जबलपुर: आवश्यक वस्तुओं पर सभी तरह के कानून, तो फिर शराब पर छूट क्यों

जबलपुर, मध्य प्रदेश: जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने शासन-प्रशासन से की शराब कीमतों पर नियंत्रण रखने की मांग।
आवश्यक वस्तुओं पर सभी तरह के कानून, तो फिर शराब पर छूट क्यों
आवश्यक वस्तुओं पर सभी तरह के कानून, तो फिर शराब पर छूट क्योंसांकेतिक चित्र

जबलपुर, मध्य प्रदेश। जहां एक ओर शासन-प्रशासन की ओर से आवश्यक वस्तुओं पर सभी तरह के कानून लगाकर कार्यवाही को अंजाम दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर शराब व्यवसाय में कई प्रकार की छूटें क्यों प्रदान की जाती हैं। शराब की बेलगाम कीमतों पर जहां शासन व प्रशासन अंकुश लगाने में विफल रहा है, वहीं शराब कारोबारियों के द्वारा अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दरों पर शराब विक्रय करने से न केवल कानून का उल्लंघन हो रहा है बल्कि ग्राहकों का भी दिन दहाड़े शोषण हो रहा है।

उपरोक्त सवाल उठाते हुए जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से शासन-प्रशासन से शराब की कीमतों पर नियंत्रण की मांग की गई। इस मामले में जबलपुर चेम्बर के चेयरमेन प्रेम दुबे ने बताया कि ग्राहकों की जानकारी व अधिकारों को ध्यान में रखते हुए हर वस्तु या सेवा का निश्चित मूल्य कम्पनियों द्वारा सरकार की जानकारी के बाद निर्धारित किया जाता है, जिसके तहत् अधिकतम विक्रय मूल्य या एमआरपी से अधिक मूल्य पर विक्रय करना गैरकानूनी माना जाता है। लेकिन देशी-विदेशी मदिरा के क्षेत्र में एमआरपी प्रावधानों का खुले आम उल्लंघन हो रहा है।

कड़ी कार्यवाही करे सरकार :

जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि मदिरा छोड़कर किसी भी अन्य उत्पाद जिस पर एमआरपी दर्ज होती है उस पर यदि दुकानदार गलती से भी एमआरपी से अधिक मूल्य लेता है तो ग्राहक की शिकायत पर नाप-तौल विभाग, जीएसटी व अन्य विभाग उस दुकानदार पर कड़ी कार्यवाही करते हैं। वहीं मदिरा की दुकानों पर ग्राहकों को विक्रय का बिल भी नही दिया जाता है तथा एमआरपी से अधिक वसूला जाता है, जो कि असंवैधानिक एवं अपराध की श्रेणी में आता है। हिमांशु खरे ने बताया कि आबकारी विभाग के संरक्षण में मदिरा के व्यवसायी अराजक माहौल निर्मित कर रहे हैं, जिस पर अंकुश लगाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 2019-20 के वित्तीय वर्ष में मध्य प्रदेश में 1130 लाख रू. लीटर देशी मदिरा एवं 1683 लाख रू. लीटर विदेशी मदिरा की खपत हुई है जिस पर मदिरा कारोबारियों ने एमआरपी से अधिक दर पर विक्रय कर ग्राहकों को लूटा है।

प्रशासन से कार्यवाही की मांग :

जबलपुर चेम्बर सचिव नरिंदर पांधे, रजनीश त्रिवेदी, घनश्याम गुप्ता, अजय बख्तावर, मनोज सेठ, अमरप्रीत छाबड़ा, शशिकांत पांडेय आदि ने बताया कि जबलपुर चेम्बर द्वारा मदिरा के व्यवसाय में व्याप्त अराजकता को लेकर जबलपुर कलेक्टर को पत्र दिया जायेगा जिस पर ग्राहकों को विक्रय का बिल देने व एमआरपी से अधिक विक्रय न करने देने मांग की जायेगी। जबलपुर चेम्बर ने प्रशासन से मांग की है कि मदिरा ठेका दुकानों के द्वारा ग्राहकों का शोषण बंद होना चाहिए। यदि शासन ने इस ओर कोई सार्थक पहल नहीं की तो जबलपुर चेम्बर न्यायालय की शरण में जाने विवश होगा।

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