विद्यार्थी जीवन की कठिन चुनौतियों को स्वीकार कर इसे अवसर में बदलें
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विद्यार्थी जीवन की कठिन चुनौतियों को स्वीकार कर इसे अवसर में बदलें : मंगूभाई पटेल

उज्जैन, मध्यप्रदेश : राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अवन्तिका विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी हर चुनौती को स्वीकार कर आगे बढ़ें।

उज्जैन, मध्यप्रदेश। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थी हर चुनौती को स्वीकार कर आगे बढ़ें। राज्यपाल श्री पटेल यहां अवन्तिका विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय का वातावरण ऐसा हो जो अपने विद्यार्थियों को हमेशा एक स्वस्थ प्रतियोगिता प्रदान करने में सहायक हो और युवाओं को विभिन्न प्रतिभाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का अवसर भी देता हो। उन्होंने कहा कि सभी उपाधिधारक विद्यार्थी जीवन की कठिन चुनौतियों को स्वीकार कर उस चुनौती को एक अवसर में बदलें। राज्यपाल श्री पटेल ने दीक्षान्त समारोह में 35 विद्यार्थियों को मास्टर ऑफ डिजाईन एण्ड टेक्नालॉजी तथा 78 विद्यार्थियों को बैचलर ऑफ डिजाईन के तहत विभिन्न विषयों की उपाधि प्रदान की।

श्री पटेल ने कहा कि प्राचीन समय से ही उज्जयिनी नगरी शिक्षा की स्थली रही है। उज्जयिनी महाकाल की नगरी एवं श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली रही है। उन्होंने कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है कि मैं इस दीक्षान्त समारोह में शामिल हुआ। उन्होंने सभी विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को बधाई दी और कहा कि सभी उपाधिधारक न्यायवान, धैर्यवान, चरित्रवान, प्रगतिशील बनें। श्री पटेल ने कहा कि सभी विद्यार्थियों ने जीवन में समाज का कल्याण करने एवं वंचित तबके की भलाई करने का संकल्प लिया है। यह संकल्प एक दिन के लिये नहीं है अपितु यह संकल्प सारे जीवन के लिये है। राज्यपाल ने कहा कि उज्जैन में प्राचीन समय में ही अनेक ग्रंथों की रचना हुई है। 11वी शताब्दी में आचार्य भट्ट ने कश्मीर से उज्जयिनी आकर महाभाष्य लिखा।

उन्होंने कहा कि, एक समय में नालन्दा एवं तक्षशिला शिक्षा स्थली के रूप में प्रसिद्ध थे। विदेशों से भी लोग यहां शिक्षा ग्रहण करने आते थे। आज आवश्यकता है कि अवन्तिका विश्वविद्यालय को भी प्राचीन स्वरूप प्रदान किया जाये। अवन्तिका विश्वविद्यालय में भी भारत के विभिन्न राज्यों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में प्रगति करें, लेकिन यह ध्यान रखें कि उन्हें वंचित तबकों के लिये भी कार्य करना है। समाजसेवा में भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करें।

राज्यपाल ने कहा कि वे जीवन में हमेशा प्रगति करें। यदि वे अपने कार्य में असफल होते हैं तो निराश न हों, अपितु लगातार प्रयास करते रहें, सफलता अवश्य प्राप्त होगी। राज्यपाल ने कहा कि युवा व्यवसाय, शिक्षा एवं अन्य फील्ड में सफलता प्राप्त करें, लेकिन यह ध्यान रखें कि संयुक्त कुटुंब भारतभूमि की देन है। युवा अपने माता-पिता की सेवा करें। उन्होंने कहा कि माता-पिता क्षमता न होने पर भी बड़ी-बड़ी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं। बच्चों की शिक्षा में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखते तो ऐसे में बच्चों का दायित्व है कि वे अपने माता-पिता की भावनाओं का सम्मान करें। अवन्तिका विश्वविद्यालय से पढ़कर आया युवा यह हमेशा ध्यान रखें कि उसके किसी भी व्यवहार से उसके माता-पिता, शिक्षकों या विश्वविद्यालय की छवि धूमिल न हो।

उन्होंने बताया कि, प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पांच-पांच गांव गोद लेने के निर्देश दिये गये थे। विश्वविद्यालयों ने कोरोनाकाल में अपने गोद लिये गांवों में मानवता की सेवा की, जिसकी प्रशंसा सभी लोग करते हैं। अवन्तिका विश्वविद्यालय भी पांच गांव गोद लेने का संकल्प लें। उन गावों में जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुलझाये। लेकिन आध्यात्मिक शान्ति नहीं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे राष्ट्र-साधक के रूप में कार्य करें और कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे राष्ट्र को हानि पहुंचती हो। उन्होंने विद्यार्थियों को निरन्तर आगे बढ़ते रहने राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में कर्मठता पर ध्यान केन्द्रित करे, क्योंकि व्यक्ति जन्म से नहीं, अपितु कर्म से पूजनीय होता है।

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