बालाघाट, मध्यप्रदेश। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना का संकटकाल जहां बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ नकारात्मक खबरों के बीच से सकारात्मक खबर सामने आईं है जहां जिले की एक डॉक्टर बेटी अपना डॉक्टर का फर्ज निभाने के लिए अकेले स्कूटी से 7 घंटे का सफर तय करते हुए नागपुर पहुंची।
कोरोना संक्रमण में अपनी ड्यूटी को दी पहली प्राथमिकता
इस संबंध में बताते चलें कि, बालाघाट निवासी यह डॉक्टर बेटी जिनका नाम प्रज्ञा घरड़े है जो नागपुर के निजी अस्पताल के एक कोविड केयर सेंटर में सेवाएं भी देती हैं। वह छुट्टी में अपने घर आई थी जहां कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उन्हें छुट्टी के बीच ही नागपुर अपना फर्ज अदा करने लौटना था। लेकिन लॉकडाउन में महाराष्ट्र की ओर जाने वाली बसों और ट्रेनों में जगह ही नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपनी स्कूटी से ही सफर तय करने की ठान ली। परिजनों इस पहले से सहमत नहीं थे लेकिन बेटी की सेवा भावना और दृढ़ इच्छाशक्ति देखते हुए सहमति दे दी।
अपने गृह जिले से नागपुर पहुंचने में तय की 180 किमी की दूरी
इस संबंध में, डॉ. प्रज्ञा ने बताया कि, उन्हें स्कूटी चलाकर बालाघाट से नागपुर पहुंचने में लगभग 180 किमी की दूरी तय करने में करीब 7 घंटे का समय लगा। उन्होंने बताया कि तेज धूप और गर्मी व साथ में अधिक सामान होने से थोड़ी असुविधा जरूर हुई। डॉ प्रज्ञा नागपुर के कोविड केयर सेंटर में 6-6 घंटे की सेवा देती हैं।
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