शताब्दी के बाद ताज एक्सप्रेस में एचएचटी से टिकट जांच
शताब्दी के बाद ताज एक्सप्रेस में एचएचटी से टिकट जांचRaj Express

Gwalior : शताब्दी के बाद ताज एक्सप्रेस में एचएचटी से टिकट जांच

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : पार्सल बुकिंग व आरक्षण कार्यालय में अनारक्षित तथा आरक्षित टिकट की बुकिंग के लिए डिजिटल लेनदेन की शुरुआत के बाद अब टिकटों की चैकिंग भी एचएचटी के माध्यम से की जाएगी।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। रेलवे के झांसी मंडल ने डिजिटलाइजेशन की ओर कदम बढ़ाया है। पार्सल बुकिंग व आरक्षण कार्यालय में अनारक्षित तथा आरक्षित टिकट की बुकिंग के लिए डिजिटल लेनदेन की शुरुआत के बाद अब टिकटों की चैकिंग भी एचएचटी के माध्यम से की जाएगी। शताब्दी के बाद अब ताज एक्सप्रेस में यह सुविधा आरंभ की गई है, जो आगामी दिनों में सभी ट्रेनों में हो जाएगी।

झांसी और ग्वालियर पार्सल कार्यालय में पार्सल बुकिंग प्रक्रिया का डिजिटलाइजेशन किया गया है। पार्सल कार्यालय में पारंपरिक मार्का के स्थान पर बार कोड स्टीकर का प्रयोग शुरू किया जा रहा है। नए प्रकार के बारकोड स्टीकर में सभी आवश्यक सूचना जैसे कहां से, कहां तक बुकिंग की तिथि, माल का वजन आदि कोडेड रहती हैं, जो कि पार्सल कार्यालय में उपलब्ध हैण्ड हेल्ड टर्मिनल द्वारा त्वरित फैच डीकोड कर ली जाती है। पार्सल कार्यालय में हैण्ड हेल्ड टर्मिनल तथा बारकोड स्टीकर के इस्तेमाल से पार्सल की मिस हैंडलिंग, अनकनेक्टेड होना तथा गुम होने की संभावना न के बराबर हो जाती है।

इसी क्रम में 16 जुलाई को ताज एक्सप्रेस के साथ सभी यात्री गाडि़यों में चल रहे टिकट निरीक्षकों को हैण्ड हेल्ड टर्मिनल प्रदान किए जाने की शुरुआत की गयी, जिसमें यात्री का यात्रा ब्यौरा उपलब्ध होता है, यात्री की अनुपस्थिति में आगामी स्टेशन पर इस डिजिटल माध्यम से खाली सीटों की सूचना प्राप्त हो जाती है, जो की आगामी स्टेशन पर पुन: बुक की जा सकती है। इससे गाड़ी के सभी चार्ट आनलाइन उपलब्ध हो जाएगे। न तो टीटीई को चार्ट लेने जाना पड़ेगा और न ही किसी को गाड़ी पर चार्ट पहुचाने की बाध्यता ही रह जाएगी। यहां तक कि कर्रेंट चार्ट भी टीटीई को आनलाइन ही उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त गाड़ी पर किराए की गणना के लिए भी सहायक होगा। यात्री के यात्रा विवरण की खोज पीएनआर के अलावा यात्री के नाम के द्वारा भी किया जाना संभव हो सकेगा। वेटिंग लिस्ट के साथ साथ कैंसल मोड पर गए यात्रियों की भी जानकारी इस माध्यम से सहजता से उपलब्ध रहेगी। इस के अतिरिक्त पूरी गाड़ी में उपलब्ध डाक्टर एवं अन्य वी आई पी की जानकारी भी एप पर उपलब्ध रहेगी। भविष्य में यू. पी. आई के माध्यम से भुगतान की सुविधा भी इस माध्यम से उपलब्ध कराई जा सकेगी।

इनका कहना है :

यह सुविधा डिजिटलाइजेशन की ओर एक और बढ़ता कदम है। इससे टीटीई को आरक्षित सीटों के चार्ट का पुलिंदा लेकर नहीं चलना होगा।सभी जानकारी डिजीटल फॉर्म में उपलब्ध होगी। ट्रेन में कौन व्हीआईपी सवार है, इसकी जानकारी भी मिल सकेगी।

मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, झांसी मंडल

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