खंडवा: पैसों के लिए बेकरी संचालक कर रहे जनता की सेहत से खिलवाड

खंडवा में बिना मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अंकित किए खाने-पीने की वस्तुएं बिकने का मामला सामने आया। चंद पैसो के लिए यहाँ बेकरी संचालक खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियमो का खुला उल्लंघन कर रहे है।
Khandwa Bakery
Khandwa BakeryGaurav Jain

हाइलाइट्स :

  • खंडवा में बेकरी संचालक कर रहे नियमो का उल्लंघन

  • बिना मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अंकित किए बिक रहे खाद्य पदार्थ

  • नहीं हो रही कोई कार्यवाही

  • कैसे पहचाने वस्तु खाने लायक है या नहीं

  • नुकसान से बचने के लिए कर रहे है नियमो का उल्लंघन

  • बेकरी आइटम्स में मिलाये जा रहे कैमिकल

  • नियमों के पालन न होने की शिकायत की गई

  • खाद्य एवं औषधि निरीक्षक द्वारा जल्द की जाएगी जांच-पड़ताल

राज एक्सप्रेस। हमारे देश के कई घरों में सुबह का नाश्ता और ब्रेड एक दूसरे के पूरक हैं। हर घर में ब्रेड को अलग अलग तरीके से कहाया जाता है। होटलों में बर्गर और पिज्जा के मूल में भी ब्रेड ही होती है। हम कह सकते है कि, लोग रोजाना ब्रेड से रूबरू होते हैं। वहीं खंडवा (Khandwa Bakery) जिले में ब्रेड और अन्य खाने पीने की वस्तुओं का उत्पादन करने वाले उत्पादक खाद्य सुरक्षा से जुड़े मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। पैसा कमाने के चक्कर में वह जनता की सेहत से खिलवाड़ करने में भी नहीं हिचक रहे।

नहीं हो रही कोई कार्यवाही :

इसी का उदाहरण है शहर में बिना मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अंकित किए बिक रही खानी पीने की वस्तुएं। खाद्य विभाग भी अपनी आंखें मूंदे हुए सब देख रहा है, लेकिन इन उत्पादकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा। या यू कहे की कार्रवाई करना ही नहीं चाहते। इसमें सबसे अधिक संख्या ब्रेड, बन, फु्रट केक और अन्य बेकरी से संबंधित चीजें की है। अब ग्राहक के सामने सही या खराब वस्तु होने की पहचान के लिए लिए तिथि का सहारा नहीं है। अब तो ग्राहक को बस देखकर ही अंदाजा लगाना होगा कि, वस्तु खाने लायक है या नहीं।

ग्राहक कैसे पहचाने की वस्तु खाने लायक है या नहीं:

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाने पीने के किसी भी पैक्ड सामान पर कुछ जानकारी अंकित करना अनिवार्य है। जैसे-

  • वस्तु के वेज या नॉन/वेज होने का चिन्ह

  • वास्तु का बैच या लॉट नंबर

  • उत्पादन की तिथि

  • इस्तेमाल किये जाने की समय अवधि

  • पैकिंग जाने की जगह का पता

  • वस्तु को बनाने में किन चीजों का प्रयोग किया गया है

खंडवा में नहीं हो रहा इन नियमो का पालन :

खंडवा शहर में अधिकतर उत्पादक इस अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं। वह लोग खाने पीने की पैक वस्तुओं पर उसके उत्पादन की तिथि, उसे कितने समय में प्रयोग किया जा सकता है, बैच या लॉट नंबर आदि अंकित नहीं कर रहे हैं। नियमों की अनदेखी करने वालों में सर्वाधिक संख्या ब्रेड, बन और अन्य बेकरी प्रोडक्ट्स बनाने वाले उत्पादकों की है। आम तौर पर ब्रेड और बन को उसके उत्पादन के 2/3 दिन के अंदर इस्तेमाल करना ही अच्छा माना जाता है, लेकिन जब उस पर तिथि ही अंकित नहीं तो, ग्राहक कैसे पहचाने की वस्तु खाने लायक है या नहीं।

