असम: बागजन क्षेत्र के गैस कुएं में लगी आग से 100 दिन बाद भी उठ रही लपटें

कोरोना के मामलों जैसे ही अब असम के बागजन क्षेत्र में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के गैस कुएं में लगी आग का कहर भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह आग यहां 100 दिनों पहले लगी थी जो, अभी तक नहीं बुझ सकी है।
Assam Gas Wells Fire
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असम। देश पहले ही कोरोना का दंश झेल रहा है ऐसे में कहीं न कहीं से लगातार दुर्घटनाओं की खबरे सामने रही रही है। कोरोना के मामलों जैसे ही अब असम के बागजन क्षेत्र में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के गैस कुएं में लगी आग का कहर भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह आग यहां 100 दिनों पहले लगी थी जो, अभी तक नहीं बुझ सकी है।

नहीं थम रही कुएं की आग :

दरअसल, असम के बागजन क्षेत्र में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के गैस कुएं में 9 जून को गैस रिसाव होने से बहुत तेज धमाका हुआ था। इस धमाके के साथ ही इस कुएं में आग लग गई थी और आज यानि गुरुवार को इस आग को पूरे 100 दिन हो चले हैं और यह आग थमने का नाम ही नहीं ले रही है। बता दें यह कुंआ बागजन क्षेत्र में डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और मगुरी मोटापुंग के पास स्थित है। इस आग की लपटों को कई किलोमीटर दूर से आज भी आराम से देखा जा सकता है। बताते चलें, यह आग इतनी भीषण है कि, इस आग को बुझाने के लिए विशेषज्ञों की टीमों ने भी अपना जोर आजमाया था। परंतु वह भी असफल रहे।

बाढ़ से प्रभावित हुआ आग बुझाने का काम :

बताते चलें, तेज बारिश के कारण आई बाढ़ के चलते इस कुएं में लगी आग को बुझाने का काम प्रभावित हुआ है। गौरतलब है कि, इस समय असम बाढ़ की चपेट में बुरी तरह आ चुका है। बाढ़ के चलते ही बागजान के रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। जिससे कर्मचारी इस कुएं के पास पहुंचने में असफल हो रहे हैं।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री का कहना :

इस आग को लेकर वाणिज्य और उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी ने बुधवार को विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'आग बुझाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस आग को बुझाने और इस पर काबू पाने में अभी लगभग 6 से 8 सप्ताह का समय और लग सकता है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'आग बुझाने के लिए अब वैकल्पिक प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसके तहत कुएं से निकलने वाली गैस को पाइपलाइनों के साथ डायवर्ट किया जा रहा है।'

OIL प्रवक्ता ने बताया :

OIL प्रवक्ता त्रिदीप हजारिका ने बताया कि, 'यह एक तकनीकी प्रयास है। इसमें पाइप लाइनों को BOP के साथ जोड़ा जा रहा है। इसके द्वारा गैस को बागजन प्रारंभिक उत्पादन प्रणाली से होते हुए OIL के दैनिक गैस उत्पादन की ओर डायवर्ट किया जाएगा।' हजारिका ने आगे कहा कि, 'सफलता मिलने पर कुएं की आग और आवाज कम हो जाएगी। इससे आस-पास के स्थानीय लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी।'

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