चंदेरी में होगा बैजू बावरा संगीत समारोह : शिवराज सिंह

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : पं. कार्तिक व पं. विक्कू विनायकम को कालिदास सम्मान, सम्मान राशि 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की घोषणा।
तानसेन समारोह का शुभारंभ करते शिवराज सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरात्य सिंधियाऔर उषा ठाकुर
तानसेन समारोह का शुभारंभ करते शिवराज सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरात्य सिंधियाऔर उषा ठाकुरSocial Meda

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। संस्कृति विभाग एवं उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के तत्वावधान में ग्वालियर में आयोजित तानसेन संगीत समारोह का अनपौचारिक शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सुविख्यात सितारवादक व पं कार्तिक कुमार व जाने-माने घटम वादक पं. विक्कू विनायकम को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान प्रदान किया। इस मौके पर उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर व उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस मौके पर पं रविशंकर पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तानसेन की संगीत परंपरा गर्व से भर देती है। अकबर ने जब बाबा हरिदास के साथ तानसेन को सुना तो वे भी कायल हो गए। परिपूर्ण जीवन के लिए कला संगीत जरूरी है। इसलिए मध्यप्रदेश में आनंद विभाग भी बनाया है। ये संगीत का चमत्कार है कि निराशा में भी आनंद पैदा हो जाता है। तानसेन समारोह के साथ चंदेरी में बैजू बावरा समारोह भी होगा। कला और संगीत परंपरा का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे। ये समय सिर्फ विकास के लिए कला और संगीत के लिए भी स्वर्णिमकाल होगा, जिसके लिए हर संभव प्रयत्न किया जाएगा। सीएम शिवराज ने इस मौके पर सम्मान राशि 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की घोषणा की।

समीक्षा कर सम्मान राशि बढे : नरेंद्र सिंह तोमर

इस मौके पर के ंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तानसेन समारोह दुनिया के प्रतिष्ठत संगीत समारोह के रूप में जाना जाता है। संगीत विश्वविद्यालय अविभाजित मध्यप्रदेश के खेरागढ़ को मिला जहां कोई बांसुरी बजाना भी नहीं जानता, लेकिन राजनीतिक कमजोरी के कारण ऐसा हुआ, लेकिन शिवराज सरकार ने 19 अगस्त को संगीत विश्वविद्यालय देकर ऐतिहासिक बना दिया। शिवराज सिंह के नेतृत्व में अलंकरण समारोहों की समीक्षा कर सम्मान राशि में इजाफा किया जाए।

शताब्दी समारोह भव्य होगा : ज्योतिरादित्य सिंधिया

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर का एक प्राचीन गौरवशाली इतिहास है। वीर सपूतों व संगीतकारों की अतीत की परंपरा पर हम सब गर्व करते हैं। संगीत ईश्वर का दिया भव्य उपहार है। भारत के संगीत के इतिहास में ग्वालियर का योगदान अविस्मरणीय है, इसलिए कहा जाता है कि यहां नवजात शिशु भी सुर में रोता है। उस्ताद अमजद अली खां के पिता हाफिज अली खां सिंधिया राजवंश में संगीतज्ञ थे। 1762 में माधौ महाराज खुद भजन लिखते थे। जीवाजीराव महाराज ने न सिर्फ संगीत में रुचि रखी,बल्कि हस्सू हद्दू खां से गायन सीखा व सितार की शिक्षा ली। तानसेन समारोह 1924 में माधौ महाराज ने शुरू किया। 1980 में राज्य सरकार ने गोद लिया। दो साल बाद शताब्दी समारोह की योजना अभी से बनानी होगी।

मंच पर स्थान न मिलने से सतीश नाराज :

कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार भी तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर पहुंचे, लेकिन मंच पर स्थान न मिलने से नाराज होकर वे वापस चल दिए। उसके बाद उन्हें मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वे इसे अपमान मानते हुए कार्यक्रम में नहीं रुके और वापस चले गए। कांग्रेस के दूसरे विधायक प्रवीण पाठक कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। इस मौके पर कालिदास सम्मान प्राप्त पं.कार्तिक कुमार ने कहा कि 75 साल मैंने खाली सितार बजाकर लोगों का मनोरंजन किया। प्रदेश सरकार ने मुझे कालिदास सम्मान देकर अभिभूत किया है। मैं समूचे प्रदेश का इसके लिए आभारी हूं। इस मौके पर संभागायुक्त आशीष सक्सेना, राहुल रस्तोगी, वेदकुमार शर्मा समेत संस्कृति विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।

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