धरने पर लैब टेक एसोसिएशन
धरने पर लैब टेक एसोसिएशनSitaram Patel

Anuppur : धरने पर लैब टेक एसोसिएशन, परेशान मरीज व परिजन

लैब टेक एसोसिएशन के एक दिवसीय हड़ताल से परेशान हुए मरीज और परिजन। अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे लैब टेक्नीशियन। मांगे पूर्ण नहीं होने पर होगा चरणबद्व धरना प्रदर्शन।
Summary

समस्त मेडिकल लैब टेक एसोसिएशन हेल्थ सर्विसेस म्र.प्र. अपनी मांगों लेकर चरणबद्व धरना प्रदर्शन के लिए तैयार है, शुक्रवार को जिला चकित्सालय के सामने एक दिवसीय सामूहिक अवकाश में रहकर धरना दिया गया। आगामी दिनों में अगर मांगों को निराकरण नहीं हुआ तो 10 दिसंबर से चिकित्सकीय कार्य बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है, जिन स्टाफ के भरोसे चिकित्सालय चल रहा है, उन्हीं को सरकार के द्वारा कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं, वर्षो से कार्यरत स्टाफ समय-समय पर अपनी जायज मांगों को लेकर शासन-प्रशासन तक आवाज पहुंचाते रहे हैं, उसके बावजूद भी आज तक निराकरण नहीं किया गया, जबकि कोरोना जैसे महामारी में इन्होंने अपनी जान की पहवाह किये बगैर दिन-रात कार्य में लगे रहे, प्रतिदिन लोगों की चिकित्सा परामर्श, जांच के साथ चिकित्सकीय कार्य में अपना योगदान देते हैं। उनके एक दिन के न रहने पर मरीजों और परिजनों सहित मुजरिमों को जांच हेतु लाने वाला पुलिस अमला भी परेशान हो जाता है, उसके बावजूद भी व्यवस्था को दुरूस्त व मांगों को सुनने के लिए शासन-प्रशासन आगे नहीं आ रहा है।

भटकते दिखे मरीज व परिजन :

जिला चिकित्सालय के साथ जिलेभर में पदस्थ मेडिकल लैब टेक्नीशियन, ब्लड बैंक, पैथालॉजी, आरएनटीसीपी, आईसीटीसी, कोविड-19 में कार्यरत के एक दिवसीय अवकाश पर जाने से चिकित्सालय में उपचार हेतु आने वाले मरीजों व परिजनों को बिना जांच के भटकते हुए देखा गया। दर्जनों ग्रामीण जांच के लिए परेशान रहे, लेकिन पूरे दिन चक्कर लगाने के बाद भी उन्हे पूर्ण इलाज नहीं मिल पाया, वहीं जिलेभर के थानो से आरोपी की कोविड व अन्य जांच हेतु आने वाले पुलिसकर्मी भी परेशान दिखाई दिये, अगर अनिश्चितकाली हड़ताल पर चले गये तो आने वाले दिनों में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

प्राइवेट क्लीनिकों को फायदा :

समस्त लैब टेक्नीशियन व अन्य स्टाफ के अवकाश पर चले जाने से शासकीय चिकित्सालय में मरीजों की जांच व अन्य सुविधाएं नहीं मिल पायेगी, 10 दिसबंर से अनिश्चिकालीन हड़ताल में जाना सुनिश्चित किया गया है, अगर स्टाफ चिकित्सालय में नहीं रहा तो आने वाले मरीजों व परिजनों को कई तरह की सुविधाएं नहीं मिल पायेगी, महज चिकित्सालय उपचार हेतु आकर वापस लौटना पड़ेगा या फिर प्राइवेट क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ेगा।

यह हैं मांगे :

वर्षा से प्रयासरत रहे टेक्नीशियनों ने पहले मांग में पदनाम परिवर्तन मेडिकल लैब टैक्नीशियन करने की मांग की है। दूसरा वेतनमान का पुन:निर्धारण कर ग्रेड पे 2800 से 4200 करने की मांग की है। नियत समय पदोन्नति समय में निर्धारित प्रमोशनल चैनल का निर्धारण किया जाना चाहिए, जिसमें नियत समय में मेडिकल लैब टेक्नीशियन को प्रमोशन प्रत्येक 5 वर्ष में प्रदान किया जाए। नियमित पदों की संख्या बढ़ाने एवं पूर्व से रिक्त पदों की भर्ती की जाये। लैब टेक्नीशियन को आगे बढ़ऩे के अवसर प्रदेश में लैब के उन्नयन हेतु पी एच सी. सी एच सी सिविल अस्पताल, जिला चिकित्सालय इत्यादि स्थानों पर योग्य एवं अनुभवी मेडिकल लैब टेक्नीशियनों को सी.एच.ओ. के समान विभागीय प्रशिक्षण अथवा विभागीय परीक्षा के माध्यम से लैब साइंटिफिक ऑफिसर पद का सृजन करते हुए पद स्थापना की जाये जिससे मेडिकल लैब टेक्नीशियनों को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सके।

