बिहार, भारत। पिछले कई सालों से नेताओं के बीच हुई अनबन के कारण गुस्सा-नारागजी चलती आरही है। ऐसे में वह इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ देते हैं। देशभर के राज्यों में यह सिलसिला लम्बे समय से जारी है। इसी कड़ी में अब बिहार की नीतीश कुमार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने अपना इस्तीफा देने का ऐलान करके बिहार सरकार को एक बड़ा झटका दे दिया है। साथ ही उन्होंने कई लोगों पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
बिहार के समाज कल्याण मंत्री ने दिया इस्तीफा :
दरअसल, गुरुवार को बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने इस्तीफा देने का ऐलान कर नौकरशाही से नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, वह यह इस्तीफा नौकरशाही से नाराज होकर दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि, 'घर और गाड़ी लेकर क्या करूंगा जब जनता की सेवा ही नहीं कर पा रहा हूं। जब अधिकारी मेरी सुनेंगे ही नहीं तो जनता की सेवा कैसे करूंगा। अगर जनता का काम नहीं कर सकता तो मंत्री बने रहने का कोई मतलब नहीं है।' उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग में अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि, 'नीतीश कुमार के करीबी अफसरों ने खूब संपत्ति बनाई है।'
चंचल कुमार की संपत्ति जांच की मांग :
समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने ना केबल अपना इस्तीफा दिया है बल्कि साथ ही बिहार CM नीतीश कुमार के करीबी चंचल कुमार की संपत्ति की जांच करने की मांग भी की है। साहनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, 'हम लोग बरसों से तानाशाही झेल रहे हैं, यातना झेल रहे हैं लेकिन अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसलिए अब हमने मन बना लिया है कि हम अब इस्तीफा दे देंगे। जब हम किसी का भला नहीं कर सकते है तो हम केवल सुविधा लेने के लिए नहीं बैठे हैं।' हालांकि, पार्टी से इस्तीफा देने से जुड़ी बात पर उन्होंने कहा कि, 'हम पार्टी में बने रहेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में भी रहेंगे।'
लगाया मनमानी का आरोप :
मदन साहनी ने विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी करने का भी आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'विभाग में मंत्रियों की कोई नहीं सुनता है। सारे नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। समाज कल्याण विभाग में सालों से कई अधिकारी जमे हुए हैं और मनमाना काम कर रहे हैं। इसे हटाने की जब बात कही तो विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सुनने से इनकार कर दिया। मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ मेरी हालत नहीं है बल्कि बिहार में किसी भी मंत्री की कोई अधिकारी नहीं सुनता है। यह सबको पता है कि जून महीने में वैसे पदाधिकारी जो 3 साल से एक ही जगह पर पदस्थापित हैं, उनका ट्रांसफर होता है। हमने उन सभी अधिकारियों की लिस्ट अपर मुख्य सचिव के सामने रखी पर उसको देखने वाला कोई नहीं है।'
समाज कल्याण मंत्री ने लगाया गंभीर आरोप :
समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने इस्तिगा देते समय गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि, 'पिछड़ा वर्ग के आने के कारण हमें दबाया जाता है और कोई बात नहीं सुनता। अगर मंत्री की भी बात सरकार में नहीं सुनी जाएगी तो ऐसी हालत में मंत्री पद पर रह कर क्या फायदा? यह पहली बार नहीं है। पिछली बार भी ऐसे ही मुझे दबाया गया था, पर सुनने वाला कोई नहीं था। बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है। अब इस्तीफे के अलावा मेरे पास और कोई चारा नहीं बचा है।'
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