डस्ट की बुनियाद पर बनेगी ढाई करोड़ की बिल्डिंग
डस्ट की बुनियाद पर बनेगी ढाई करोड़ की बिल्डिंगSitaram Patel

Anuppur : डस्ट की बुनियाद पर बनेगी ढाई करोड़ की बिल्डिंग

अनूपपुर, मध्यप्रदेश : ठेकेदार और अधिकारी पैसों की खारित देश के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़। ढाई करोड़ का बालक छात्रावास भवन का निर्माण में भारी अनीयमितता।
Summary

प्रदेश सरकार बाल संरक्षण एवं बच्चों के स्वर्णिम तथा उन्हें बाल अवस्था में शिक्षा से जोड़ने एवं दूर-दराज से विद्यालय तक आने वाले छात्रों को ध्यान में रखते हुए, भारी-भरकम बजट पारित कर छात्रावास भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। धनपुरी निवासी सन्तोष जायसवाल नामक ठेकेदार द्वारा हदों को पार करते हुए, शासन के गाइडलाइन को दरकिनार बिल्डिंग की बुनियाद से गढ़ी जा रही हैं और अधिकारियों की आंखों में कमीशन की पट्टी बंधी हुई है।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। आदिमजाति वित्तविभाग द्वारा विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के संकुल करपा अंतर्गत ढाई करोड़ रुपये लगभग का बालक छात्रावास भवन का निर्माण कराया जा रहा है, ज्ञातव्य हो कि, एक ही ठेकेदार द्वारा क्रमश: करपा, सरई एवं तुलरा में कार्य कराया जा रहा है। जहां पर नियम-कायदे को ताक पर रखकर मिट्टी युक्त डस्ट मलीदा बनाकर कालम व बीम कसे जा रहे हैं। शायद इसी लिये निर्माण कार्य को लेकर सवाल भी हो रहें हैं साथ ही निर्माण स्थल पर किसी भी प्रकार से कोई सूचना पटल नहीं लगवाया गया है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि विभाग, मद स्वीकृत राशि और कार्य पूर्णता की अवधि कब और कितना है। जबकि बोर्ड न लगाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन विभाग द्वारा कभी जुर्माने की राशि सूल ही नहीं की जाती, ऐसे में निर्माण कर्ताओं के हौंसले बुलंद हैं।

आदेश का पालन कर रहें हैं वीरेन्द्र :

अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में करोड़ों की सौगात पर खटाई पड़ रही है, वित्तविभाग द्वारा बनवाये जा रहे निर्माणाधीन भवन को लेकर मीडिया द्वारा बात करने पर साइड इंचार्ज वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हमारा कोई दोष नहीं है, जैसा साहब का निर्देश है वैसा ही हम करवा रहें हैं। कुल मिलाकर भ्रष्टाचार करते-करते ठेकेदार इतने आगे निकल गये कि, अब उन्हे निर्माण स्थल जाने की आवश्यकता नहीं होती है सारा कार्य मैनेजर ही कर देता है।

यह निर्माण कार्य चुपके :

चुपके के अंदाज में विगत चार माह से कछुए की चाल से गतिमान है, जहां पर 100 प्रतिशत डस्ट और सीमेंट बहुमंजिला इमारत खड़ी की जा रही है, जबकि किसी भी परियोजना के सफल निष्पादन के लिये एक प्रभावी योजना होना भी अतिआवश्यक है। भोले-भाले आदिवासियों को आगे बढ़ाने के नाम पर उन्हे और गर्त में ढकेलने का कार्य अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है।

एसडीओ, इंजीनियर नदारद :

आदिमजाति कल्याण वित्तविभाग द्वारा बनवाये जा रहे छात्रावास भवन का निर्माण कार्य विगत चार माह से चल रहा है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी तक साहब का एक या दो बार ही आना हुआ है। जबकि निर्माण स्थल पर प्रशिक्षित मिस्त्री हैं और नहीं अनुभवी कार्यरत कर्मचारी ऐसे में गुणवत्ता और मॉनीटिरिंग सवाल होना लाजमी है। भवन निर्माण कार्य में जंग लगा हुआ सरिया, गुणवत्ताहीन नाम मात्र का रेत व भारी मात्रा में मिट्टी युक्त डस्ट आदि का उपयोग किया जा रहा है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की किस प्रकार से निर्माण कार्य किया जा रहा है, पूरे भवन निर्माण कार्य में मानक माप दण्डों की कमी दिख रही है।

ग्रामीणों ने कराया काम बन्द :

बालक छात्रावास भवन के निर्माण कार्य को लेकर सुरुआत से ही गुणवत्ता पर सवाल खड़े किये जा रहे थे और साथ ही साथ तीसरी नजर रखी जा रही थी, जहां पर खुदाई से लेकर अब तक आँख मूंदकर भ्रष्टाचार का बुरादा डालकर सहारे पर सहारा दिया जा रहा है। जबकि दो माह पहले सोसल मीडिया में सुर्खियां बटोर रही खबर का असर 7 अक्टूबर को देखने को मिला, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों द्वारा निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया गया, जहां पर अनियमितताएं पाई गई और पंचनामा तैयार कर काम बंद करवा दिया गया। ठेकेदार के पयादों की ओर से सूचना दी गई और लगभग 2 बजे इंजीनियर और ठेकेदार आकर, आश्वस्त किया गया कि अभी तक जितने भी कार्य हुए हैं उन्हें तुड़वाकर नये सिरे से गुणवत्ता परक बनवाया जायेगा।

निरीक्षण के दौरान यह रहे उपस्थित :

ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से इसमें सुधार करने की अपील करने के बावजूद सुधार नहीं होते देख विवश होकर काम बंद कराना पडा इस दौरान उपस्थित संस्था प्रमुख हीरा सिंह परस्ते प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करपा, जनपद सदस्या श्रीमती दयावती मार्को, हीरा सिंह युवा ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी पुष्पराजगढ़, रवि नायक मण्ल अध्यक्ष भाजापा, विमल नायक युवा मोर्चा मण्डल करपा, पूरन नायक, आलोक कुमार विश्वकर्मा ग्राम पंचायत सदस्य, नाथूराम बंजारा, डीलन नायक एवं विजय प्रसाद के द्वारा औचक निरीक्षण कर गुणवत्ता पर जोर दिया गया।

इनका कहना है :

शिकायत और विरोध सब राजनीति से प्रेरित है, हमारे द्वारा कार्य नियमानुसार किया जा रहा है, रही बात गुणवत्ता की तो जांच कर ही निर्माण कार्य किया हो रहा है और आगे भी बेहतर कार्य करेंगे।

संतोष जायसवाल, ठेकेदार, बालक छात्रावास भवन निर्माण करपा

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