सहकारिता के 100वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह का संबोधन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारिता के 100वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर अपने संबोधन में कही ये बातें...
अमित शाह का संबोधन
अमित शाह का संबोधनSocial Media
Submitted By:
Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सोमवार को सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीयूआई द्वारा आयोजित सहकारिता के 100वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया।

आज हम 100वाँ अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मना रहे हैं :

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा- आज हम 100वाँ अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मना रहे हैं, एक विचार और विचारधारा के लिए 100 वर्ष का समय युवा अवस्था का होता है। सहकारिता का सिद्धांत भारत के साथ पूरे विश्व को एक सफल व टिकाऊ आर्थिक मॉडल देने का काम कर सकता है। इसके लिए हमें नई ऊर्जा और संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।

आज का दिन सहकारिता के मॉडल को आधुनिक व समयानुकूल बनाकर विश्व के सामने वैश्विक समस्याओं के समाधान के रूप में रखने का है। आज हम देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और जब हम आजादी की शताब्दी मनाए उस समय सहकारिता अपने शिखर पर हो, यह संकल्प लेकर हमें आगे बढ़ना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

  • भारत में ऑर्गेनिक खेती की अपार संभावनाएं हैं। वैश्विक बाजारों में भारत के ऑर्गेनिक उत्पादों की बेहतर कीमत के लिए उनकी विश्वसनीयता बढ़ाना जरूरी है। इसलिए भारत सरकार अमूल को नोडल एजेंसी बनाकर हर जिले में मिट्टी व ऑर्गेनिक उत्पादों के सर्टिफिकेशन हेतु एक लेबोरेटरी बनाने जा रही है।

  • सहकारिता आंदोलन को सिर्फ सहकारिता का सिद्धांत ही लंबा जीवन दे सकता है। सहकारिता के सिद्धांतों को छोड़ना ही PACS के Defunct होने का मूल कारण है। इसलिए सहकारिता आंदोलन को प्रासंगिक बनाकर लंबा जीवन देने के लिए इससे जुड़े सभी कार्यकर्ताओं को सहकारिता की भावना को आत्मसात करना चाहिए।

  • दुनिया ने पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों मॉडल को अपनाया लेकिन ये दोनों ही extreme मॉडल हैं…सहकारी मॉडल मध्यम मार्ग है और यह भारत के लिए सबसे उपयुक्त है। और मोदी सरकार इस सर्वस्पर्शी व सर्वसमावेशी सहकारी मॉडल से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है।

  • मोदी सरकार ने PACS को multipurpose करने के Model Bye-Laws बनाकर सभी प्रदेशों को सुझाव देने के लिए भेजें है, जल्द ही PACS multipurpose बनेंगे। Multipurpose होने से PACS का दायरा तो बढ़ेगा ही साथ ही साथ आय में भी वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

  • समय के साथ कानून व व्यवस्थाओं में बदलाव ना हो तो वो कालबाह्य हो जाते हैं। आजादी के बाद से सहकारिता क्षेत्र में सुधारों की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। नरेंद्र मोदी जी ने नया सहकारिता मंत्रालय बनाकर इस क्षेत्र में प्राण फूंकने का काम किया है इसके लिए मैं मोदी जी को बधाई देता हूँ।

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