ट्वीट से संतुष्ट नहीं सहायक प्राध्यापक, कहा-नियुक्ति पत्र ही चाहिए

भोपाल ,मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए दिए थे निर्देश, नहीं माने सहायक प्राध्यापक जारी रहेगी अनवरत हड़ताल।
ट्वीट से संतुष्ट नहीं सहायक प्राध्यापक, कहा-नियुक्ति पत्र ही चाहिए
ट्वीट से संतुष्ट नहीं सहायक प्राध्यापक, कहा-नियुक्ति पत्र ही चाहिएSudha Choubey - RE

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में पीएससी से चयनित सहायक प्राध्यापकों की हड़ताल लगातार जारी है, इस संबंध में अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए, लेकिन प्राध्यापकों का कहना है कि, नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ही हड़ताल बंद करेगें।

मुख्यमंत्री ने दिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश :

प्रदेश में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए बढ़ती मांग और हड़ताल को रोकने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश उच्च शिक्षा विभाग को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा कि, मैंने प्रदेश में पीएससी से चयनित प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं जिसमें किसी संशय की गुंजाइश नहीं है। साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं वह भी यथावत रहेंगे।

प्राध्यापकों ने हड़ताल जारी रखने का किया ऐलान :

मुख्यमंत्री कमलनाथ के ट्वीट के जरिए दिए गए निर्देश के बाद भी सहायक प्राध्यापकों ने हड़ताल अनवरत जारी रखने का फैसला किया है। जिस संबंध में सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश खातरकर का कहना है कि, मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश का हम स्वागत करते हैं, लेकिन जब तक उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर नियुक्ति पत्र अपलोड नहीं हो जाते तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

साथ ही कहा कि, इस संबंध में सरकार से इन 15 महीनों में केवल आश्वासन मिल रहा है इसलिए नियुक्ति पत्र वेबसाइट पर जारी होने और नियुक्ति पत्र लेने के बाद ही हड़ताल रोकेगें। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद हम सरकार के लिए धन्यवाद यात्रा भी निकालेगें।

भूख हड़ताल पर हैं सहायक प्राध्यापक :

बता दें कि, पीएससी से चयनित 2700 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल प्रदेश में लगातार जारी है वे नियुक्ति पत्र की मांग करते हुए काफी दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। सहायक प्राध्यापकों ने 24 नवंबर को इंदौर के महु से संविधान रक्षा यात्रा की शुरुआत की थी जो 30 नवंबर को भोपाल पहुंची थी। जिसके बाद प्राध्यापकों ने शहर के नीलम पार्क में धरना प्रदर्शन किया, जिसमें जहां पुरुष प्राध्यापकों ने मुंडन कराकर विरोध जताया था, वहीं भूख हड़ताल पर बैठने का भी फैसला किया।

भूख हड़ताल के दौरान एक महिला सहायक प्राध्यापक की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राध्यापकों का कहना है कि, सरकार चयनित उम्मीदवारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है ।

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