शहडोल : भांजी ने लगाई मामा से न्याय की गुहार

शहडोल, मध्य प्रदेश : मामा! भांजी को दिलाये न्याय। रोहित का दूसरी से हो तलाक, मुझसे हो शादी। पीड़िता पर बनाया जा रहा दबाव, शहडोल अजाक में दर्ज हुआ था मामला।
मामा भांजी को दिलाये न्याय
मामा भांजी को दिलाये न्यायAfsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। अजाक थाने में बीते 3 दिनों पूर्व अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकास खण्ड अंतर्गत बेनीबारी निवासी युवती की शिकायत पर लीलाटोला निवासी रोहित चौकसे के खिलाफ धारा 376, 376/2, 506 आईपीसी सहित एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध कायम किया है। हालांकि अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं पीड़िता पर समझौता करने के लिए लगातार दबाव पड़ रहा है। पीड़िता ने बताया कि रोहित और उसके पिता काफी पैसे वाले हैं और वे गांव में घूम-घूमकर यह पूरी कहानी बता रहे हैं, यही नहीं वे दावा कर रहे हैं कि अग्रिम जमानत कर छूट जायेंगे, इससे अच्छा है, कुछ रूपये लेकर समझौता कर लो, जिस कारण पीड़िता और उसका परिवार काफी डरा सहमा है।

क्या यही है इंसाफ :

पीड़िता ने बताया कि रोहित बीते 6 वर्षाे से उसे बतौर पत्नी का हक देकर अपने साथ रखे हुए था। इस दौरान उसने शारीरिक संबंध भी बनाये थे। मेरे द्वारा करनपठार थाने में शिकायत दी गई थी, लेकिन मामला उनके रसूख व रूपयो के दम पर दर्ज नहीं हुआ। शहडोल पुलिस अधीक्षक ने पीड़ा सुनी और थाने में मामला तो दर्ज कर दिया, भले ही अभी तक वह गिरफ्तार नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। वह जेल जायेगा और चंद दिनों में जमानत पर छूट आयेगा। अपने परिवार के साथ रहेगा, पेशी चलती रहेगी, लेकिन मेरे साथ क्या होगा, क्या यही मेरा इंसाफ है।

पहली शादी है वैध :

पीड़िता ने बताया कि 16 मई 2019 को मंदिर परिसर में मांग भरने के साथ ही वर माला पहनाकर मेरे साथ रोहित ने शादी की थी। तहसील कोर्ट में जाकर लिखा पढ़ी हुई। मैं आदिवासी समुदाय की होने के कारण रजिस्ट्रार कार्यालय की शादी की जानकारी से अनभिज्ञ थी। लेकिन 16 मई को हमने हिन्दू धार्मिक रीति रिवाजों के अनुसार शादी की थी। इसके 5 दिनों बाद 21 मई को रोहित ने दूसरी शादी की। भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार बिना तलाक लिए दूसरी शादी न सिर्फ अवैध है, बल्कि इसमें दण्ड का भी प्रावधान है। पीड़िता ने शहडोल पुलिस अधीक्षक सहित जिले व संभाग के प्रबुद्धजनों से मांग करते हुए कहा कि दूसरी शादी को अवैध घोषित कर, इससे पूर्व हुई पहली शादी को वैध करार दिया जाये।

प्रदेश के मुखिया दिलाये न्याय :

पीड़िता ने प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र भेजकर इस मामले में हस्ताक्षेप कर न्याय की मांग की है, पीड़िता ने कहा कि मुख्यमंत्री हम बच्चों को भांजा और भांजी संबोधित करते हैं, मैं पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट हूं, लेकिन मुझे पूरा न्याय तब मिलेगा, जब समाज में खोई हुई इज्जत वापस मिले और प्रशासन मुझे चौकसे परिवार की बहू बनाने हेतु कार्यवाही करे।

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