माँ बगलामुखी मंदिर की सुरक्षा में लगी सेंध
माँ बगलामुखी मंदिर की सुरक्षा में लगी सेंधSocial Media

आगर मालवा: माँ बगलामुखी मंदिर की सुरक्षा में लगी सेंध, गंभीर मामला

आगर मालवा, मध्यप्रदेश: माँ बगलामुखी मंदिर की सुरक्षा में सेंध लगना बहुत ही गंभीर मामला, फंड में करोड़ों रूपये जमा होने बावजूद नहीं है सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम।

आगर मालवा, मध्यप्रदेश: नलखेड़ा के विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त मन्दिर पहुँचते हैं, बावजूद इसके यहां आने वाले भक्तों के साथ मन्दिर की सुरक्षा के लिए समिति द्वारा पर्याप्त इंतजाम नहीं कर रखे हैं जबकि मन्दिर समिति के फंड में करोड़ों रूपये की राशि जमा हैं।

इसी के साथ भक्तों को मन्दिर पहुँचने के बाद कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। माता का यह मन्दिर देश नही विदेशों में भी ख्याति प्राप्त मंदिरों की श्रेणी में आता है। बावजूद इसके मन्दिर की प्रसिद्धि के मान से यहां पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है।

गत 20 जून की रात्रि को अज्ञात चोरों का चोरी की नीयत से मन्दिर पहुंचना किसी बड़ी घटना या वारदात को आमंत्रण देने का प्रयास है। मंदिर समिति व प्रशासन को इसको गम्भीरता से लेकर इस प्रकार की वारदात की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए ठोस इंताजामात के साथ कारगर प्रयास करना चाहिए।

क्योंकि 20 जून की यह घटना बहुत ही गंभीर मामला है और यह मंदिर की सुरक्षा में सेंध के साथ ही प्रबंधन समिति के उन दावों की भी पोल खोल रहा है कि मंदिर की सुरक्षा तीसरी आँख भी कर रही है। क्योंकि जो सीसीटीवी फुटेज प्रकाश में आये है वे मंदिर के कैमरों के नहीं होकर समीप स्थित आश्रम के कैमरों के हैं। क्योंकि मंदिर के कैमरे अक्सर खराब होकर बंद रहते हैं।

नगर में स्थित लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र विश्व प्रसिद्ध माँ बगलामुखी मंदिर शासन के अधीन होकर इसके प्रबंधन हेतु एक शासकीय समिति है जिसके अध्यक्ष एसडीएम व सचिव तहसीलदार हैं। मंदिर में व्याप्त अव्यवस्थाएं कई बार प्रकाश में आ चुकी हैं। कई वर्षों पूर्व मंदिर परिसर से किसी भक्त का बैग चोरी होने के बाद नागरिकों की पुरजोर माँग के बाद मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। लेकिन उसी सरकारी ढर्रे ने धार्मिक स्थलों को भी अपना शिकार कर लिया। जो कैमरे लगाए गए थे वे बेहद घटिया किस्म के थे जो थोड़े समय मे ही खराब हो गए। तब से लगाकर अब तक कई बार मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों को बदला जा चुका है व उनकी संख्या भी बढ़ाते हुए पूरे मंदिर परिसर के साथ ही मंदिर के चारों ओर बाहरी हिस्सों में भी कैमरे लगा कर मंदिर की तीसरी आंख से पुख्ता सुरक्षा का दावा किया जाता रहा है। लेकिन देखने मे यह आता है कि जब भी घटना घटती है तो मन्दिर के यह कैमरे बंद या खराब ही पाए जाते हैं।

मंदिर की सुरक्षा के लिए अभी तक समिति द्वारा दो गार्ड भी नियुक्त किये हुए हैं जो 12-12 घंटे की ड्यूटी देते है ऐसा बताया जाता है। इसके साथ ही मंदिर परिसर में स्थित समिति के कार्यालय पर भी 24 घंटे के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जाना बताया जाता है, मतलब रात्रि के समय भी एक कर्मचारी कार्यालय में रहना आवश्यक किया हुआ है।

अब सवाल यह है कि इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी अज्ञात बदमाश मंदिर के पीछे से कैसे प्रवेश कर सके। सबसे आश्चर्यजनक जानकारी यह है कि बदमाशों का मंदिर में प्रवेश का प्रयास मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद नही हुआ बल्कि समीप स्थित श्री सांदीपेंद्र आश्रम के कैमरों में कैद हुआ है। तो फिर मंदिर में कैमरे क्यो लगाए?

