नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस बहुत ही तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन्ही बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए भारत में काफी समय तक लॉकडाउन रहा, परंतु देश के आर्थिक हालातों को बिगड़ता देख कर सरकार ने देश को अनलॉक करने का फैसला लिया था। वहीं, अब देश में एक बार फिर 25 सितंबर से लॉकडाउन लागू होने की खबर बहुत तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। हालांकि, देश में एक बार फिर लॉकडाउन लगाने की बात वाली रिपोर्ट को सरकार ने ख़ारिज कर दी है।
सरकार ने किया रिपोर्टों को खारिज :
दरअसल, एक बार फिर इस तरह की खबर सामने आई है कि, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में 25 सितंबर से लॉकडाउन की सिफारिश की गई है, परंतु भारत में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच, सरकार ने सोमवार यानि 14 सितंबर को उन सभी रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। जिसमे, देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 सितंबर से एक और लॉकडाउन की सिफारिश की गई थी। इसके अलावा इस सूचना को ब्यूरो द्वारा "फेक न्यूज" बताते हुए इस न्यूज़ का खंडन किया गया।
क्या था रिपोर्ट में ?
बताते चलें, इस रिपोर्ट्स में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) द्वारा बताया गया था कि, केंद्र सरकार की तरफ से 25 सितंबर से एक और लॉकडाउन लगाने के आदेश दिए गए है। यह रिपोर्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही थी। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट के साथ ही NDMA के ऑर्डर वाला स्क्रीनशॉट भी काफी वायरल हो रहा था। इन सब के जरिए दवा किया जा रहा था कि, देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लागू होगा। रिपोर्ट में बताया गया था कि, कोरोनो के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने इस तरह का फैसला लिया है। फैसले में यह भी कहा गया है कि इस बार लॉकडाउन का और सख्ती से पालन करवाया जाएगा।
कुल इतने दिन का लॉकडाउन :
वायरल हो रही इस रिपोर्ट में यह भी है कि, आपदा विभाग के एक लेटरपेड पर सरकारी आदेश लिखा हुआ है कि, देश में दोबारा लागू होने वाला यह लॉकडाउन 46 दिन का होगा। इस लॉकडाउन के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने योजना आयोग के साथ मिलकर प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) और गृह मंत्रालय से गुजारिश करते है कि, 25 सितंबर की रात से लॉकडाउन को लगा दिया जाए। हालांकि, इस दौरान सभी आवश्यक सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।
प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) का दावा :
सरकार की तरफ से प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने दावा किया है कि, 'फैक्ट चेक में यह खबर फर्जी साबित हुई है। PIB फैक्ट चेक के अनुसार, यह आदेश नकली है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में न तो कोई आदेश जारी किया है, न ही इस संबंध में कोई विचार विमर्श के लिए नोटिस जारी किया है।'
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