भोपाल: समस्याओं से जूझ रहे लोग, पर पार्षदों को अपनी चिंता

भोपाल : पूरे तीन महीने बाद शनिवार को नगर-निगम परिषद बैठक आयोजित की गई। उम्मीद थी कि बैठक में शहर की समस्याओं पर चर्चा होगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
समस्याओं से जूझ रहे लोग, पर पार्षदों को अपनी चिंता
समस्याओं से जूझ रहे लोग, पर पार्षदों को अपनी चिंताPriyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। पूरे तीन महीने बाद नगर-निगम की परिषद बैठक शनिवार को बुलाई गई। उम्मीद थी कि शहर की 23 लाख आबादी का नेतृत्व करने वाले जनप्रतिनिधि शहर की समस्याओं को उठाएंगे, लेकिन बैठक में धारा 370, मेट्रो का नामकरण, सड़कों का नामकरण और मोदी-कमलनाथ जिंदाबाद के नारे ही लगते रहे। 26 जून को नगर निगम की अंतिम परिषद बैठक आयोजित हुई थी। इस दिन निगम का बजट पेश किया गया था।

जबकि हर दो महीने में बैठक बुलाने का प्रावधान है। यानि पूरे तीन महीने बाद शनिवार को परिषद बैठक आयोजित की गई। उम्मीद थी कि बैठक में शहर की समस्याओं पर चर्चा होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पूरे 8 घंटे चली बैठक में ऐसे प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिसका आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। शहर में भारी बारिश के कारण 85 वार्डों की सड़के जर्जर हों चुकी हैं। करोड़ों रुपए की लागत से लगाई गईं 42 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटों में से 15 हजार लाइटें बंद पड़ी हुई हैं। वहीं शहरवासी आवारा कुत्तों और पशुओं से परेशान है। ट्रैफिक सिग्नल से लेकर पार्किंग और हाकर्स कार्नर की हालत खराब है। लेकिन परिषद में इन मुद्दों पर भी चर्चा नहीं हुई।

खटलापुरा हादसे पर हुई राजनीति

निगम परिषद बैठक में कांग्रेसी पाषर्दों ने खटलापुरा हादसे पर परिषद अध्यक्ष से कहा कि इस घटना को लेकर जनता से माफी मांगे। इस दौरान वार्ड 63 की बीजेपी पाषर्द दयावती कैथोरिया ने कहा कि सी मृतक मेरे वार्ड के हैं, जब मैं इस मामले को नहीं उठा रहीं तो आप क्यों इस पर चर्चा कर रहे हैं। भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि हादसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 11 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन सहायता राशि 4 लाख ही दी गई। तब कहीं जाकर कांग्रेसी पाषर्द अपनी सीटों पर पहुंचे। कुछ देर बाद महापौर ने अपने वक्तव्य में कहा कि हादसे की जांच संभाग कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव से कराना चाहिए।

मेट्रो के नामकरण पर हुआ हंगामा

बैठक शुरू होते ही एमआईसी मेंबर ने हाल ही में मेट्रो भूमिपूजन और मेट्रो का नाम राजाभोज पर करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस पर कांग्रेस पार्षद ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि इसका भोपाल मेट्रो के नाम ही रहना चाहिए। जैसे जयपुर में जयपुर मेट्रो, दिल्ली में दिल्ली मेट्रो आदि नाम है, वैसे ही इसे भोपाल मेट्रो ही नाम दिया जाए। इस दौरान हंगामा करते हुए कांग्रेस पार्षदों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए, वहीं बीजेपी पाषर्दों ने के खिलाफ नारेबाजी की।

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

परिषद बैठक में कश्मीर को धारा 370 एवं 35ए से मुक्त कराने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को परिषद की ओर से अभिनंदन-धन्यवाद प्रस्ताव को बहुमत के आधार पर पारित किया गया। दोनों प्रस्ताव महापौर आलोक शर्मा ने सदन में प्रस्तुत किए। वहीं पार्षद ने रॉयल मार्केट से कलेक्ट्रेट तक के फ्लाई ओवर का नाम समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद स्व.अशोक जैन भाभा के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा। जिसे महापौर आलोक शर्मा ने सर्वसम्मति से पारित किया। नेता प्रतिपक्ष मो.सगीर ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर की प्रतिमा बड़े तालाब में राजाभोज की प्रतिमा के पास स्थित बुर्ज पर स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। जिस पर महापौर ने विधायक के साथ स्थल चयन करने की बात कही।

एमपी नगर और न्यू मार्केट मल्टी लेवल पार्किंग की दुकानों के प्रस्ताव मंजूर किए। जबकि अशोक विहार कालोनी के प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस किया गया। परिषद ने मोतिया तालाब को पट्टे पर देने के प्रस्ताव पर निगम के अपर आयुक्त स्तर के अधिकारियों और महापौर परिषद के सदस्यों की समिति बनाने और समिति की अनुशंसा सहित प्रस्ताव पुन: प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। बैठक के दौरान सदन के लगभग सभी सदस्यों की मांग पर वार्ड विकास निधि की 25% राशि रिलीज करने की महापौर ने घोषणा की। प्रश्नकाल के दौरान महापौर श्री शर्मा ने रेतघाट के पास बड़े तालाब में मस्जिद आलमगीर कलंदरी के पास लगे यूनिपोल की अनुमति की जांच करने, अनुमति निरस्त करने और कमला पार्क कलारी के पास जर्जर भवन पर लगे होर्डिंग की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

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