सीएम हेल्पलाइन शिकायत निराकरण मामले में पिछड़ा भोपाल
सीएम हेल्पलाइन शिकायत निराकरण मामले में पिछड़ा भोपालSyed Dabeer Hussain - RE

सीएम हेल्पलाइन शिकायत निराकरण मामले में पिछड़ा भोपाल, 6 विभाग प्रमुखों को नोटिस

भोपाल, मध्यप्रदेश : सीएम हेल्पलाइन शिकायत निराकरण मामले में जिला निम्न स्तर पर होने की वजह से अब कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अब जिले का प्रर्दाशन उच्च स्तरीय करने के लिए कमर कस ली है।

भोपाल, मध्यप्रदेश। सीएम हेल्पलाइन शिकायत निराकरण मामले में जिला निम्न स्तर पर होने की वजह से अब कलेक्टर अविनाश लवानिया ने अब जिले का प्रर्दशन उच्च स्तरीय करने के लिए कमर कस ली है। उन्होंने ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करना शुरु कर दिया है, जिन्होंने चेतवानी देने के बाद भी सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) शिकायत मामलों को समय-सीमा में निराकरण नहीं किया है। सोमवार को कलेक्टर ने 6 विभागों के प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में दो माह की वेतनवृद्धि रोकने की बात कही गई है।

छह अधिकारियों को दिया गया नोटिस :

कलेक्टर लवानिया ने जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना, जैसमीन अली सहायक श्रमायुक्त श्रम विभाग, बलराम चौहान संभागीय पेंशन अधिकारी, सुमन प्रसाद उपसंचालक कृषि विभाग, डॉ. अजय रामटेके, उपसंचालक पशुपालन विभाग और राजेश बाथम जिला परियोजना समन्वयक राज्य शिक्षा केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी छह अधिकारियों को अलग-अलग नोटिस दिए गए हैं। नोटिस में कहा गया है कि कई बैठकों में संबधित अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से की गई शिकायतें और समास्या के निराकरण को लेकर चेताया गया था, लेकिन इन पर चेतवानी का कोई असर नहीं हुआ और सीएम हेल्पलाईन पोर्टल पर प्राप्त हुए आवेदनों और शिकायतों का समय सीमा निराकरण नहीं किया गया जिससे लंबित प्रकरणों की संख्या कम नहीं हुई। शासन कार्य में लापरवाही और उदासीनता बरतने पर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने 6 विभाग प्रमुख को नोटिस जारी कर 24 घंटे में उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। नोटिस का 24 घंटे में उत्तर नहीं दिया तो दो वार्षिक वेतनवृद्धियां रोक दी जाएंगी।

80 प्रतिशत लंबित शिकायतों का करना होगा निराकरण :

कलेक्टर द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि संबधित सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों में कुल लंबित शिकायत या आवदेनों में से कम से कम 80 फीसदी प्रकरण को अगले 24 घंटे में निराकरण करने के बाद ही नोटिस का उत्तर प्रस्तुत करें। यह पहली बार है कि लापरवाह अधिकारियों को नोटिस जारी कर उत्तर मांगने के साथ ही कार्य भी पूर्ण करने के अनिवार्यता रखी गई है। नोटिस मिलने के बाद संबधित अधिकारी अपने विभाग में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने में लग गए हैं।

इससे पहले भी रोकी वेतनवृद्धि :

कुछ दिन पहले ही कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायत निराकरण में लापरवाही करने पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पीएस गोयल की एक वार्षिक वेतन वृद्धि तत्काल रोकने के आदेश दिए थे। सीएम हेल्पलाइन कार्य में लापरवाह पाए जाने पर श्री गोयल को पूर्व में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसका समय सीमा में जवाब प्रस्तुत नहीं किये जाने पर यह कार्यवाही की गई है। पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता, लापरवाही एवं कर्तव्य विमुखता मानते हुए वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की गई थी।

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