उमरिया : फर्जी दस्तावेज के सहारे छूटे सिंह ट्रांसपोर्ट के कटे वाहन

उमरिया, मध्य प्रदेश : पुलिस को किया गुमराह या हुआ मैनेजमेंट का खेल। खदान और कंपनी के यार्ड में पड़े हैं कटे वाहन।
फर्जी दस्तावेज के सहारे छूटे सिंह ट्रांसपोर्ट के कटे वाहन
फर्जी दस्तावेज के सहारे छूटे सिंह ट्रांसपोर्ट के कटे वाहनAfsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। जिले की नौरोजाबाद पुलिस ने कंचन खदान से सिंह ट्रांसपोर्ट के कटे हुए वाहनों से लदा हुआ एक ट्रक गुरूवार की देर शाम पड़ने के बाद धारा 102 के तहत मामला दर्ज कर संचालक को नोटिस जारी कर दस्तावेज तलब किये थे, खबरे तो मैनेजमेंट की शुरू से ही आ रही थी, शुक्रवार को संचालक ने पुलिस के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किये, जिसके आधार पर पुलिस ने वाहन को छोड़ दिया, लेकिन शासन के करोड़ों के राजस्व का किसी को भी ध्यान नहीं रहा, वहीं परिवहन विभाग से भी क्रास वैरिफिकेशन नहीं कराया जाना, पुलिस की कार्य प्रणाली पर संदेह उत्पन्न करता है।

नहीं लेनी होती अनुमति :

नौरोजाबाद थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक शरद खम्परिया ने बताया कि शुक्रवार को कंपनी की ओर से वाहन के दस्तावेज प्रस्तुत किये गये, जिसके आधार पर कटे हुए वाहन से लदा ट्रक छोड़ दिया गया, सारे दस्तावेज सही होने पर वाहन को छोड़ा गया है, उनके मुताबिक जिन वाहनों का लाईफ टाईम टैक्स जमा होता है, उसे काटने के लिए परिवहन विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती, अगर कुछ गड़बड़ी भी मिली तो, आरटीओ जुर्माना लगा सकते हैं।

बिना अनुमति नहीं कट सकते वाहन :

वहीं परिवहन विभाग के नियमों के तहत वाहन चाहे लाईफ टाईम हो या नहीं, परिवहन विभाग से पंजीयन निरस्त कराने के बाद ऑन लाईन प्रक्रिया के तहत ऑन लाईन सीट के बाद ही वाहनों को काटा जा सकता है, वहीं यह तर्क भी समझ से परे हैं कि वाहन छत्तीसगढ़ का पंजीकृत था, जहां पर लाईफ टाईम टैक्स का प्रावधान नहीं है, यहां तिमाही टैक्स अन्य राज्यों की तरह लिया जाता है, यही कारण है कि बार्डर के जिलो में वाहनों का पंजीयन अधिक हो रहा है, क्योंकि चार पहले प्रदेश में लाईफ टाईम टैक्स की शुरूआत कर दी गई थी, वहीं सिंह ट्रांसपोर्ट के मामले में एमपी टैक्स सहित परमिट का मामला भी गोल कर दिया गया। शासन के खजाने में सेंध लगाई गई।

मौके पर मौजूद हैं प्रमाण :

जिन दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने सिंह ट्रांसपोर्ट के कटे वाहनों को छोड़ दिया, लेकिन कंचन खदान में कई ऐसे वाहन हैं, जो कि कटे हुए पड़े हुए हैं, इसके अलावा कंपनी की नौरोजाबाद 5 नंबर में जो यार्ड है, वहां पर भी कई वाहनो को काटकर रख दिया गया है, आनन-फानन में अब मामले का दबाने के लिए इधर-उधर किया जा सकता है। वहीं इस मामले में पुलिस ने जब मामला 102 के तहत दर्ज किया था तो, परिवहन विभाग से अभिमत भी लिया जाना चाहिए था, ताकि सच सामने आ जाता, लेकिन खुद की कि गई कार्यवाही में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद थी, लेकिन वर्दीधारियों ने खुद ही पूरे मामले को संदेह के दायरे में ला दिया, अब इस मामले में जांच के बाद भी सच सामने आ सकता है कि पुलिस सही हैं या संचालक के द्वारा पेश किये गये दस्तावेज या परिवहन विभाग के नियम।

इनका कहना है :

वाहन को छोड़ दिया गया है, क्योंकि दस्तावेज सभी सही पाये गये, जिन वाहनों का लाईफ टाईम टैक्स जमा होता है, उन वाहनों को परिवहन विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है, अगर कुछ गड़बड़ी मिलती है तो, परिवहन विभाग जुर्माना लगा सकता है।

शरद खम्परिया, उपनिरीक्षक, थाना नौरोजाबाद

वाहन का चाहे लाईफ टाईम टैक्स जमा क्यों न हो, परिवहन कार्यालय से बिना अनुमति के वाहनों को काटना गैर कानूनी है। जल्द ही इस मामले में जांच की जायेगी।

अनिमेष गढपाल, परिवहन अधिकारी, उमरिया

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, अगर कुछ गड़बड़ी हुई है तो, उसकी जांच कराई जायेगी, जिसकी भी लापरवाही या दोष सामने आयेगा, उस पर सख्त कार्यवाही होगी।

प्रीतम सिंह उइके, उप पुलिस महानिरीक्षक, शहडोल रेंज

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