ISRO chief with Jitendra Singh
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पीएसएलवी के चौथे चरण से अलग हो अंतरिक्ष में आगे बढ़ा आदित्य एल-1, जितेंद्र सिंह ने दी बधाई

केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सूर्य मिशन की लांच पर कहा भारत के लिए यह एक सुखद क्षण है। इसरो के वज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।

राज एक्सप्रेस । आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान पीएसएलवी के चौथे चरण से अलग हो गया है और अब यह हमेशा के लिए अंतरिक्ष में अपनी यात्रा शुरू कर चुका है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सूर्य मिशन की लांच पर कहा आदित्य एल1 वास्तव में भारत के लिए एक सुखद क्षण है। केंद्रीय मंत्री ने इस सफलता पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ, वैज्ञानिकों की टीम और भारत के लोगों को बधाई दी है। इस अवसर पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा अंतरिक्ष यान को अण्डाकार कक्षा में स्थापित किया गया है।

सूर्य के गहन अध्ययन में मिलेगी सहायताः डॉ. बनर्जी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक डॉ. दीपांकर बनर्जी ने कहा यह मिशन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी व्यक्ति जमीन से केवल सूर्य की निचली सतह को ही देख सकता है। इस मिशन से वैज्ञानिकों को बेहद अहम आंकड़ें मिलेंगे, जिनके अध्ययन से सूर्य के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के कुछ दिनों बाद, इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपनी पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला आदित्य एल1 लॉन्च किया है।

चार माह में लैंगरेंज पॉइंट पर पहुंचेगा आदित्य

आदित्य स्पेसक्राफ्ट को एल1 पॉइंट तक पहुंचने में करीब 125 दिन यानी 4 महीने लगेंगे। ये 126 दिन 6 जनवरी 2024 को पूरे होंगे। अगर मिशन सफल रहा और आदित्य स्पेसक्राफ्ट लैग्रेंजियन पॉइंट 1 पर पहुंच गया है, तो नए साल में इसरो के नाम यह बड़ी उपलब्धि होगी। उल्लेखनीय है कि लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में एल1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है। ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। पहला लैगरेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।

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