टाइगर रिजर्व में बढ़ी वाहन संख्याओं पर लगाई रोक
राज एक्सप्रेस। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के पास प्रदेश के वन विभाग के द्वारा राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटन के बड़े आपरेटर्स की व्यवसायिक हितों की पूर्ति के लिए समस्त टाईगर रिजर्वाे में वन्य प्राणियों की संरक्षण की बजाय पर्यटन गतिविधियों को संचालित किये जाने की शिकायत पहुंची थी, जिसमें वन्य प्राणियों सहित विशेषकर बाघों को होने वाले खतरे के अलावा नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत के बाद एनटीसीए ने गाइड लाईन का उल्लंघन मानते हुए प्रदेश सरकार को तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और विधि संवत कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगने के पर तौर देखा जा रहा है, क्योंकि सभी टाईगर रिजर्वाे में वाहनों की संख्या बढ़ा दी गई थी।
तोड़ी एनटीसीए की शर्तें :
शिकायत के बाद एनटीसीए ने माना कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं में प्राधिकरण द्वारा जारी राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण में पर्यटन गति विधियों के लिए आदर्श मूलक मानक और व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत स्थानीय सलाहकार समिति को व्याघ्र आरक्षा हेतु कैरिंग कैपिसिटी की संगणना किये जाने का प्रावधान है। बिना उसके ही क्षमताओं को बढ़ाते हुए एनटीसीए की गाइड लाईन का उल्लंघन किया गया।
क्षमता बढ़ाना नियमों का उल्लंघन :
स्थानीय सलाहाकार समिति से बढ़ी हुई कैरिंग कैपिसिटी का अनुमोदन होने के बाद इसकी मंजूरी व्याघ्र संरक्षण योजना के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से कराये जाने का प्रावधान, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं में वर्णित है, लेकिन इसका भी पालन प्रदेश के वन विभाग के द्वारा नहीं किया गया, जिस पर एनटीसीए ने आपत्ति दर्ज करते हुए क्षमता बढ़ाये जाने पर उल्लंघन पाया।
पूर्व की भांति हो पर्यटन :
जारी किये गये आदेश में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के उप वन महानिदेशक सुरेन्द्र महरा ने आदेश दिये है कि बढ़ाई गई पर्यटन क्षमता विधि सम्मत न होने के कारण ऑन लाईन बुकिंग भी पूर्ववत वाहन क्षमता के अनुरूप किया जाना जरूरी है। साथ ही आदेश जारी होने के बाद प्रदेश सरकार से एनटीसीए के द्वारा जारी किये गये आदेश के पालन की रिपोर्ट भी तलब की गई है। इतना ही नहीं आदेश में यह भी उल्लेख है कि, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की प्रक्रियाओं का पालन किये बगैर पर्यटन वाहन क्षमता में किसी भी प्रकार की कोई भी बढ़ोत्तरी न की जाये।
113 सीटों की बढ़ोत्तरी :
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में पहले 111 वाहन कोर जोन में सुबह-शाम प्रवेश करते थे, जिसे बढ़ाकर 147 कर दिया गया, पन्ना टाईगर रिजर्व में 60 से 85 (25 वाहनों की बढ़ोत्तरी), कान्हा टाईगर रिजर्व में 140 से 178 (38 वाहनों की बढ़ोत्तरी), पेंच नेशनल पार्क में 85 से 99 वाहन कर दिये गये थे (14 वाहन पेंच में भी बढ़ाये गये थे)। वहीं संजय गांधी और सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में किसी भी प्रकार की वाहन क्षमता में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी, जिसके पीछे का कारण यह है कि, वहां पर पर्यटकों की संख्या वैसे ही कम रहती है और संचालन भी वन विभाग के द्वारा किया जाता है, एनटीसीए के आदेश आने के बाद प्रदेश सरकार बढ़ी हुई संख्या को घटाने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ था, कानूनी अड़चनों का भी सामना करना पड़ सकता है।
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