Delhi: राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में अमित शाह का संबोधन

दिल्ली में 'राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन' को केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया। देश के विकास के अंदर सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
Delhi: राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में अमित शाह का संबोधन
Delhi: राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में अमित शाह का संबोधनSyed Dabeer Hussain - RE

दिल्‍ली, भारत। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा आज नई दिल्ली में 'राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन' को संबोधित किया।

प्रेरणा का मूल स्थान दीनदयाल जी की अंत्योदय की नीति है :

राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन अमित शाह ने अपने संबोधन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जिक्र करते हुए कहा- आज मेरी शुरुआत पंडित दीनदयाल जी की जन्म जयंती से करना चाहूंगा, क्योंकि मेरे जैसे कई कार्यकर्ताओं का सहकार में आने की प्रेरणा का मूल स्थान दीनदयाल जी की अंत्योदय की नीति है। गरीब कल्याण और अंत्योदय इसकी कल्पना सहकारिता के अलावा हो ही नहीं सकती है। देश में सबसे पहले विकास की जब बात होती थी तब सबसे पहले अंत्योदय की बात जिन्होंने की वो पंडित दीनदयाल जी थे।

आजादी के 75 वर्ष के बाद और ऐसे समय पर जब सहकारिता आंदोलन को सबसे ज्यादा जरूरत थी तब देश के प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया, मैं आप सभी की ओर से उनको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।

गृह मंत्री अमित शाह

अमित शाह ने बताया- देश के विकास के अंदर सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। देश के विकास के अंदर सहकारिता का योगदान आज भी है। हमें नए सिरे से सोचना पड़ेगा, नए सिरे से रेखांकित करना पड़ेगा, काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा, पारदर्शिता लानी पड़ेगी।

राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में शाह के संबोधन की प्रमुख बातें-

  • सहकारिता आंदोलन सबसे ज्यादा प्रासंगिक है, तो आज ही के दिनों में है। हर गांव को कॉ-ऑपरेटिव के साथ जोड़कर, सहकार से समृद्धि के मंत्र साथ हर गांव को समृद्ध बनाना और उसके बाद देश को समृद्ध बनाना, यही सहकार की भूमिका होती है।

  • मोदी जी ने एक मंत्र दिया है- सहकार से समृद्धि तक। मैं आज मोदी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सहकारिता क्षेत्र भी आपके 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगी।

  • सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति भी करेगा और नई सामाजिक पूंजी का कंसेप्ट भी तैयार करेगा। भारत की जनता के स्वभाव में सहकारिता घुली-मिली है। इसलिए भारत में सहकारिता आंदोलन कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता।

  • आज देश में लगभग 91% गांव ऐसे हैं जहां छोटी-बड़ी कोई न कोई सहकारी संस्था काम करती है। दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं होगा जिसके 91% गांव में सहकारिता उपस्थित हो।

  • सहकारिता मंत्रालय कॉ-ऑपरेटिव संस्थाओं को मजबूत करने, उन्हें आगे बढ़ाने, उन्हें आधुनिक बनाने, उन्हें पारदर्शी बनाने, उन्हें प्रतिस्पर्धा में टिके रखने के लिए ही बनाया गया है।

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जो सहकारिता मंत्रालय बनाया है उसका ग्रामीण क्षेत्र में विकास को पहुंचाने का उद्देश्य है। ग्रामीण क्षेत्र में हर वंचित तक विकास को पहुंचाने की चुनौती को पार करने की जिम्मेदारी सहकारिता मंत्रालय की है।

  • कृषि क्षेत्र में पिछले सात वर्ष में मोदी जी आमूलचूल परिवर्तन लाए हैं। 2009-10 में कृषि बजट 12,000 करोड़ रुपये था। 2020-21 में कृषि बजट को बढ़ाकर 1,34,499 करोड़ रुपये मोदी सरकार में किया गया।

  • भारत सरकार का सहकारिता मंत्रालय सभी राज्यों के साथ सहकार करके चलेगा, ये किसी राज्य से संघर्ष के लिए नहीं बना है। सरकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम इस मंत्रालय के तहत होगा।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com