धार्मिक स्थलों के द्वार खुलते ही लोगों ने नियमों की उड़ाई धज्जियां
धार्मिक स्थलों के द्वार खुलते ही लोगों ने नियमों की उड़ाई धज्जियांSocial Media

धार्मिक स्थलों के द्वार खुलते ही लोगों ने नियमों की उड़ाई धज्जियां

भिण्ड। धार्मिक स्थलों के द्वार खुलते ही दर्शन करने वाले लोग नियमों को ही भूल गये, चेहरे से मास्क गायब, सोशल डिस्टेसिंग की उड़ाई धज्जियां...

हाइलाइट्स:

  • धार्मिक स्थलों के द्वार खुलते ही दर्शन करने वाले लोग नियमों को ही भूल गये, चेहरे से मास्क दिखा गायब, सोशल डिस्टेसिंग की उड़ाई धज्जियां

  • कलेक्टर ने दिये थे निर्देश फूल, नारियल व अगरबत्ती चढ़ाने से लेकर घंटे बजाने की नहीं थी अनुमति, फिर भी भक्तों ने नियम तोड़ने

  • दंदरौआ धाम में भी डॉक्टर हनुमान के दर्शन करने उमड़ी भीड़, प्रतिबंध के बाद भी बच्चों व वृद्धों ने किये दर्शन

भिण्ड, मध्य प्रदेश। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन शुरु होते ही जिले सहित अंचल के सभी मंदिरों व धार्मिक स्थलों के द्वार बंद कर दिये थे और लोग घर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर याद कर रहे थे। इस महामारी के बीच धीरे-धीरे जनता को सभी तरह की राहत देते हुए छूट प्रदान की जा रही है और 77 दिन बाद जिलेभर के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे खोलने के लिए कलेक्टर वीरेन्द्र सिंह रावत ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा लोगों को भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिरों व धार्मिक स्थलों के द्वारा खोले जा रहे हैं लेकिन शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिये।

इनमें 65 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध सहित 10 साल से कम उम्र के बच्चे व गर्भवती महिलाएं न जाने की सलाह दी गई वहीं मंदिर में किसी तरह का चढ़ावा नहीं किया जायेगा, जैसे फूल, नारियल सहित मंदिर में घंटा बजाने की भी अनुमति नहीं होगी। इतने सख्त निर्देश होने के बाद भी जिले सहित अंचल के मंदिरों में देखने को मिल रहा है कि लोग बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं और सोशल डिस्टेसिंग में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है वहीं लगभग सभी भक्तों के चेहरों से मास्क तो बिल्कुल गायब है, इतना ही नहीं लोग फूलमाला से लेकर नगदी चढ़ाने में नहीं चूक रहे हैं।

इससे ऐसा लगाता है कि लोग कोरोना महामारी को लेकर सजग नहीं है और जरा सी लापरवाही सबके लिए भारी पड़ सकती है। लोग भूल गये हैं कि हमारे जिले में कोरोना सक्रमितों की संख्या एक शतक से ऊपर हो गई है बावजूद भी लोग लापरवाही बरतने में पीछे नहीं हट रहे हैं। मंदिरों में गर्भवती महिलाओं से लेकर बच्चे व वृद्धों को घर रहने की सलाह दी गई है लेकिन सबसे पहली लाइन में यह लोग ही खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। इस महामारी को लेकर जनता के अलावा प्रशासन भी सख्त नहीं है इसलिए धार्मिक स्थलों पर इस तरह की लापरवाही सामने आ रही है।

दर्शन करने पहुंचे भक्तों ने नियमों की उड़ाई धज्जियां

जिले सहित अंचल में धार्मिक स्थलों के द्वार खुलते ही बड़ी संख्या में भक्तगण भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन कलेक्टर द्वारा जारी की गई गाइड लाइन को सभी लोग भूल गये हैं इसका पालन करने के लिए न तो जनता सजग है और न ही धार्मिक स्थल के पंडित-पुजारी जो लोगों को भगवान का आर्शीवाद लेने के साथ-साथ मास्क व सैनेटाइजर का उपयोग करने की भी सलाह देना चाहिए ताकि महामारी से बचाया जा सके। अन्यथा की स्थिति में यह लापरवाही बड़ी भारी पड़ सकती है लोग मंदिरों में फूलमाला से लेकर अगरबत्ती सहित अन्य चढ़ावा करने में लगे हुए हैं जिसके लिए सख्त मनाही है।

बच्चे-बुर्जुग पहुंचे मंदिर, मास्क की जगह गमछे में दिखे लोग

धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने के लिए बुर्जुग, बच्चे सहित गर्भवती महिलाओं को दर्शन न करने की हिदायत दी गई है बावजूद भी दर्शन की पहली पंक्ति में ऐसे ही लोग लाइन में खड़े हुए हैं और महामारी भी ऐसे लोगों को ही सबसे पहले घेरती है यह बात चिकित्सकों द्वारा की गई है। इतना ही नहीं दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालु बिना फेस मास्क के नजर भी आ रहे हैं जो किसी को दिखाई नहीं दे रहा है कई बड़े-बड़े धार्मिक स्थलों पर पुलिस प्रशासन भी लगा हुआ है जो भी नियमों का पालन कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं सिर्फ तमाशबीन बनकर भक्तों को दे रहे हैं धार्मिक स्थलों पर न तो जनता पालन करती हुई नजर आ रही है और नही पुलिस जवान जब नियमों का पालन कराने वाले ही लापरवाही बरतेंगे तो जनता कैसे सुधरेगी इस तरह की जन चर्चा हो रही है।

कोरोना महामारी के चलते तीन माह से बंद था दंदरौआ धाम मंदिर

जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआधाम पर मंगलवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर डॉ.हनुमान जी के दर्शन किए साथ ही महंत रामदास महाराज से आशीर्वाद लिया इस मौके पर किसी श्रद्धालु ने कथा एवं हनुमान चालीसा का पाठ कराया तो किसी श्रद्धालु ने हवन कराया जिले के अलावा डबरा, दतिया, ग्वालियर, इटावा, औरैया, भरथना कई जिलों से आकर श्रद्धालुओं ने दर्शन किए कोरोना महामारी के चलते तीन महीने से मंदिरों के अंदर प्रवेश वर्जित रहा है जिसके चलते श्रद्धालुओं को तीन महीने बाद दर्शन करने पहुंचे । इस अवसर पर महंत रामदास महाराज ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मंदिर तीन महीने से बंद थे जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा अर्चना करने से वंचित रहना पड़ा श्रद्धालुओं को डाँ हनुमानजी की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ योगाभ्यास करने से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है।

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