5 साल : अधूरा निर्माण और बेच दिये नपा को बंधक में दिये फ्लैट

शहडोल, मध्य प्रदेश : श्रीजी प्लाजा कालोनाइजर के संचालकों ने वन भूमि पर बना दी कालोनी! रेरा में सिर्फ रजिस्ट्रेशन, नियम कायदे खुद के किये लागू।
5 साल : अधूरा निर्माण और बेच दिये नपा को बंधक में दिये फ्लैट
5 साल : अधूरा निर्माण और बेच दिये नपा को बंधक में दिये फ्लैटSantosh Tandon

शहडोल, मध्य प्रदेश। मुख्यालय के नये बस स्टैण्ड के समीप बलपुरवा में श्रीमती गुलाब बाई मिश्रा पति आनंद शंकर मिश्रा द्वारा श्रीमती नलिनी सिंह पति पुष्पेन्द्र सिंह श्रीजी प्लाजा कालोनी निर्माण स्थल वार्ड नंबर 17 नया बस स्टैण्ड के पास नगर पालिका द्वारा कालोनाइजर अधिनियम के तहत कालोनी में भवन निर्माण के आदेश द्वारा कालोनी विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान की गई थी। संभागीय मुख्यालय में आधुनिक स्तर की कालोनी निर्माण व आकर्षक छूट के साथ दर्जनों महानगरीय सुविधाओं का विज्ञापनों में दावा करने वाली कथित कंपनी के फेर में दर्जनों लोग आ गये, इन लोगों ने लाखों रूपये कंपनी में निवेश कर दिये, 5 साल बाद कुछ ही को घर नसीब हो पाया, कुछ ने शिकायत की तो, यह बात सामने आई कि पूरा भू-खण्ड वन भूमि में आ रहा है, यही नहीं विभिन्न शिकायतों में यह बात भी सामने आई कि कंपनी के तथाकथित मालिकों ने कालोनाईजर नियम 1988 की धारा 10 का उल्लंघन किया है। बिना ईडब्ल्यूएस व एलआईजी की पूर्ति किये व विकास कार्य पूर्व किये बिना ही नपा को बंधक किये गये फ्लैट अनुबंध कर बेंच दिये।

नहीं किया निर्देशों का पालन :

कालोनाईजर एक्ट तथा रेरा के अंतर्गत दिये गये निर्देशों का श्रीजी प्लाजा कालोनाइजर के संचालकों ने अंश भर भी पालन नहीं किया, आरोप हैं कि कालोनाइजर को भूकंप-रोधी तकनीकी से तहत भवन निर्माण के साथ-साथ कमजोर वर्ग हेतु ईडब्ल्यूएस मकान एवं कालोनी निर्माण स्थल पर रोड, नाली, स्ट्रीट लाइट, पेयजल, गार्डन, ट्रांसफार्मर, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, अग्निसुरक्षा यंत्र व्यवस्था के तहत कालोनी का निर्माण संपूर्ण करना था, लेकिन बीते इन वर्षाे में यह कार्य पूरे नहीं किये जा सके। वहीं नगर पालिका के उपयंत्री देवकुमार गुप्ता की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 12 नग बंधक मकानों को तत्कालीन सीएमओ विद्याशंकर चतुर्वेदी द्वारा अवैधानिक रूप से बंधक मुक्त कर दिया गया, जो जांच का विषय है।

बंधक फ्लैटों का किया सौदा :

नगर पालिका द्वारा कालोनाइजर नियम 1988 की धारा 10 के अंतर्गत कमजोर वर्ग के लिए 15 प्रतिशत में से ईडब्ल्यूएस फ्लैट के 05 एवं एलआईजी के 03 फ्लैट आरक्षित रखना होगा एवं नगरपालिका कालोनाइजर नियम 1988 की धारा 13 (2)(1) के तहत फ्लैट का 25 प्रतिशत कालोनी के आंतरिक विकास के कार्य पूर्ण करने को दृष्टिगत रखते हुए फ्लैट क्रमांक 02, 03, 04, 07, 08, 09, 15, 16, 17, 25, 26 एवं 34 कुल 12 नग जो दर्शित किये गये हैं, वे विकास कार्य पूर्ण होने तक विक्रय की पात्रता नहीं होगी एवं बंधक रहेंगे, ऐसा लिखकर नगरपालिका द्वारा कालोनी निर्माण एवं विकास की अनुमति पत्र 08 मई 2015 को दिया था।

