छत्तीसगढ़ में पिछले ढाई वर्षों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप : रमन

डा. रमन सिंह ने आरोप लगाया हैं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले ढाई वर्षों में राजस्व व्यय में हुई बेतहाशा वृद्दि से विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं।
छत्तीसगढ़ में पिछले ढाई वर्षों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप : रमन
छत्तीसगढ़ में पिछले ढाई वर्षों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप : रमनSocial Media

रायपुर, छत्तीसगढ़। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने आरोप लगाया हैं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले ढाई वर्षों में राजस्व व्यय में हुई बेतहाशा वृद्दि से विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं।

डा. सिंह ने आज यहां रायपुर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि सड़क, पुल, अस्पताल जैसी बुनियादी अद्योसंरचना के नए कार्य ही नहीं ठप हो गए है बल्कि इनके रख रखाव के लिए भी धनराशि जारी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के पास जनता या मीडिया को ढाई वर्षों में अद्योसंरचना का कोई बड़ा प्रोजेक्ट बताने को नहीं है। केवल केन्द्र सरकार की योजनाओं का ही क्रियान्वयन हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के बाद विकास कार्यों में आई रूकावट मौजूदा सरकार की इसको लेकर कल्पनाशीलता का अभाव बड़ा कारण है। उन्होंने हाल ही में जारी सीएजी की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आईना दिखाने के लिए काफी हैं कि 90 हजार करोड़ रूपए के बजट में 88600 करोड़ राजस्व व्यय में खर्च हो रहे है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय घटकर 10 प्रतिशत रह गया है,जिसके अगले वित्त वर्ष में घटकर 9.4 प्रतिशत पहुंच जाने के आसार हैं।

डा. सिंह ने कहा कि राज्य पर तेजी से बढ़ते कर्ज पर ब्याज, वेतन भत्ते जैसे अनुत्पादक खर्च बढ़ रहे हैं,जिसे विकास कार्यों के लिए पैसा ही शेष नहीं बच रहा है। उन्होंने कहा कि हालात यहां तक खराब हैं कि राज्य के अपने हिस्से की धनराशि नहीं देने के कारण ढ़ाई वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए बनने वाले सात लाख मकान की राशि वापस चली गई।सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने दुर्ग के चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल कालेज के अधिग्रहण पर फिर सवाल उठाया और कहा कि जिस कालेज को 2017 से एमसीआई से मान्यता नहीं है उसके अधिग्रहण में तो इतनी तेजी दिखाई गई, लेकिन महासमुंद एवं कोरबा में केन्द्र द्वारा स्वीकृत मेडिकल कालेज की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब हैं जब केन्द्र नए मेडिकल कालेज को खोलने पर 75 प्रतिशत राशि स्वयं वहन कर रही है। उन्होंने राज्य में उवर्रकों की किल्लत एवं केन्द्र द्वारा पर्याप्त आपूर्ति नहीं करने के राज्य सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस समस्या के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है,जिसने सहकारी समितियों की बजाय 60 प्रतिशत उवर्रक निजी दुकानदारों को आवंटित की।इससे जमाखोरी एवं कालाबाजारी हुई।

उन्होंने भाजपा द्वारा राज्य में सर्वे करवाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हे हालांकि इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन राजनीतिक दल ऐसे सर्वे करवाते है और उसके आधार पर अपनी रणनीति बनाते है। उन्होंने कांग्रेस में टी.एस. सिंहदेव विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह कांग्रेस का अन्दरूनी मामला है कि ढ़ाई ढाई वर्षों की कोई बात थी या नहीं। उन्होंने इसे भाजपा द्वारा हवा देने के बारे में पूछे जाने पर हंसते हुए कहा कि भाई 14 लोग है, क्या करेंगे।

डा. सिंह ने कहा कि 15 वर्षों के शासनकाल में तमाम उपलब्धियों के बाद यह सपना अधूरा रह गया कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक शान्ति हो और नक्सलवाद का अन्त हो। उन्होंने कहा कि उनका 2024 में केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बने यहीं अहम लक्ष्य है। बस्तर में पेसा कानून लागू करने को लेकर चल रहे आन्दोलन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस बारे में आन्दोलनकारियों से बातचीत करना चाहिए।

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