प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत कुछ माह पूर्व ही मंदिर में लगाये उच्चकोटि के कैमरे खराब हो गए है या वे पिक्चर सही कैप्चर नहीं कर रहे है। शायद यह परिणाम सरकारी ढर्रे से खरीदी का ही है। बताया जा रहा है कि मंदिर के गार्ड के जाग जाने से चोर भाग गए। अब जब जिस पर मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा है वह गार्ड ही सो रहा था तो चोर तो अपना काम दिखाएंगे ही वह तो किस्मत से जाग गया होगा। जबकि समिति द्वारा दिन के समय अलग और रात के समय अलग गार्ड की ड्यूटी लगाई गई है ऐसे में रात की ड्यूटी वाले को रात भर जाग कर ही तो मंदिर की सुरक्षा करना है।

जानकारी मिल रही है कि कई दिनों से परिसर में स्थित समिति के कार्यालय पर रात की ड्यूटी वाले कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। जब तक मंदिर बंद था तब तक तो ठीक था लेकिन अब जबकि मंदिर आम भक्तों के लिए खोला जा चुका है और प्रात:कालीन आरती भी 6 बजे प्रारम्भ होती है तो कार्यालय रात के समय मे क्यो कर्मचारी उपस्थित नहीं हो रहे है यह जाँच का विषय है।

उक्त चोरी के प्रयास को मंदिर प्रबंधन समिति को हल्के में नही लेते हुए इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है कि आखिर उस मंदिर की सुरक्षा में सेंध कैसे लग गई जहाँ प्रतिदिन कई वीआईपी और वीवीआईपी दर्शनों के लिए पहुंचते है।ं

पुलिस चौकी की बरसों पुरानी माँग नहीं हुई पूरी

भक्तों द्वारा मंदिर के बाहर से कई मोटरसाइकिलों की चोरी होने, बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों के आने के चलते विगत कई वर्षों से मंदिर के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से एक पुलिस चौकी की मांग की जा रही है लेकिन यह मांग आज तक पूरी नहीं हुई है। इस घटना के बाद एक बार फिर से मंदिर के बाहर पुलिस चौकी की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। इस संबंध में मंदिर प्रबंधन समिति सचिव व तहसीलदार ने बताया कि मंदिर पर पुलिस चौकी की स्थापना के लिए विभागीय पत्राचार किया जा रहा है संभावना है कि शीघ्र ही पुलिस चौकी की स्थापना हो जाये।

मन्दिर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी के लिए प्रतिवेदन शासन को भेजा गया है जब तक पुलिस चौकी की मंजूरी नहीं होती है तब तक मन्दिर सुरक्षा के किए स्थानीय पुलिस की व्यवस्था की गई है।

राकेश सगर, जिला पुलिस अधीक्षक, आगर मालवा

20 जून की घटना को लेकर पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 4 से 5 लोगों को राउंड अप किया गया और रात्रि के समय 2 गार्डो की ड्यूटी तैनात की गई है। जो कर्मचारी मन्दिर नही पहुँच रहे है ऐसे कर्मचारियों को रेगुलेट कर रहे है। और मन्दिर में लगे कैमरों में से कुछ कैमरे खराब पड़े हुए है जिन्हें दुरुस्त कराने के लिए आदेश दिए गए हैं।

संजीव सक्सेना, तहसीलदार एवं सचिव, माँ बगलामुखी मंदिर प्रबंधन समिति

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