बंधक फ्लैटों का किया सौदा
बंधक फ्लैटों का किया सौदाSantosh Tandon

यहां भी तोड़े कायदे :

जिन नियमों एवं शर्तों के आधीन कालोनाईजर द्वारा कालोनी निर्माण एवं विकास की अनुमति लिया था, उसके अनुरूप कार्य नहीं कराया गया, पूरी कालोनी का निर्माण नियम विरूद्ध तरीके से करवाकर कालोनी के आधे से ज्यादा मकान बेच दिए गय हैं और कालोनी के अंदर सुविधाओं को लेकर भारी भ्रष्टाचार किया है। कमजोर वर्ग के लिए ईडब्ल्यूएस फ्लैट आज दिनांक तक नहीं बनाये गये, ट्रांसफार्मर हेतु नक्शे में लालस्याही से दर्शित जिस स्थान में लगना था, उस स्थान पर डबल स्टोरी व्यवासियक हॉल बना दिया गया है, इसलिए अभी तक ट्रांसफार्मर नहीं लगा है, ट्रांसफार्मर न लगने के कारण कालोनाइजर द्वारा अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेकर निर्मित मकानों में बाजार से स्वयं मीटर खरीदकर लगाया है एवं महंगी दर पर बिजली सप्लाई की जा रही है, मकान नंबर 34 से बिजली की हाईटेंशन लाइन हटाए बिना ही बना दिया गया है, पार्क अभी तक अधूरे पड़े हैं, भूंकप रोधी तकनीकी से कोई भी मकान नहीं बनाया गया है।

यहां भी तोड़े कायदे
यहां भी तोड़े कायदेSantosh Tandon

नहीं जा सकती फायर बिग्रेड :

किसी भी मकान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया, जो मकान पूर्ण हो गये हैं, उन मकानों को कार्य पूर्णत: प्रमाणपत्र/दखलकारी अनुज्ञा लिए बिना ही भवनों का उपयोग खरीददारों द्वारा शुरू कर दिया गया है, कालोनाइजर अधिनियम के तहत कालोनी में प्रवेश द्वार नहीं लगाया जा सकता एवं उसके ऊपर किसी भी प्रकार की कोई छत नहीं डाली जा सकती, परन्तु इन्होंने गेट लगाकर उसके ऊपर छत डाल दी, जिसके कारण भविष्य में कोई दुर्घटना होने पर किसी भी रूप से फायर बिग्रेड मशीन अंदर नहीं जा सकती।

झूठे आवेदन पर 100 प्रतिशत विकास :

कालोनीनाइजर को अनुमति के आधार पर 02 वर्ष के अंदर कालोनी पूर्ण करना था, परन्तु आज तक कालोनी पूर्ण नहीं हुई और अनुमति भी समाप्त हो गई है, जिसका नवीनीकरण भी दुबारा नहीं कराया गया है, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के अंतर्गत पानी सप्लाई हेतु ओव्हरहेड टैंक बनाना था, जो कि आज दिनांक तक नहीं बनाया गया है। कालोनी में करीब 20 से 22 मकानों का आधिपत्य दे दिया है, जिसमें लोग रहने लगे हैं पर आज दिनांक तक घरेलू कचरे के संग्रहण हेतु कंटेनर नहीं रखा गया है। कालोनाइजर के झूठे आवेदन पर 100 प्रतिशत विकास कार्य पूर्ण हो गया है।

इनका कहना है :

पूरे आरोप निराधार हैं, हमने कार्य पूरा किया, इसलिए नपा ने 12 नग मकान बंधक मुक्त किये, उसके बाद उनका विक्रय किया, वन भूमि के आरोप भी गलत है, हमनें 58-59 आदि दस्तावेज पूर्ण किये हैं, रेरा, नपा आदि के दस्तावेज सही हैं।

पुष्पेन्द्र सिंह (पति), संचालक, श्रीजी प्लाजा कालोनाइजर, शहडोल

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