Anuppur : इंजीनियर और ठेकेदार की जुगाड़ वाली सड़क
हर विभागों में ऐसे लोग बैठे है, जिन्हे लोकहित से कोई लेना-देना नही है, बल्कि निजी स्वार्थ और लाभ के लिए ऐसे जगहों पर निर्माण कर दिया जाता है, जहां सिर्फ 50 प्रतिशत पैसे बच सकें और मिल बांट कर शासकीय धन की होली खेल ली जाये। जहां सड़क की जरूरत नही वही इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर बनाने की ठान ली और भ्रष्टाचार का नया अवतार कर दिया।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। कोयलांचल नगरी राजनगर में सिविल इंजीनियर पीसी झां के द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के एवज में ऐसे रोड का निर्माण कराया जा रहा जो कालरी के नक्शे में ही सड़क दर्ज नहीं है। एनएच 43 के द्वारा छोड़ी गई सड़क को बनाने का फैसला ले लिया। ऐसे सड़क पर निर्माण कराना कहीं न कहीं कालरी प्रबंधक व उनके मठाधीश की सोची समझी रणनीति के साथ कराया जा रहा। जिससे की एक अच्छी खासी मोटी रकम कमाई की जा सके जिस रोड में दिन भर में लगभग पैदल आवागमन करने वाले लोगों की संख्या 50 से 60 होती है, लेकिन पीसी झां के द्वारा अपने व अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के एवज में उस रोड का निर्माण कराने के लिए कालरी महाप्रबंधक के सामने कागजी कार्यवाही पेश की गई व निर्माण होने वाले स्थान का बिना सर्वे किए ही महाप्रबंधक द्वारा अनुमति भी दे दी गई।
लोगों का आवागमन ही नहीं होता :
जिस सड़क का निर्माण कराया जा रहा है, उसमें महज दो-चार लोग प्रतिदिन गुजरते होंगे, या फिर फिल्टर प्लांट की तरफ सिर्फ एकाध टैंकर ही जाते होंगे। वही लोगों का कहना है कि ऐसे रोड का निर्माण कराया जा रहा है जिस रोड में लोगों का आवागमन ही नहीं होता है। न तो बस्ती है और ही कोई गांव है, उसके बाद भी इस सकड का निर्माण किया जा रहा है, जबकि पहले से चलने योग्य सड़क निर्मित थी, लेकिन जुगाड़ के लिए उसके ऊपर ही सड़क का निर्माण कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
गड्ढा युक्त सड़क से मुक्ति :
डोला क्षेत्र के आदिवासियों ने बताया कि जिस रोड में आवागमन लगातार बना हुआ है व प्रतिदिन छोटे-बड़े वाहनों को मिलाकर हजारों वाहन का आवागमन रहता है, उस रोड पर आखिर महाप्रबंधक व इंजीनियर झां की नजर क्यों नहीं पड़ी, जिससे साफ जाहिर होता है कि इनके द्वारा खुद का व अपने चहेते ठेकेदार का लाभ देने के एवज में यह कार्य कराया जा रहा है। जबकि हसदेव क्षेत्र की एकमात्र सड़क है, जिसका पूर्णता उपयोग खोगापानी, जीकेजी सबएरिया, कुरजा सबएरिया, बहेराबाध सबएरिया के द्वारा अपने कोयला परिवहन के लिए किया जाता है, जिसमें दिन-रात कोयले से ओवर लोड वाहन का आवागमन बना रहता है जिससे वह सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है पिछले 15 वर्ष से किसी भी अधिकारी व कर्मचारी की नजर इस सड़क पर नहीं पड़ी यदि नजर पड़ी या खबरों के माध्यम से प्रकाशित किया गया तो जनता को सिर्फ गुमराह करने के लिए व अपना भ्रष्टाचार छुपाने के लिए 2 से 4 ट्रिप गिट्टी व मिट्टी के साथ ही कालरी से निकलने वाले सेल युक्त पत्थर को सड़क में बिछा कर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए चारागाह के रूप में उपयोग किया गया।
सिर्फ जुगाड़ पर अधिकारियों की नजर :
जानकारों की माने तो कोल इंडिया में प्रसिद्ध अनन्या वाटिका का निर्माण डोला में सड़क के किनारे ही कराया गया है, जहां पर प्रतिवर्ष कोल इंडिया के उच्च अधिकारियों का आवागमन भी बना रहता है, जिनके आवागमन करने के लिए एकमात्र यही सड़क है, लेकिन इन अधिकारियों की नजर सड़क पर नहीं पड़ती जहां पर लोग धूल मिट्टी खा रहे हैं, जबकि डोला डूमर कछार, बंनगवा में निवास करने वाले कई ऐसे शर्मवीर है जो कोल इंडिया में ही काम करते हैं, लेकिन उन्हीं के आवागमन के लिए प्रबंधक अच्छी सड़क उपलब्ध नहीं करा पा रही या फिर यह कहे कि उन्हें ऐसी सड़क में आवागमन करने के लिए प्रबंधक कर रही है जबकि वायु प्रदूषण से 26 प्रकार के रोग होते हैं यह जानकारी शायद महाप्रबंधक को होने के बावजूद भी इस तरह की लापरवाही अपने ही शर्मवीरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना कहीं न कहीं पर इनके लिए प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है वही इस सड़क में कई घटना या दुर्घटना भी घट चुकी है लेकिन जिम्मेदार सिर्फ चुप्पी साधे हुए बैठे हुए हैं।
महाप्रबंधक को लिखा गया था पत्र :
क्षेत्र की जनता को आवागमन करने के लिए बिजुरी रेलवे स्टेशन स्वास्थ्य केंद्र के साथ मनेंद्रगढ़ सेंट्रल हॉस्पिटल आवागमन करने के लिए मात्र एक ही सड़क है जो एन एच-43 को जोड़ती है जो कि अपने बदहाली के आंसू बहा रहा जिसके लिए शहडोल क्षेत्र के सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह के द्वारा भी कोल इंडिया को पत्र लिखकर इस सड़क का निर्माण कराए जाने की मांग की गई थी, लेकिन उनके लिखे गए पत्र भी कोरे साबित देखे जा रहे हैं, कालरी प्रबंधक द्वारा ऐसे सड़क का निर्माण कराया जा रहा जिसमें किसी भी प्रकार के भारी वाहनों का आवागमन नहीं होता जबकि वह सड़क पूरी तरह से स्वच्छ व सुंदर थी ऐसे सड़क पर शासकीय पैसे का दुरुपयोग करते हुए महाप्रबंधक व इंजीनियर पी.सी झा ठेकेदार से मिलकर अपनी तिजोरी भरने की कगार में लगे हुए हैं वही एक सज्जन ने नाम न छापने पर बताया कि विगत कुछ माह के बाद ही इंजीनियर पी.सी झा रिटायरमेंट होने वाले हैं जो सिर्फ और सिर्फ अपने व अपने चहेतों की तिजोरी भरने की जुगाड़ में लगें हुए हैं।
इनका कहना :
आप के माध्यम से जानकारी दी गई है, हम जीएम से बात कर जानकारी लेते हैं।
सुनील सराफ, विधायक विधानसभ कोतमा
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।