शहडोल: अवैध छुई मिट्टी की खदान धसकने से 6 की मौत

शहडोल, मध्य प्रदेशः मिट्टी की खदान धंसकने से हुए हादसे के 6 ग्रामीणों की मौत हुई, घटना स्थल पर राहत कार्य में जुटा बल, पुलिस और राजस्व विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई।
खदान धसकने से हुई ग्रामीणों की मौत
खदान धसकने से हुई ग्रामीणों की मौतAfsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। मुख्यालय से लगभग 115 किलोमीटर दूर ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम पपरेडी में अर्सो से अवैध रूप से संचालित छुई मिट्टी की खदान धसकने से 6 ग्रामीणों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार पपरेडी से 15 किलोमीटर संचालित हो रही छुई मिट्टी की अवैध खदान में शनिवार की सुबह यह हादसा हुआ, जिसमें मिट्टी निकलने गये कई ग्रामीणों की दबने की आशंका जताई जा रही है, फिलहाल ग्रामीणों ने घटना स्थल पहुंच कर पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद घटना स्थल पर ब्यौहारी पुलिस पहुंची जहां राहत कार्य किया जा रहा है, पहले चार शव को निकाला गया, बाद में 2 और शव निकाला जा चुका है।

कौन होगा जिम्मेदार

पपरेडी हुए इस दुर्घटना का आखिर कौन जिम्मेदार होगा, जबकि ब्यौहारी को सब कुछ पता था, वर्षो से अवैध रूप से संचालित इस खदान में आये दिन ग्रामीण व अन्य लोग यहां पहुंच कर मिट्टी निकालते थे, इतना ही नही गाडियों के माध्यम से परिवहन भी होता रहा, लेकिन पुलिस आंख बंद कर बैठी रही, जिसका नतीजा आज भोले-भाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

घटना स्थल पहुंचे विधायक

घटना की जानकारी मिलते ही निवासरी विधायक शरद कॉल स्थल पर पहुंचे, जहां खदान के नीचे शव दबे होने के कारण निकाल पाना मुश्किल हो रहा था, जिसके बाद जेसीबी मशीन मंगवा कर लाशों को निकालने का सिलसिला शुरू किया गया, अभी तक 6 लाशें निकाली जा चुकी हैं, अभी भी और लोगों की दबे होने की आशंका है। विधायक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस विषय पर अवगत काराया, जिसके बाद 2 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है साथ ही घटना स्थल की जांच की बातें भी कही हैं।

घटना स्थल
घटना स्थलAfsar Khan

राजस्व अमला भी दोषी

अवैध रूप से संचालित छुई मिट्टी की खदान में अभी तक 6 लोगों की मौत हो गई है, हालांकि राहत कार्य जारी है, लेकिन इतने वर्षो से चल रहे अवैध मिट्टी की खदान में पुलिस ने तो आंखे बंद कर रखी थी वहीं राजस्व विभाग में बैठे निचले स्तर के अधिकारियों से लेकर ऊपर बैठे एसडीएम जैसे जिम्मेदारों ने कभी सुध नहीं ली, जिसका नतीजा यह हुआ कि 6 ग्रामीणों को मौत का सामना करना पड़ता।

वाहनों से होता था परिवहन

भोले-भाले ग्रामीणों द्वारा सफेद चिकनी मिट्टी को निकालने के लिए जमीन के अंदर प्रवेश करते थे और वहां से निकालने के बाद किसी ठेकेदार को औने-पौने दामों में दे दिया जाता है, यह ठेकेदार कौन हैं यह तो अभी अज्ञात है, लेकिन वर्षो से इस कालाबाजारी के खेल में ग्रामीणों को झोंका था, जानकारी के अनुसार दो महिलाएं व चार पुरूष की मौत हो गई है, अभी तक केवल 10 लोगों को ही बाहर निकाला जा चुका है, जिसमें से अन्य घायल हैं।

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