BRICS Summit : ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से मुकाबला करने की कार्ययोजना को अपनाया

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरूवार को 13वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से मुकाबला करने की कार्य योजना को अपनाया है।
13वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी
13वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदीDellPC

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को 13वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद से मुकाबला करने की कार्य योजना को अपनाया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में बाद में कहा गया कि सभी ब्रिक्स साझेदार आतंकवाद से मुकाबला करने की ब्रिक्स कार्य योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सहमत हुए।

प्रधानमंत्री ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा, "हमें गर्व करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन इससे हम आत्मसंतुष्ट न हों। कोविड के बावजूद 150 से ज्यादा बैठकें की गई हैं। हम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस साल ब्रिक्स में कई चीजें पहली बार हुई। ब्रिक्स ने कई महत्वपूर्ण संगठन न्यू डेवलपमेंट बैंक, कंटिनेजेंसी रिज़र्व अरेंजमेंट और एनर्जी रिसर्च कॉपरेशन प्लेटफॉर्म शुरू किये हैं। जल संसाधन पर भी पहली बार नवंबर में मंत्रियों की बैठक होगी। समझौतों से सहयोग का एक नया रास्ता खुला है। टीकाकरण पर अनुसंधान पर सहमति बनी है।"

उन्होंने कहा कि पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ हमने ब्रिक्स के एजेंडे को और अधिक व्यापक भी करने का प्रयास किया है। उन्होंने तीन सितंबर को आयोजित पहले ब्रिक्स डिजिटल स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, ''इस संदर्भ में ब्रिक्स ने कई 'फर्स्ट' हासिल किए हैं, जिसका मतलब है कि कई चीजें पहली बार की गई थीं।"

उन्होंने कहा, "प्रौद्योगिकी की मदद से स्वास्थ्य पहुंच बढ़ाने के लिए यह एक अभिनव कदम है। यह भी पहली बार है कि ब्रिक्स ने 'बहुपक्षीय प्रणालियों को मजबूत करने और सुधारने' पर सामूहिक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, ''हमने ब्रिक्स आतंकवाद से मुकाबले की कार्ययोजना को भी अपनाया है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट तारामंडल पर पांच देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच समझौता सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, "हमारे सीमा शुल्क विभागों के बीच सहयोग से इंट्रा-ब्रिक्स व्यापार आसान हो जाएगा।"

उन्होंने कहा कि भारत को अध्यक्षता के दौरान सभी ब्रिक्स भागीदारों से पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है और इसके लिए सदस्यों का आभार व्यक्त करते हैं। श्री मोदी ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों के लिए उपयोगी हो। आज की बैठक ब्रिक्स को और उपयोगी बनाने में कारगर साबित होगी। श्री मोदी ने दूसरी बार ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता की। इससे पहले 2016 में गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता भी प्रधानमंत्री ने की थी।

ब्रिक्स सम्मेलन में अफग़ानिस्तान पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि दुनिया के सामने सुरक्षा की चुनौतियां हैं। भविष्य में ब्रिक्स को और उपयोगी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका सेनाओं के जाने से अफगानिस्तान में नया संकट पैदा हो गया है। अभी यह साफ नहीं है कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर क्या असर पड़ेगा। अफगानिस्तान में नशे का कारोबार भी चिंता का विषय है। नशीले पदार्थों और आतंकवाद पर नियंत्रण जरुरी है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला है। श्री जिनपिंग ने विश्वास दिलाया कि चीन ब्रिक्स देशों के बीच बेहतर भविष्य और चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरा सहयोग करेगा। अगले साल चीन 14 वें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा।"

साल 2011 में शुरू हुआ ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है। इस बार इस सम्मेलन का आयोजक भारत है और श्री मोदी ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में श्री मोदी के अलावा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा शामिल हुए। नेताओं ने अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के समापन पर ब्रिक्स नेताओं ने 'नई दिल्ली घोषणा' को अपनाया।

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