राशन वितरण करने वाली सहकारी संस्थाओं में भर्तियों पर लगी रोक हटेगी
भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में लंबे समय से अमले की कमी से जूझ रही प्रदेश की 25 हजार से अधिक उचित मूल्य की दुकानों में भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटाई जाएगी। मंगलवार को मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों को सरकार के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल एवं सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने इसका पूर्ण आश्वासन दिया है।
मंत्रियों को बताया गया कि समितियों को गेहूं धान चना सरसों मक्का और बाजरा का प्रासंगिक लोडिंग स्टैकिंग एवं कमीशन की राशि कब भुगतान नहीं किया गया है। कोविड 19 तक पीओएस मशीन से ऑफलाइन वितरण कराने के साथ साथ पीएनजे केवाय खाद्यान्न में प्राप्त कमीशन का 50% विक्रेताओं को प्रोत्साहन राशि जारी नहीं की गई। जबकि इसके आदेश तत्काल जारी होना चाहिए थी। कैडर भर्तियों में लगी रोक को हटाते हुए तत्काल भर्ती के आदेश जारी होना चाहिए। क्योंकि मौजूदा समय मैंं काम क्षमता से अधिक बढ़ गया है। काम के हिसाब से अमले की व्यवस्था नहीं की गई है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बीएस चौहान ने यह भी बताया कि प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में कार्यरत 55000 कर्मचारियों को नियमित कर शासकीय सेवकों की भांति सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। इन कर्मचारियों द्वारा केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ ग्रामीण अंचलों में निवासरत गरीब उपभोक्ताओं को पहुंचाया जा रहा है। उसके बावजूद कर्मचारियों का नियमितीकरण ना होना इनके साथ एक प्रकार से बड़ा अन्याय है। दोनों मंत्रियों ने भरोसा दिया हैै कि भर्तियों के अलावा अन्य जो भी मांगे हैं, उनका शीघ्र ही निदान किया जाएगा।
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