-कीर्तन का कार्यक्रम का भी आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का मुख्य पात्र गौ ही थीं।
उन्होंने बताया कि-
भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का मुख्य पात्र गौ ही थीं। भगवान श्रीकृष्ण का गाय चराने जाना, उनकी मधुर वंशी ध्वनि पर गायों का उनकी ओर भागते चले आना, भगवान श्रीकृष्ण का छोटी उम्र में हठ करके गाय का दूध दूहना सीखना एवं प्रसन्न होना, गाय का माखन चुराना आदि ये सब कुछ भगवान श्रीकृष्ण के गौवंश से स्नेह को प्रकट करता है। श्रीकृष्ण का बाल्य जीवन गो-सेवा में बीता इसीलिए उनका नाम 'गोपाल' पड़ा।
गाय हिन्दुओं के लिए बहुत पूजनीय
तीनों लोकों के कष्ट हरने वाले श्रीकृष्ण के अनिष्ट हरण का काम गाय करती थी। जब-जब श्रीकृष्ण पर कोई संकट आयाय नन्द बाबा और यशोदा माता ब्राह्मणों को गायों का दान करते थे। यह है गोमाता की महिमा और श्रीकृष्ण के जीवन में उनका महत्व। इसलिए जन्माष्टमी पर गौ वंश की भी पूजा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि, हिन्दू धर्म में मान्यता है कि गाय के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास करते है। इसलिए गाय हिन्दुओं के लिए बहुत पूजनीय है। कहा यह भी जाता है कि समुद्र मंथन में बहुत सारे अनमोल रत्न में एक कामधेनु 'गाय' भी थी।
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