लैब असिस्टेंट व लैब अटेंडेंट की नियुक्ति :

प्रत्येक लैब में लैब असिस्टेंट और लैब अटेंडेंट की समुचित संख्या में नियुक्तियां की जाए ताकि लैब में कार्य सुचारू रूप से हो सके। डेथ क्लेम किसी भी मेडिकल लैब टेक्नीशियन की किसी भी कारण से होने वाले मृत्यु पर डेथ क्लेम राशि 50 लाख रुपये एवं कोविड संक्रमित या कोविड कार्य करते हुए मृत्यु होने पर 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता एवं लैब टेक्नीशियन के परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाए, रिस्क अलाउंस मेडिकल लैब टेक्नीशियन संक्रमण के खतरे में सबसे ज्यादा संपर्क में रहता है, उसे टी.बी., एच.आई.व्ही, हेपेटाइटिस और कोविड सहित अन्य खतरनाक बीमारियों से संक्रमित होने का खतरा रहता है, अत: लैब टेक्नीशियन को रिस्क अलाउंस या जोखिम भत्ता का प्रावधान किया जाए। संविदा लैब टेक्नीशियनो का नियमितीकरण प्रदेश में कार्यरत नियमित पदों के विरुद्ध राज्य शासन के संविदा लैब टेक्नीशियन, केंद्र व राज्य की परियोजनाओं में कार्यरत समस्त संविदा लैब टेक्नीशियनों को बिना किसी परीक्षा लिए सीधे समायोजन कर नियमित किया जाए। नियमित पदों की भर्ती में प्राथमिकता कोविड-19 महामारी काल में नियुक्त अस्थायी लैब टेक्नीशियन जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए विपरीत परिस्थितियों में सेवाएं प्रदान की इन्हें प्रदेश में नियमित लैब टेक्नीशियन पदों की भर्ती में प्राथमिकता प्रदान की जाए।

25 लाख तक का हेल्थ कार्ड :

मेडिकल लैब टेक्नीशियन का एम्प्लॉईस हेल्थ कार्ड 25 लाख रुपये तक का होना चाहिए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर आसानी से किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके। अतिरिक्त कार्य भत्ता रूटीन ड्यूटी के अतिरिक्त लिए जाने वाले कार्य (रात्रिकालीन ड्यूटी, एमरजेंसी ड्यूटी वी आई पी ड्यूटी एल. टी. टी. कैंप, स्वास्थ्य शिविर इत्यादि) हेतु अतिरिक्त कार्य भत्ता निर्धारित किया जाए। प्रदेश में कार्यरत मेडिकल लैब टेक्नीशियनो को नॉन प्रैक्टिस अलाउस प्राइवेट प्रैक्टिस एवं लैब चलाने की अनुमति प्रदान की जाए। लैब में कार्य समय और लक्ष्य की पुन: समीक्षा पर नई गाइडलाइन निर्धारित की जानी चाहिए ताकि लैब में अनावश्यक विवाद न हो और काम सुचारू रूप से चल सके साथ ही गुणवत्ता के साथ कार्य हो सके। 15 वर्ष 2019 में शासन द्वारा नए नियुक्त हो रहे नियमित लैब टेक्नीशियनों को प्रथम तीन वर्ष तक मूल वेतन का क्रमश: 70, 80, 90 प्रतिशत स्टायफण्ड देने की नीति लागू की गई थी जो कि पूर्णत: अनुचित है, नियुक्ति दिनांक से ही 100 प्रतिशत वेतन के साथ समस्त सुविधाए व भत्ते प्रदान किये जाए साथ ही परिवीक्षा अवधि पूर्ववत 2 वर्ष निर्धारित की जाये। पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। प्रदेश में लेब टेक्नीशियनो की भर्ती आउटसोर्स या अस्थाई रूप से नहीं करते हुए नियमित पदों पर भर्ती की जाए। इस सभी लंबित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।

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