राज एक्सप्रेस। शासन-प्रशासन द्वारा बच्चों के हितार्थ चलाई जा रही मध्यान्ह भोजन जैसी महती योजना पर शासन के नुमाइंदे ही डाका डाल रहे हैं। ताजा मामला पड़रिया की प्राथमिक और माध्यमिक शाला से सामने आया है जहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक घनश्याम गंधर्व शासकीय उचित मूल्य की दुकान से अगस्त और सितम्बर माह का लगभग ग्यारह क्विंटल गेहूँ और दो क्विंटल चावल स्कूल तक ले गये और वहां कुछ राशन उतारकर शेष राशन पड़रिया स्कूल से 10 किलोमीटर दूर बकस्वाहा ले जाने लगे। इसी दौरान उन्हें भनक लग गई कि उनके द्वारा किए जा रहे कृत्य को मीडियाकर्मी कैमरों में रिकॉर्ड कर रहे हैं तो उन्होंने आनन-फानन में बकस्वाहा स्थित अपने निज निवास पर उक्त राशन रखवा दिया।
अब प्रश्न यह उठता है कि-
आखिर प्रधानाध्यापक बच्चों का राशन घर क्यों ले गए और वह भी कुछ राशन स्कूल में रखने के बाद। वहीं मीडियाकर्मियों ने राशन दुकान के सेल्समैन से भी पूछताछ की तो उसने प्रधानाध्यापक द्वारा दी गई पावती दिखाई जिसमें माह जुलाई और अगस्त के राशन की जानकारी दी गई है जबकि उसी पावती में नीचे प्रधानाध्यापक द्वारा माह अगस्त और सितम्बर का राशन प्राप्त करना बताया गया है। अब यह तो प्रधानाध्यापक ही बतायेंगे कि यह जुलाई-अगस्त का राशन है या अगस्त-सितम्बर का।
मुझे ऐसी जानकारी लगी है की प्रधानाचार्य मध्यान्ह भोजन के लिए आया, खाद्यान्न अपने घर ले गए हैं मैं मामले की जांच करवाता हूं और अगर कुछ गड़बड़ी होगी तो कार्यवाही होगी।
करण सिंह कौरव, तहसीलदार, बक्स्वाहा
पड़रिया स्कूल के प्राचार्य द्वारा खाद्यान्न की हेराफेरी की गई है इस मामले की जांच कर कार्यवाही के लिए लिखूंगा।
राजनाथ सिंह, सीईओ, जपं बक्स्वाहा
आपके माध्यम से जानकारी लगी है अभी तहसीलदार को बोल कर जांच करवाता हूं और अगर इस तरह का कार्य हुआ है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।
डीपी द्विवेदी, एसडीएम, बिजावर
मामले की जांच करवाई जायेगी, दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्यवाही भी होगी।
अरूण शंकर पांडे, बीईओ, बक्स्वाहा
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