नुकसान से बचने को नहीं अंकित करते तिथि :

ब्रेड, बन जैसी चीजों का विक्रय करने वाले कुछ फुटकर दुकानदारों ने बताया कि, यह ऐसी वस्तुएं हैं कि, अगर एक दिन भी पुरानी हो तो, कई बार ग्राहक नहीं लेता। आमतौर पर 2 से 3 दिन में ब्रेड खराब हो जाती है। वैसे तो इन वस्तुओं की बिक्री काफी तेजी से होती है, लेकिन फिर भी कई बार दुकानदार के पास स्टॉक बच जाता है। अगर वस्तु एक्सपायर होने तक नहीं बिक पाती तो अधिकतर उत्पादक उसे फुटकर दुकानदार से उसे वापस ले लेते हैं, लेकिन ऐसा करने में उनको काफी नुकसान होता है। इसी नुकसान से बचने के लिए उत्पादकों ने अब बिना उत्पादन की तिथि डाले ही पैक्ड खाद्य वस्तुएं बेचना शुरु कर दिया है। कुछ उत्पादक तो ऐसा भी करते हैं कि, एक वस्तु के किसी पैकेट पर तिथि अंकित की और किसी पर नहीं। दोनों को मिलाकर यह फुटकर दुकानदार तक बेच देते हैं।

बेकरी आइटम्स में कैमिकल मिलाए जाते है :

ज्यादातर बेकरी आइटम्स में उसी आटे का उपयोग होता है, जिससे ब्रेड बनती है। इसमें बिस्कुट तक शामिल है, लेकिन ब्रेड हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है इसका कारण है पोटेशियम ब्रोमेट नामक एक पदार्थ। पोटेशियम ब्रोमेट का कैमिकल फॉर्मूला ई 924 है। अब आप सोच रहे होंगे कि, इस पदार्थ का ब्रेड से क्या संबंध। बस यही समझने की बात है। ब्रेड बनाने वाले खुद स्वीकार रहे हैं कि दो दिन बाद व बिना सेंके ब्रेड को खाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। उनके अनुसार एक्सपायरी डेट बढ़ाने के लिए ही पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट जैसे खतरनाक कैमिकल मिलाए जाते हैं।

तिथि अंकित नहीं किये जाने की शिकायत:

आम लोगों की सेहत का ध्यान रखते हुये शासन द्वारा यथा शीघ्र जिले भर की खासकर के खंडवा शहर की कॉलोनियों में संचालित होने वाली बैकरियों की जाँच की जाना चाहिए एवं इसे प्रतिबंधित किया जाए। आखिर यह हमारे देश की जनता की सेहत का सवाल है। अभी हाल में खण्डवा के एक अधिवक्ता अभिषेक मालाकार द्वारा ब्रेड टोस्ट में कॉकरोच एवं उत्पादन एवं समाप्ति की तिथि अंकित नहीं किये जाने की शिकायत भी जिला कलेक्टर को की है। हमें इस गंभीर विषय पर न सिर्फ खुद जागरूक होना पड़ेगा बल्कि जनता तथा जिला प्रशासन का भी इस ओर ध्यान आकर्षित करना होगा, ताकि बेकरी उत्पाद बनाने वाली कंपनियांं इस पदार्थ का इस्तेमाल करना बंद करें। साथ ही नियमानुसार उत्पादन एवं समाप्ति की तिथि अंकित करें।

खाद्य एवं औषधि निरीक्षक का कहना:

खाद्य एवं औषधि निरीक्षक श्री सोलं का कहना है कि, अभी अन्य कार्यो में व्यस्त है शीघ्र ही शहर की सभी बेकरियों की जाँच कर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।

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