राजस्व को नुकसान के साथ टुकड़ों में बिक रही जमीन
राजस्व को नुकसान के साथ टुकड़ों में बिक रही जमीनSantosh Tandon

Anuppur : मण्डल उपाध्यक्ष कर रहा जमीन की दलाली!

अनूपपुर, मध्यप्रदेश : कृषि भूमि को काटकर अवैध प्लाटिंग का चल रहा कारोबार। राजस्व को नुकसान के साथ टुकड़ों में बिक रही जमीन।
Summary

शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत-खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी-बिक्री हो रही है। स्थिति यह है कि नगर के आस-पास रोज कहीं न कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। नगर सहित आस-पास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेचे जा रहे हैं।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायतों में हाईवे के किनारे कृषि भूमि को समतल कर प्लाटिंग करने के मामले में अब तक प्रशासन ने किसी तरह से कोई संज्ञान नहीं लिया है। इससे जाहिर है कि प्रशासन के नुमाईंदे भी भू-माफियाओं के दबाव के आगे नत मस्तक है। रियल स्टेट रेगुलेरिटी अथॉरिटी जिसे रेरा भी कहा जाता है, उसको दरकिनार करते हुए प्लाट भारी कीमत पर बेचे जा रहे हैं, इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में फंस भी सकते हैं, लेकिन सिर्फ अपने फायदे को देखते हुए प्लाट काटने वाले ने जमीन खरीदने वाले को मूर्ख समझ कर धन लुटाई के काम में लगे हैं और प्रत्येक फुट की कीमत 700 से लेकर 400 तक बेची जा रही है।

राजा कर रहा दलाली :

जिले के परसवार ग्राम पंचायत में मुख्य मार्ग से लगे हुए कृषि भूमि पर दर्जनों प्लाट काटे गए हैं और बिक्री की जा ही है, चर्चा है कि अनूपपुर बस्ती निवासी भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष राजा तिवारी द्वारा कृषि भू-खण्ड के प्लाट काट कर बेचे गये हैं, ऐसा नहीं है कि राजा तिवारी का नाम पहली बार भू-खण्ड की दलाली में सामने आया हो, अनूपपुर जिला मुख्यालय में अगर किसी को भू-खण्ड चाहिए तो, अगर वह राजा तिवारी से मिले तो, उसे सस्ते एवं महंगे दामों पर प्लाट उपलब्ध करा दिया जाता है, मजे की बात तो यह है कि लगभग भाजपा के पदाधिकारी भी यह जानते हैं कि राजा तिवारी द्वारा जमीन की दलाली की जाती है।

अवैध प्लाटिंग का कारोबार :

गांव से लगे खेतों की बिक्री आवासीय प्लाट के रूप में बेधड़क हो रही है, इन खेतों को प्लाटिंग करने वाला पहले पक्की सड़क से जोड़कर कच्ची सड़क तैयार करता हैं, इसके बाद वहां अपने तरीके से प्लाटिंग करते हैं, कृषि योग्य भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी-बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्सन करना पड़ता है। एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी फार्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी -बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनी डेवलप हो रही हैं, बल्कि खेत-खलिहान की आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है।

ग्राहकों को हो सकती है परेशानी :

निश्चित रूप से कृषि भूमि को आज आवासीय रूप में प्लाट काटकर अनूपपुर बस्ती के भाजपा नेता राजा तिवारी नामक व्यक्ति बेधड़क बेच रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में रेरा के नियमों से लेकर कमर्शियल प्लाट के रूप में चिन्हित करके जिम्मेदार लोग वसूली करने पहुंच जाएंगे और फिर भरपाई ना होने के बाद उक्त जमीन से उसे बेदखल भी कर सकते हैं , इसलिए जमीन खरीदने वाले लोगों को भी सजग होकर अपने जीवन भर की कमाई फंसानी चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार से उनके जमीन पर किसी प्रकार की कोई कागजी कार्यवाही बाकी न रह जाए।

कृषि संपत्ति के अभिसरण की प्रक्रिया :

किसी भी भूमि का विषय राज्य का विषय होता है और इसे नियंत्रित करने के लिए कानून प्रत्येक रा'य में अलग होता है, जिस राज्य में आप रहते हैं उसके आधार पर आपको आवासीय उद्देश्यों या आवासीय उद्देश्यों के लिए अपनी कृषि भूमि को बदलने के लिए अपने शहर में नियोजन प्राधिकरण से संपर्क करना होता है और सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लेकर अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार कृषि भूमि से लेकर आवासीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करवाते हैं, लेकिन लगता है यहां पर मण्डल उपाध्यक्ष खुद ही अपना कानून लागू करके अनूपपुर जिले में अवैध प्लाटिंग के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।

किसकी अनुमति से हो रही बिक्री :

कृषि जमीन को काटकर कॉलोनी का सब्जबाग दिखाकर कुछ व्यापारी प्लाट बेचने के लिए सक्रिय है। खबर है कि परसरवार रोड पर स्थित जिस जमीन का टुकड़े कर बेचे जा रहे हैं, उसका डायवर्सन नहीं हुआ है, साथ ही रेरा में इसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं है, ऐसे में आखिर बिना व्यावसायिक व्यपर्वतन के कृषि भूमि पर रोड किसकी अनुमति से बनाया गया है, यह जांच का विषय है। फिलहाल इस मामले में अब तक स्थानीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, सूत्रों की माने तो, अभी तक उक्त भू-खण्ड के दो-टुकड़े कथित दलाल द्वारा बेच दिये गये हैं, पूरे मामले में अगर जांच हो जाये तो, कई अधिकारी सहित दलाल नपते नजर आयेंगे, इसके अलावा बेचे गये भू-खण्ड की बिक्री सहित ऋण पुस्तिका बनने पर भी रोक लगाई जाए।

इनका कहना है :

मेरी पदस्थापना मई माह में हुई है, मेरे द्वारा किसी भू-खण्ड के लिए एनओसी नहीं दी गई है, न ही जमीन खरीदी-बिक्री की खबर है।

नरेन्द्र तिवारी, सचिव, ग्राम पंचायत, परसवार

मुझे जमीन के खरीदी बिक्री के संबंध में कोई जानकारी नहीं है, मैं उक्त भू-खण्ड का खसरा नंबर देखकर ही कुछ बता पाऊंगा।

राजीव सिंह परिहार, पटवारी, हलका परसवार

आपके द्वारा जानकारी मिली है, आज ही पटवारी को आदेशित किया जायेगा कि उक्त भूमि पर जा कर जांच करें।

कमलेश पुरी, एसडीएम, अनूपपुर

मैं अभी भोपाल मीटिंग में बैठा हूँ, इस संबंध में पता कर, आपसे बात करता हूँ।

राजेश मिश्रा, जिला प्रभारी, भाजपा, अनूपपुर

मेरे द्वारा भू-खण्ड खरीदा गया है, उसको किसी अन्य व्यक्ति को बेचा नहीं गया है, अगर बिक्री की भी जा रही है तो, क्या गलत है।

राजा तिवारी, मण्डल उपाध्यक्ष, भाजपा अनूपपुर

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